17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

किसानों की सहायता

समय-समय पर कृषि के विकास के लिए कदम उठाये जाते रहे हैं. इसी कड़ी में सरकार ने अब किसान ऋण पोर्टल तथा घर-घर किसान क्रेडिट कार्ड अभियान शुरू करने की घोषणा की है.

दुनियाभर में आज भारत के विकास का डंका बजता है, लेकिन उस विकास की तस्वीर में चमक-दमक ज्यादा दिखती है. उस भारत में हाइवे, मेट्रो, विमान, कंप्यूटर, मोबाइल फोन, ऑफिस, उद्योग, पढ़ाई से लेकर खेल-कूद, गीत-संगीत को लेकर उत्साहित युवा दिखाई देते हैं. लेकिन, यह भारत की अधूरी तस्वीर है. भारत की संपूर्ण तस्वीर का अंदाजा इस साल संसद में पेश किये गये आर्थिक सर्वेक्षण से मिलता है.

इसमें बताया गया है कि देश के 65 फीसदी लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, और 47 फीसदी आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है. यानी, भारत की वह पुरानी तस्वीर अभी भी बहुत नहीं बदली है, जिसमें भारत को एक कृषि प्रधान देश और गांवों का देश बताया जाता था. लेकिन समस्या तब हो जाती है जब खेती घाटे का पेशा होने लगती है. समस्या और बड़ी हो जाती है जब अर्थव्यवस्था में खेती का योगदान घटता जाता है. वर्ष 1950-51 में देश की जीडीपी में कृषि का योगदान 55.4 प्रतिशत था.

वर्ष 2022-23 में यह घटकर 18.3 प्रतिशत रह गया है. सरकारों के लिए यह गिरावट चिंता का विषय रहा है. इसलिए कृषि के विकास के लिए कदम उठाये जाते रहे हैं. इसी कड़ी में सरकार ने अब किसान ऋण पोर्टल तथा घर-घर किसान क्रेडिट कार्ड अभियान शुरू करने की घोषणा की है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस पोर्टल से जानकारी मिल सकेगी कि ऋण सुविधाओं से कितने लोग लाभान्वित हुए हैं.

किसान क्रेडिट कार्ड योजना 1998 में लायी गयी थी. इसका उद्देश्य किसानों को खेती करने तथा बीज, खाद, कीटनाशक आदि खेती में काम आने वाली सामग्रियों को खरीदने के लिए पर्याप्त और समय पर कर्ज उपलब्ध कराना था. कृषि मंत्रालय के अनुसार, मार्च 2023 तक देश में 7.35 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड खाते सक्रिय थे. स्पष्ट है कि अभी भी बड़ी संख्या में किसानों तक इस सुविधा का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है. किसान ऋण पोर्टल तथा घर-घर किसान अभियान से ऐसे किसानों को इस योजना से जोड़ने में मदद मिल सकेगी.

सरकार ने साथ ही एक मौसम सूचना नेटवर्क डेटा प्रणाली की भी शुरुआत की है. इसके माध्यम से मौसम संबंधी डेटा का गहन तरीके से अध्ययन कर सुझाव दिये जा सकेंगे. जलवायु परिवर्तन के दौर में, मौसम के अप्रत्याशित बदलावों से अक्सर खेती पर प्रतिकूल असर पड़ता है. किसानों को मौसम की मार से बचाने के लिए ऐसे प्रयास बहुत जरूरी हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें