गिरिडीह, मृणाल: जमुआ-गिरिडीह मुख्य मार्ग के बाटी मोड़ के पास बीते 21 जून की रात डीवाई कंपनी से पांच करोड़ रुपये लूट मामले का मास्टरमाइंड खिरोधर साव उर्फ गुलाब साह और उसके एक साथी मुन्ना रविदास को 77 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस पदाधिकारियों को गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने प्रशस्ति पत्र और नकद राशि देकर सम्मानित किया. एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बेहतर कार्य करने वाले खोरीमहुआ एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो, सरिया-बगोदर एसडीपीओ नौशाद आलम, साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इसके अलावा टीम में शामिल अन्य पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को भी प्रशस्ति पत्र और नकद राशि देकर सम्मानित किया गया. आपको बता दें कि लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी. गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा के अलावा विशेष छापामारी टीम का नेतृत्व कर रहे खोरीमहुआ के एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो लगातार छापेमारी कर रहे थे. इस कांड का मास्टरमाइंड एवं शातिर अपराधी खिरोधर साह उर्फ गुलाब साव घटना के बाद से ही अपने हिस्से में मिले लूट के रुपयों को लेकर फरार चल रहा था. आखिरकार उसे तमिलनाडु से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इस लूटपाट मामले में कुछ आठ आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है. इसके साथ ही लूट के 4 करोड़ रुपये बरामद कर लिए हैं.
टीम में ये थे शामिल
एसपी दीपक कुमार शर्मा के निर्देश पर गठित एसआईटी और छापामारी टीम में खोरीमहुआ एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो, सरिया-बगोदर एसडीपीओ नौशाद आलम, साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी, जमुआ थाना प्रभारी विपिन कुमार, धनवार थाना प्रभारी सत्यदीप कुमार, पुअनि राहुल चौबे, अभिमन्यु परिहारी, आरक्षी जोधन महतो, राजेश गोप, पितांबर पांडेय, सन्नी कुमार, राजेश कुमार, हवलदार अखिलेश कुमार भानू, साकेत कुमार, टुनटुन कुमार साह, नरेश हजाम, नगीना पासवान, आसिम अंसारी, राधेश्याम लकड़ा, बसंत सिंह सरदार, मंगरा उरांव, मुकेश भगत, मो नसीम और नेहाल अख्तर शामिल हैं. इन्हें एसपी ने सम्मानित किया है.
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कैसे हुई गिरफ्तारी
आपको बता दें कि इस लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी. गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा के अलावा विशेष छापामारी टीम का नेतृत्व कर रहे खोरीमहुआ के एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो लगातार छापेमारी कर रहे थे. इस कांड का मास्टरमाइंड एवं शातिर अपराधी खिरोधर साह उर्फ गुलाब साव घटना के बाद से ही अपने हिस्से में मिले लूट के रुपयों को लेकर फरार चल रहा था. इसकी गिरफ्तारी के लिए गठित छापामारी दल के द्वारा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, तामिलनाडु एवं अलग-अलग राज्यों में छापेमारी की जा रही थी, लेकिन इस कांड का मास्टरमाइंड गुलाब साह भागने में सफल हो जाता था. इसी बीच गुप्त एवं तकनीकी स्त्रोतों के सहयोग से अभियुक्त गुलाब साह के तमिलनाडु के कन्याकुमारी में छिपे रहने की सूचना प्राप्त हुई. जिसके बाद पुलिस की टीम ने गुलाब साह की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम को छापेमारी करने के लिए तमिलनाडु भेजा गया. जिसके बाद पुलिस की टीम ने मोबाइल लोकेशन के जरिए मास्टरमाइंड गुलाब साह को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
अर्धनिर्मित मकान में जमीन के अंदर छिपा कर रखा था रुपये
पूछताछ करने पर गुलाब ने खुद को घटना में संलिप्त रहने की बात कहते हुए बताया कि उसने अपने हिस्से में मिले लूट के रुपयों को बरही थाना अंतर्गत अलग-अलग स्थानों पर छिपा कर रखा था. इसके बाद पुलिस ने गुलाब की निशानदेही पर बरही में छापेमारी कर गुलाब के पार्किंग स्थल पर बने अर्धनिर्मित मकान में जमीन के अंदर छिपा कर रखे गये 39 लाख रुपये एवं गैरेज के अंदर छिपा कर रखे गये घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो को बरामद किया. इसी बीच गुलाब ने पुलिस को बताया कि उसने लूट की कुछ राशि अपने साथी मुन्ना रविदास (बरही के पडिरमा निवासी) को छिपाकर रखने को दिया है. इसके बाद पुलिस की टीम ने मुन्ना रविदास के घर में छापेमारी करते हुए 38 लाख 500 रुपये बरामद कर लिया. इस तरह से पुलिस ने इस लूटपाट मामले में कुछ आठ आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है. इसके साथ ही लूट के 4 करोड़ रुपये बरामद कर लिए हैं.
