Reliance Industries अगले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 जैसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम में बड़ी कटौती कर सकती है. कंपनी उत्पादित गैस की कीमतों में 14 प्रतिशत तक की कटौती कर सकती है. वर्तमान में उत्पादित गैस की कीमतें यह अभी 12.12 डॉलर प्रति इकाई है. बताया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर ईंधन कीमतों में कमी के बीच प्राकृतिक गैस के दाम घटने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि एक अक्टूबर से शुरू छह महीने की अवधि के लिये गहरे समुद्री क्षेत्रों और उच्च दबाव तथा उच्च तापमान (HPTP) से उत्पादित गैस की कीमत घटाकर 10.4 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) की जा सकती है. यह अभी 12.12 डॉलर प्रति इकाई है. सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम साल में दो बार तय करती है. प्राकृतिक गैस को सीएनजी और पीएनजी में बदला जाता है. सीएनजी का उपयोग वाहन ईंधन के रूप में, जबकि पीएनजी का उपयोग घरों में खाना पकाने में किया जाता है. इसके अलावा बिजली और उर्वरक उत्पादन में भी इसका इस्तेमाल होता है.
कैसे तय होते हैं गैस के दाम
गैस के दाम तय करने के लिये दो फॉर्मूले हैं. ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और ऑयल इंडिया लि. (OIL) से उत्पादित गैस तथा गहरे सागर जैसे कठिन क्षेत्रों में स्थित नये क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिये इन फॉर्मूलों का उपयोग किया जाता है. दरों का निर्धारण हर साल एक अप्रैल और एक अक्टूबर को किया जाता है. इस साल अप्रैल में, पुराने क्षेत्रों से जुड़े फॉर्मूले में बदलाव किया गया. इसके तहत इसे मौजूदा ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत के 10 प्रतिशत पर मानकीकृत किया गया. हालांकि, दर के लिये 6.5 डॉलर प्रति यूनिट की सीमा तय की गयी थी. पुराने क्षेत्रों की दरें अब मासिक आधार पर तय की जाती हैं. सितंबर महीने के लिये कीमत 8.60 डॉलर प्रति इकाई हो गई, लेकिन सीमा तय होने के कारण उत्पादकों को केवल 6.5 अमेरिकी डॉलर ही मिलेंगे. ब्रेंट कच्चे तेल का औसत भाव इस महीने करीब 94 डॉलर प्रति बैरल है. लेकिन सीमा तय होने से दर 6.5 डॉलर बनी रहेगी.
रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक बाजारों में ईंधन के दाम हुए थे मजबूत
सूत्रों ने कहा कि कठिन क्षेत्र से उत्पादित गैस की कीमत के लिए पुराने फॉर्मूले का ही उपयोग किया जा रहा है. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय एलएनजी की कीमतों का एक साल का औसत और कुछ वैश्विक गैस केंद्रों पर दरों को एक तिमाही के अंतराल के साथ लिया जाता है. उन्होंने कहा कि जुलाई, 2022 से जून, 2023 की संदर्भ अवधि में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आई थी. इसीलिए कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिये कीमतें कम होंगी. एक अप्रैल से शुरू एक महीने की अवधि के लिये कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत घटाकर 12.12 अमेरिकी डॉलर प्रति इकाई कर दी गई, जो पहले रिकॉर्ड 12.46 डॉलर थी. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में ईंधन के दाम मजबूत हुए थे. इससे अक्टूबर, 2022 से मार्च, 2023 के बीच देश में पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के दाम भी चढ़कर रिकॉर्ड 8.57 डॉलर पर पहुंच गये. वहीं कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत 12.46 डॉलर हो गयी.
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70 प्रतिशत तक बढ़े थे सीएनजी और पीएनजी के दाम
पुराने फॉर्मूले के आधार पर एक अप्रैल से पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के दाम बढ़कर 10.7 डॉलर प्रति इकाई किए जाने थे, लेकिन सरकार ने कीमतों को काबू में रखने के लिये फॉर्मूले में बदलाव किया और दाम को लेकर सीमा तय कर दी. पूर्व में गैस के दाम बढ़ने से सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की दरें 70 प्रतिशत तक बढ़ी थीं. इससे आमलोगों के पॉकेट पर सीधे मार पड़ी थी. साथ ही, महंगाई के सूचकांक में भी बड़ा असर पड़ा था. हालांकि, अब दाम में कटौती से लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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