Stock Market Update: भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 796 अंक का गोता लगा गया. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर पर निर्णय से पहले वैश्विक स्तर पर कमजोरी के रुख के बीच बैंक और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 796 अंक यानी 1.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66,800.84 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 868.7 अंक तक लुढ़क गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 231.90 अंक यानी 1.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20 हजार अंक के स्तर से नीचे 19,901.40 अंक पर बंद हुआ.
सतर्क रुख से बाजार में आयी नरमी
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल 16 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गया है. इसके अलावा कच्चे तेल की ऊंची कीमत से जिंसों की महंगाई बढ़ने की आशंका से भी निवेशक धारणा प्रभावित हुई. विदेशी कोषों की निकासी और दुनिया के विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर पर निर्णय से पहले सतर्क रुख से बाजार में नरमी आई. इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व, बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान की बैठकें होने वाली हैं. सेंसेक्स की कंपनियों में एचडीएफसी बैंक सबसे ज्यादा चार प्रतिशत नीचे आया. इसके अलावा जेएसडब्ल्यू स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति, टाटा स्टील, विप्रो, टेक महिंद्र, भारती एयरटेल और लार्सन एंड टुब्रो भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, आईटीसी और इन्फोसिस शामिल हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने और मजबूत डॉलर के कारण घरेलू बाजार दबाव में रहे. फेडरल रिजर्व की आगामी नीति, ब्याज दर का रुख और बढ़ती तेल कीमतों को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि कोष की बढ़ती लागत और जमाओं में कमी के कारण शुद्ध प्रतिफल में कमी के चलते बैंक निफ्टी ने आज कमजोर प्रदर्शन किया. व्यापक बाजारों में बीएसई स्मॉलकैप 0.51 प्रतिशत और मिडकैप 0.33 प्रतिशत गिर गया. क्षेत्रवार सूचकांकों की बात करें तो वित्तीय सेवा में 1.39 प्रतिशत, जिंस में 1.39 प्रतिशत, धातु में 1.25 प्रतिशत, रियल्टी में 1.20 प्रतिशत, बैंकेक्स में 1.05 प्रतिशत, दूरसंचार में 0.95 प्रतिशत और तेल एवं गैस में 0.68 प्रतिशत की गिरावट हुई.
एशिया के अन्य बाजार भी निराश
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहा. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा. अमेरिकी बाजार में मंगलवार को गिरावट रही थी. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 93.18 डॉलर प्रति बैरल रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 1,236.51 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
मार्केट कैप पर पड़ा बड़ा असर
घरेलू शेयर बाजार में दो दिनों की गिरावट से निवेशकों को करीब 2.89 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है. आज से पहले सेंसेक्स सोमवार को 241.79 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 67,596.84 अंक पर बंद हुआ था. जबकि, गणेश चतुर्थी के मौके पर बाजार मंगलवार को बंद था. शेयर बाजार में दो दिनों की गिरावट के साथ बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,89,121.56 करोड़ रुपये घटकर 3,20,51,859.15 करोड़ रुपये पर आ गया. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर पर निर्णय आने से पहले वैश्विक बाजारों में कायम कमजोर रुख के बीच बैंक और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा.
आज बाजार के बेतहाशा गिरने के क्या कारण हैं?
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गिरावट का प्रमुख कारण एचडीएफसी बैंक के एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय के बाद बाजार को सीधे तौर पर प्रभावित होना था. इसने समग्र बैंकिंग सूचकांक को 0.7% नीचे खींच लिया, जो अगस्त के अंत के बाद से अपनी सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट की राह पर था.
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रात भर कमजोर अमेरिकी बाजारों के साथ-साथ वैश्विक कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण भारतीय शेयर बाजार को भी झटका लगा, जबकि अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई.
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मंगलवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर राजपत्रित अवकाश से पहले, सोमवार को भारतीय शेयर सूचकांक लाल निशान में बंद हुए. ऐसा माना जाता है कि पिछले सप्ताह सूचकांकों के नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने अपना कुछ पैसा निकाल लिया होगा.
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वित्त बाज़ार में भी 1.2% की गिरावट आई, जो 3 अगस्त के बाद सबसे खराब सत्र है.
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आईटी और तेल और गैस जैसे अन्य क्षेत्रों ने बेंचमार्क पर क्रमशः 0.4% और 0.6% की गिरावट का दबाव डाला.
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व्यक्तिगत शेयरों के बीच, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी कई ब्लॉक सौदों पर 1.9% की गिरावट आई.
(भाषा इनपुट के साथ)
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