‘आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस’ और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी के तत्वों के शानदार मिश्रण के साथ शनिवार को यहां हांगझोउ एशियाई खेल कुछ अनूठे उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हो गये जिसमें भविष्य की ‘कार्बन रहित’ आतिशबाजी की झलक दिखी.
यह प्रदूषण रहित रोशनी से दमकता समारोह अरुणाचल प्रदेश के तीन भारतीय खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार को लेकर उठे राजनयिक विवाद के बीच हुआ, जिसमें प्रौद्योगिकी, चीन के सांस्कृतिक इतिहास और महाद्वीप की एकता की भावना अद्भुत मेल था.
लगभग दो घंटे तक चले इस समारोह में नये युग में चीन, एशिया और दुनिया के अंतर संबंधों के साथ-साथ एशियाई लोगों की एकता, प्रेम और दोस्ती को दिखाया गया. समारोह में चीन और एशिया के भावों को दिखाने का प्रयास किया जिसमें देश की सांस्कृतिक विरासत और हजारों साल पुरानी सभ्यता और आधुनिक प्रौद्योगिकी के मिश्रण को बेहद सुंदर दृश्यों से दिखाया गया.
इसमें चीन के आधुनिकीकरण के प्रयासों को खूबसूरती से पेश किया गया. चीन की प्रौद्योगिकी की ताकत हर जगह दिखायी जिसमें खेलों की ‘फ्लेम’ को अनूठे तरीके से प्रज्वलित किया गया. इसमें डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल वर्चुअल मशालवाहक के तौर पर किया गया.
चीनी के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने खेलों की शुरुआत की घोषणा की जिससे 45 देशों के 12,000 एथलीट आठ अक्टूबर तक शीर्ष सम्मान हासिल करने के लिए एक दूसरे से भिड़ेंगे. एशिया ओलंपिक परिषद (ओसीए) के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर सिंह, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रमुख थॉमस बाक, कई देशों के प्रमुख, राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस समारोह में मौजूद थे.
चीन में पिछले साल कोविड-19 मामलों के बढ़ने के कारण इन खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था. ‘हरित एशियाई खेलों’ या ‘कार्बन रहित खेल’ की सोच को ध्यान में रखते हुए उद्घाटन समारोह में डिजिटल आतिशबाजी का इस्तेमाल किया गया लेकिन इससे भी रोमांचक माहौल बन गया.
करीब 80,000 दर्शकों की क्षमता वाला ‘बिग लोटस’ स्टेडियम प्रतिभागी देशों के खिलाड़ियों के स्वागत के लिए सजा हुआ था. चीन की सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशु खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार कर दिया जिसके बाद भारत ने अपने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का दौरा रद्द कर दिया. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी ऊषा भी इस मौके पर उपस्थित नहीं थी क्योंकि इस समय पर संसदीय दल के साथ पराग्वे में हैं, हालांकि समारोह में अन्य अधिकारियों ने शिरकत की.
भारत के करीब 100 एथलीट और अधिकारियों ने जैसे ही मार्च के लिए स्टेडियम में प्रवेश किया, वैसे ही तालियों की तेज गड़गड़ाट हुई जिसमें दल के ध्वजवाहक हरमनप्रीत सिंह और लवलीना बोरगोहेन तिरंगा लिए सबसे आगे थे. भारतीय दल की परेड आठवें नंबर पर रही.
टेनिस टीम से केवल रामकुमार रामनाथन ने परेड में हिस्सा लिया क्योंकि अन्य खिलाड़ियों का रविवार को मैच है. पुरुष एथलीट बंदगले की जैकेट और खाकी कुर्ता पहने थे जबकि महिला खिलाड़ियों ने गर्दन तक ढका ब्लाउज और खाकी रंग की साड़ी पहनी हुई थी. भारत के 655 एथलीट इन खेलों में हिस्सा ले रहे हैं.
करीब एक घंटे तक चले देश के दलों के स्वागत के बाद 30 मिनट के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दर्शकों को दिल जीत लिया. फिर लौ प्रज्वलित करने के बाद आधिकारिक गान प्रस्तुत किया गया. महाद्वीप के सबसे बड़े बहु-स्पर्धा आयोजन की मेजबानी करके चीन ने महामारी से उबरने की भी घोषणा की.
खिलाड़ियों की संख्या के हिसाब से यह उसके इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है. इसमें कोई शक नहीं की ओलंपिक दुनिया के सबसे बड़े बहु-स्पर्धा खेल हैं लेकिन एशियाई खेलों में काफी अधिक खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं. हांगझोउ में 12,000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे.
तोक्यो में हुए ओलंपिक खेलों में लगभग 11,000 खिलाड़ियों ने भाग लिया था जबकि अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक में लगभग 10,500 खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करेंगे. इंडोनेशिया में हुए 2018 एशियाई खेलों में 11,000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया था.
एशियाई खेलों के 19वें सत्र का आयोजन हांगझोउ के अलावा पांच अन्य शहरों में होगा. ये शहर हुझोउ, निंगबो, शाओक्सिंग, जिंहुआ और वेनझोउ हैं. एशिया के 45 देश और क्षेत्र इस दौरान 40 खेलों और 61 स्पर्धाओं में 481 स्वर्ण पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे. इसमें पहली बार ईस्पोर्ट्स को भी पदक वाले खेलों में शामिल किया गया है.
शनिवार के हुए उद्घाटन समारोह से पहले ही फुटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट, पाल नौकायन, नौकायन, टेबल टेनिस और मॉडर्न पेंटाथलॉन की प्रतियोगिताएं शुरू हो गयी थी.