19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीएम हेमंत सोरेन बोले- आदिवासी, दलितों, अल्पसंख्यकों व पिछड़ों के लिए सामाजिक सुरक्षा नाम मात्र की

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि ‘पहचान’ और ‘प्रतिनिधित्व’ दो अहम विषय हैं और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने इसके लिए अपना बचपन, जवानी, बुढ़ापा सब कुछ न्यौछावर किया है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि भारत के लिए सामाजिक सुरक्षा का विषय बहुत मायने रखता है. पर आज आजादी के इतने साल बाद भी कहीं न कहीं यह अधूरा दिखाई दे रहा है. हमारे पूर्वजों और संविधान निर्माता ने सामाजिक सुरक्षा की जैसी परिकल्पना की थी, वह आज खासतौर पर पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग, आदिवासी और दलित के लिए नाम मात्र के लिए है. आज इन वर्गों को सामाजिक न्याय सुनिश्चित होना जरूरी है.

पहचान और प्रतिनिधित्व के बगैर सामाजिक न्याय की परिकल्पना भी बहुत श्रेष्ठ नहीं होगा. सीएम ने यह बातें नयी दिल्ली में ‘ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस’ के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन को रांची से ऑनलाइन संबोधित करते हुए कही. कार्यक्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कर्नाटक के पूर्व सीएम एम वीरप्पा मोइली, वामदलों से सीताराम येचुरी, डी राजा, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, सांसद फारूक अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, राजद के सांसद मनोज कुमार झा एवं अन्य भी शामिल हुए.

शिबू सोरेन ने पहचान और प्रतिनिधित्व के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर किया : सीएम ने कहा कि ‘पहचान’ और ‘प्रतिनिधित्व’ दो अहम विषय हैं और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने इसके लिए अपना बचपन, जवानी, बुढ़ापा सब कुछ न्यौछावर किया है. उन्हें मीडिया से जानकारी मिली है कि गुरु जी वरिष्ठतम सांसदों में से एक हैं. शिबू सोरेन आदिवासी नेता के रूप में देश के पहले व्यक्ति होंगे, जिन्होंने इतना लंबा संघर्ष करने के बाद अपनी जगह बना सके.

झारखंड के पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण :

सीएम ने कहा कि झारखंड विधानसभा में लगभग 13 फीसदी से अधिक महिलाओं की भागीदारी है. राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, जिला परिषद के चुनाव में 50 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित रखी गयी है. पर इससे अधिक ही चुनकर आती हैं.

12 करोड़ आदिवासी समूह के लिए जनगणना में कोई स्थान नहीं

सीएम ने कहा कि आज भी आदिवासी समाज के लिए देश के अंदर कोई जगह नहीं है. यह दुर्भाग्य है कि देश के लगभग 12 करोड़ आदिवासी समूह के लिए जनगणना में कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड में 2019 में उनकी सरकार बनने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा पर फोकस किया जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें