यूपी की राजधानी में करीब 500 से अधिक उपभोक्ता तीन-चार महीनों से मीटर तेज चलने और अधिक यूनिट का बिल आने से परेशान हैं. अगर कोई उपभोक्ता चाहे तो निर्धारित फीस जमा कर चेक मीटर लगवा सकता है. घर में लगे और चेक मीटर से 07-15 दिनों की रीडिंग ली जाएगी. जिसके बाद पता लग जाएगा कि मीटर खराब है या सही रीडिंग ले रहा है.
दरअसल, बिजली विभाग में मीटर तेज चलने, बिल ज्यादा आने, चेक मीटर न लगने की शिकायत करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मीटर तेज चलने के ज्यादातर मामलों में कारण उपकरणों का पुराना होना और वायरिंग में अर्थिंग न होना है. मीटर में खराबी नहीं है. वहीं मध्यांचल विद्युत निगम निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार ने बताया कि चेक मीटर की कमी नहीं है. जैसे ही मीटर तेज चलने की शिकायत आती है तत्काल लगाया जाता है. जहां कमी है, वहां नए चेक मीटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
वहीं, बिजली व्यवस्था सुधारने की कवायद में जुटे उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने अब मीटर रीडरों के माध्यम से बकायेदार उपभोक्ताओं को नोटिस भेजे जाने का प्रयोग किए जाने का निर्देश दिया है. प्रबंधन को भरोसा है कि बिल के साथ नोटिस दिए जाने पर उपभोक्ता पर बकाये बिल का भुगतान करने का दबाव बनेगा और वह बकाये का भुगतान जल्द करने की कोशिश करेगा.
इस नवाचार के लिए सभी एमडी को लिखा पत्र पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने सभी विद्युत वितरण निगमों के एमडी को इस आशय का पत्र लिखा है. जिसमें व्यवस्था सुधार और राजस्व वसूली के नवीन प्रयासों को प्रोत्साहित करने को कहा है. मूलत: यह प्रयोग केस्को (कानपुर) के अधिशासी अभियंता अजय आनंद का है. अजय आनंद द्वारा मीटर रीडर के माध्यम से नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू की, जिससे वहां उपभोक्ताओं के टर्नअप में इजाफा हुआ है.
इस व्यवस्था में मीटर रीडर रीडिंग लेने के बाद यह देखेगा कि उपभोक्ता ने पूर्व में कब अंतिम बार बिल का भुगतान किया है. यदि बिल का भुगतान एक महीने पहले किया गया होगा तो वह मौके पर ही सेक्शन तीन के प्रपत्र यानी नोटिस पर नाम पता व बकाया राशि भरकर डिस्पैच नंबर डालते हुए बिल के साथ स्टेपल कर उपभोक्ता को दे देगा. मीटर रीडर उपभोक्ता का खाता संख्या और मोबाइल नंबर एक नोटपैड पर अंकित किया जाएगा. महीने के अंत में मीडर रीडर द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना आधार पर उपभोक्ता की केवाईसी अपडेटेशन भी कर लिया जाएगा.
इसी तरह का एक प्रयास वाराणसी के अधिशासी अभियंता नीरज पांडेय ने किया था. जिसमें प्रत्येक मीटर रीडर के साथ वह विभाग के कर्मचारी को भेजने लगे. इस व्यवस्था से काल्पनिक रीडिंग भरने और गलत रीडिंग के साथ बिल बनाने पर अंकुश लगा. इस प्रयोग को अभियान के रूप में प्रबंधन ने लिया. जिसके तहत अब पावर कारपोरेशन मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों, अभियंताओं को ‘उपभोक्ता आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत मीटर रीडर के साथ उपभोक्ताओं के पास भेजा जा रहा है.