Kanpur News: फरियादियों की लंबी कतारें, बेतरतीब फाइलों का ढेर, कल आना देखते हैं, सरकारी विभागों में यह दृश्य आये दिन देखने को मिलते हैं. लेकिन, कानपुर में विकास भवन के सरकारी कर्मचारी इससे भी आगे निकल गए, उन्होंने विभाग की सैकड़ों फाइल ही कबाड़ में बेच दी. इस खुलासे के बाद विकास भवन में हड़कंप का माहौल है. दरअसल विकास भवन के कई विभागों से फाइल गायब हो गई हैं. विकास भवन में लंबे समय से अफसरों के कमरे और विभागों के कार्यालयों की सफाई कर रहे प्राइवेट व्यक्ति ने तीन विभागों की सैकड़ों फाइलें कबाड़ में बेच दी. सफाई के नाम पर समाज कल्याण, उद्यान और नेडा विभाग की कई अहम फाइलें, वृद्धा पेंशन, पारिवारिक लाभ के आवेदन पत्रों के कई बंडल तक कबाड़ में बेच दिए गए.
यूपी नेडा विभाग के एक कर्मचारी ने सफाईकर्मी को बोरी में फाइलें भरते देखा तो मामला खुला. सीडीओ ने रिपोर्ट दर्ज कराने और लापरवाह कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है. कई अन्य विभागों की भी फाइलें गायब होने की आशंका है. बताया जा रहा है कि समाज कल्याण और यूपी नेडा कार्यालय में मोहन नाम का प्राइवेट सफाईकर्मी फाइलों के बंडल बोरी में भर रहा था. तभी विभाग का कर्मचारी आ गया और उसने मोहन को पकड़ लिया.
विभागीय कर्मचारी ने फाइलें छीनकर कार्यालय में रखीं और काफी फटकार लगाई. इस बीच भवन में मौजूद कई विभागों के कर्मचारी आ गए. बताया जा रहा है कि नेडा कार्यालय के बगल में बने समाज कल्याण विभाग के कंप्यूटर कक्ष से काफी समय पहले वृद्धा पेंशन के आवेदन पत्रों के बंडल गायब हुए थे, जिन्हें खोजा जा रहा था.
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विकास भवन के कई विभागों की फाइलें काफी दिनों से कबाड़ी के यहां बिक रहीं थीं, इसकी अफसरों और कर्मचारियों को भनक तक नहीं लगी. मामला खुलने पर नेडा, उद्यान से लेकर समाज कल्याण विभाग के अफसर एक दूसरे विभाग पर आरोप लगाते नजर आए. दरअसल विकास भवन में ज्यादातर अधिकारियों के कक्षों की सफाई करने के लिए विभाग का कोई सफाईकर्मी नहीं है. बाहरी व्यक्ति से कार्यालयों में सफाई कराई जाती है.
समाज कल्याण विभाग के बाबू सफाईकर्मी मोहन को लेकर रावतपुर स्थित कबाड़ी के यहां लेकर पहुंचे तो मौके पर वृद्धा पेंशन और पारिवारिक लाभ योजना के दो बंडल ही मिले. विभागों की और कितनी फाइलें यहां बेची गईं इसका पता नहीं चल सका. अब सफाईकर्मी भी गायब हो गया. उसका कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है.
सीडीओ सुधीर कुमार ने बताया कि मामला बेहद ही गंभीर है. कबाड़ी की दुकान पर सरकारी फाइलें बेचना बड़ा अपराध है. दोषी सफाई कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया गया है. समाज कल्याण समेत लापरवाह विभाग के लिपिकों का भी स्पष्टीकरण तलब करके उन पर कार्रवाई होगी.