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क्या है पूरा मामला
21 जून की रात अपराधियों ने जमुआ थाना इलाके के बाटी मोड़ के पास उस वक्त डीवाई कंपनी के पांच करोड़ रुपये लूट लिए, जब कंपनी के कर्मी क्रेटा कार में पटना से कोलकाता ले जा रहे थे. क्रेटा कार के अंडरग्राउंड सेफ में कंपनी के पांच सौ रुपये की गड्डियां भरी हुई थीं. इस मामले को लेकर क्रेटा कार के चालक मयूर सिंह जडेजा ने जमुआ थाना में आवेदन देकर जमुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. मयूर ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा था कि 20 जून की रात को वह अपने सहयोगी जगत सिंह जडेजा के साथ रात करीब 9 बजे पटना के डीवाई कंपनी के मैनेजर भरत सिंह सोलंकी के निर्देश पर क्रेटा वाहन में पांच करोड़ रुपये नगद लेकर कोलकाता के लिए निकला था कि रास्ते में गिरिडीह जिले के जमुआ थाना क्षेत्र में बाटी के पास रोड पर स्कॉर्पियो तथा एक्सयूवी वाहन से आये अपराधकर्मियों द्वारा उक्त क्रेटा वाहन को ओवर टेक कर रोक लिया तथा उसके चालक व सहयोगी को कब्जे में लेकर क्रेटा वाहन में रखे पांच करोड़ रुपये लूट लिए.
घटना के डेढ़ माह पूर्व ही रची गयी थी पूरी साजिश
इस लूटकांड को अंजाम देने के लिए घटना के दिन से करीब करीब डेढ़ माह पूर्व ही साजिश रची गयी थी, गिरोह के सदस्यों ने बरही में ही इस लूटेरा गिरोह ने क्रेटा कार में चिप प्लांट किया था. उस वक्त गिरोह के लोगों ने डीवाई कंपनी के कर्मियों से सेल टैक्स का अधिकारी बनकर सात लाख रुपये की वसूली की थी. उसी समय से गिरोह के लोगों को पता था कि डीवाई कंपनी की मोटी रकम इसी क्रेटा कार से ढोयी जाती है, इसलिए क्रेटा कार पर जीपीएस के माध्यम से निगरानी रखी जा रही थी. डीवाई कंपनी की पांच करोड़ की राशि लोड होने और पटना से कोलकाता जाने की सूचना गिरोह को पटना से ही मिली थी. जबकि लूटकांड की इस घटना को अंजाम देने के लिए डीवाई कंपनी के पटना स्थित कार्यालय में गिरोह का ही एक व्यक्ति लंबे समय से रैकी कर रहा था. क्रेटा कार में मोटी रकम लोड होने की सूचना उसी व्यक्ति ने गिरोह को उपलब्ध करायी और उसके बाद गिरोह के लोग जीपीएस के माध्यम से कार को ट्रैक करने लगे. फिर गिरिडीह जिले के जमुआ के बाटी गांव के पास रोक कर उससे पांच करोड़ रुपये लूट लिए थे.