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रोजाना करते हैं जिम तो न करें इन गाइडेंस को नजरअंदाज, नहीं तो हो सकती है भारी परेशानी

प्री-वर्कआउट और पोस्ट-वर्कआउट सप्लीमेंट का ट्रेंड युवाओं पर हावी है. इसे लेने से युवा परहेज नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा कम समय में आकर्षक बॉडी बनाने के लिए एस्टेरॉयड भी ले रहे हैं.

रांची: बेहतर जिंदगी के लिए फिट रहना आवश्यक है. आज के युवा खुद को फिट रखने के लिए जिम से जुड़ रहे हैं. घंटों जिम में पसीना बहाने के लिए ट्रेडमिल और वेट ट्रेनिंग कर रहे हैं. नियमित जिम करने के साथ सप्लीमेंट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर जिम में नियमित गाइडेंस के साथ वर्कआउट किया जाये, तो ठीक है. लेकिन अगर इसे नजरअंदाज कर अनियमित तरीके से वर्कआउट करते हैं, तो शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इन्हीं कारणों से हाल के दिनों में एक्सरसाइज के दौरान जान जाने की घटना बढ़ी है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ शरीर की ट्रेनिंग के साथ उसे आराम देने पर भी जोर दे रहे हैं, जिससे लोगों में वर्कआउट का डर तैयार न हो. पेश है रिपोर्ट…

गंभीर बीमारी बढ़ाते हैं सप्लीमेंट

जिम में वर्कआउट करनेवाले युवा फूड सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि कम समय में बेहतर शारीरिक ढांचा तैयार हो. वहीं फिटनेस प्रोफेशनल्स और खेल से जुड़े एथलीट प्रतियोगिता में जगह बनाने के लिए ज्यादा समय तक एक्सरसाइज करते हैं. इस दौरान फूड सप्लीमेंट्स को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं. फिटनेस एक्सपर्ट के अनुसार, एक्सरसाइज के साथ फूड सप्लीमेंट्स का बाजार भी तेजी से बढ़ा है. प्री-वर्कआउट और पोस्ट-वर्कआउट सप्लीमेंट का ट्रेंड युवाओं पर हावी है. इसे लेने से युवा परहेज नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा कम समय में आकर्षक बॉडी बनाने के लिए एस्टेरॉयड भी ले रहे हैं. इसे इंजेक्शन या टैबलेट के तौर पर लिया जा रहा हैं. यह आर्टिफिशियल हार्मोन ग्रोथ को बढ़ावा देता है, जो समय के साथ शरीर में गंभीर बीमारी को जन्म देते हैं.

एक्सरसाइज में समय का ध्यान रखना जरूरी

एक्सरसाइज के लिए समय तय करना जरूरी है. जल्द परिणाम के चक्कर में युवा हाई इंटेंसिटी ट्रेनिंग (एचआइटी) कर रहे हैं. इसमें कम समय में शरीर को पंप करने के लिए ओवर एक्सरसाइज कराया जाता है. वहीं एचआइटी वैसे लोगों के लिए है, जो कोर और स्ट्रेंथ एक्सरसाइज की रूटीन को पूरा कर चुके हैं. आज के कई युवा जल्दी आकर्षक बॉडी बनाने की चाहत में शरीर को ओवर ट्रेन करते हैं. फिटनेस एक्सपर्ट के अनुसार, ओवर ट्रेनिंग और सप्लीमेंट के साथ जरूरी नींद नहीं लेना या आराम नहीं करना, हृदयाघात यानी हार्ट अटैक जैसी समस्या को बढ़ावा दे रहा है.

ट्रेडमिल 20 मिनट से ज्यादा नहीं करें : ट्रेडमिल कार्डियो से जुड़ी एक्सरसाइज है. इसे 20 मिनट से ज्यादा नहीं करने की सलाह दी जाती है. ट्रेडमिल पर लगातार एक समान स्पीड में दौड़ने से पैर में मोच या नस से जुड़ी समस्या हो सकती है. ऐसे में इसकी स्पीड को कम से ज्यादा, फिर थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर स्पीड से स्लो करने की जरूरत है.

