India-Canada Conflict: भारत और कनाडा के बीच के आपसी संबंध बीते कुछ दिनों में काफी खराब हो गए हैं. एक वक्त था जब दोनों देश एक दूसरे के काफी अच्छे दोस्त माने जाते थे. मगर, वर्तमान की तनातनी के बीच दोनों के बीच दुश्मनी के एहसास हो रहा है. डिप्लोमेटिक लेवल पर संबंध दोनों देशों के बीच उपजे विवाद का सीधा असर बाजार और व्यापार पर देखने को मिल रहा है. दोनों देशों की प्रौद्योगिकी कंपनियों की फिलहाल स्थिति पर नजर है और वे देखो और इंतजार करो की नीति अपना रही हैं. हालांकि, उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि फिलहाल इस संबंध में चिंता की कोई बात नहीं है. सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के शीर्ष निकाय नैस्कॉम ने बयान में कहा कि हमारी स्थिति पर नजर है और हम हितधारकों के संपर्क में हैं, ताकि ऐसे संभावित क्षेत्रों का पता लगाया जा सके जिन्हें समर्थन की जरूरत है.
स्थिति पर नजर बनाये है कंपनियां
नैस्कॉम ने कहा कि हम कनाडा में अपने सदस्यों से लगातार संपर्क में हैं और उनका कहना है कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है. यह टिप्पणी जून में एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद उभरे राजनयिक विवाद की पृष्ठभूमि में आई है. भारत ने इस आरोप को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है. भारत ने कनाडा में अपनी वीजा सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित कर दी हैं. बड़ी आईटी सेवा प्रदाताओं समेत भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों का कनाडा में परिचालन और कारोबारी संबंध है. वहां वे अपने उपभोक्ताओं को सेवाएं देती हैं. इन प्रौद्योगिकी कंपनियों ने कनाडा में निवेश किया है और वहां रोजगार पैदा किए हैं. उद्योग जगत के दिग्गज टी वी मोहनदास पई ने कहा कि हालांकि अभी ज्यादा असर नहीं है, बस यह देखना होगा कि यह स्थिति कब तक रहती है. फिलहाल ज्यादा असर नहीं है क्योंकि तकनीकी उद्योग का कारोबार चल रहा है. वीजा मुद्दा प्रवाह को प्रभावित कर सकता है, लेकिन हमें यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि यह स्थिति कबतक रहती है.
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