वेट ट्रेनिंग 45 मिनट या एक घंटा से ज्यादा नहीं करें : इसमें व्यक्ति के शारीरिक वजन और क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है. वेट ट्रेनिंग का असर शरीर के साथ-साथ दिमाग पर पड़ता है. फिटनेस एक्सपर्ट वेट ट्रेनिंग को 45 मिनट और एक घंटा से ज्यादा नहीं करने की सलाह देते हैं. इसमें भी समय अंतराल पर वजन को बढ़ाने और फिर उसे घटाने की जरूरत है. हर एक्सरसाइज रूटीन के बीच एक से दो मिनट का ब्रेक लेना जरूरी है.

जिम करते हुए जान जाने के मिले कई कारण

– न्यूरोसर्जन डॉ विकास कुमार के अनुसार जिम करते हुए लोगों की मृत्यु का कारण ऑटोप्सी के बाद ही पता चल पाता है. ज्यादातर लोगों की हृदय से संबंधित समस्या के कारण जान गयी. कुछ लोगों की ब्रेन से संबंधित समस्या (ब्रेन हेमरेज) के कारण जान गयी. कुछ लोगों की टोक्सिलॉजी रिपोर्ट में ट्रामाडोल ड्रग्स पाया गया है.

-35 साल से कम उम्र के लोग में कंजेनिटल हार्ट डिजीज / हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी नामक हृदय की बीमारी पहले से हो सकती है, जो एक्सट्रीम एक्सरसाइज करने से बढ़ जाती है और अचानक मृत्यु का कारण बनती है.

– 35 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (आम भाषा में हार्ट अटैक /हार्ट ब्लॉक) आजकल काफी कॉमन हो गयी है. कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. जब हम अचानक से सीवियर एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, तो यह जान जाने का कारण बन जाती है.

-कोरोना के दौरान ब्लड क्लोटिंग / नसों में खून का थक्का जमना जैसी समस्याएं काफी बढ़ गयी थीं. इससे हार्ट ब्लॉकेज /अटैक के चांस बढ़ते हैं. पोस्ट कॉविड में इसे भी महत्वपूर्ण कारणों में गिना जा रहा है.

बचाव ही एक मात्र उपाय

माइल्ड और मॉडरेट एरोबिक एक्सरसाइज हार्ट के लिए अच्छा है. एक्सट्रीम /अत्याधिक एक्सरसाइज से बचें.

सप्ताह में चार से पांच दिन एक्सरसाइज करें और एक-दो दिन आराम करें.

अचानक से बहुत ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करें.

अगर आपको चेस्ट पेन, कंधे में दर्द और सांस में तकलीफ हो रही हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करें.

हार्ट संबंधित कोई समस्या है, तो ऐसे एक्सरसाइज करने से पहले हार्ट की जांच इसीजी/ इको /टीएमटी से कराकर देख लें.

बॉडी बनाने वाली दवाओं से बचना चाहिए.

पर्याप्त आठ घंटे की नींद जरूर लें.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

ज्यादा एक्सरसाइज करने के कारण ही घटनाएं बढ़ रही हैं. इसलिए एक्सरसाइज करने से पूर्व हार्ट संबंधित जांच करा लें. बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को एक्सरसाइज करने से परहेज करना चाहिए.

– डॉ विकास कुमार

कोई भी एक्सरसाइज करके तुरंत परिणाम नहीं पाया जा सकता है. हर एक्सरसाइज करने की समय सीमा निर्धारित है. ज्यादा एक्सरसाइज करके शरीर को तकलीफ में डाला जा सकता है. इसलिए लगातार एक्सरसाइज नहीं करके तीन दिन एक्सरसाइज करके एक दिन आराम करना बेहद जरूरी होता है और एक्सरसाइज के साथ आठ घंटे की नींद भी बेहद जरूरी होती है.

– ओमकार रॉय, फिटनेस एक्सपर्ट

ज्यादा कुछ भी करना खराब होता है. इसी तरह ज्यादा वर्कआउट भी हेल्थ पर असर डालता है. वर्कआउट उतना ही करना चाहिए, जितना शरीर साथ दे. स्वस्थ रहने के लिए 45 से 60 मिनट की एक्सरसाइज काफी है. सप्ताह में चार से पांच दिन ही एक्सरसाइज करना चाहिए. ट्रेडमिल सहत अन्य कॉर्डियो एक्टिविटी भी हमें उम्र और वजन के अनुसार करना चाहिए.

– पीयूष कुमार सिंह, फिटनेस एक्सपर्ट

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