Yakub Qureshi News: मेरठ में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गईं हैं. डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने पर 51 करोड़ के इनाम की घोषणा के मामले में योगी सरकार ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दे दी है. याकूब कुरैशी नौ महीने से जेल में थे और हाल ही में उन्हें गैंगस्टर के मामले में जमानत जमानत मिली है.
मेरठ कोतवाली के सराय बहलीम निवासी पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी ने 17 फरवरी 2006 को फैज-ए-आम इंटर कॉलेज में हुई सभा में विवादित बयान दिया था. इसके बाद भाजपा नेता और श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुनील भराला ने आठ अगस्त 2007 को देहली गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस पर पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी. इस संबंध में शासन को केस डायरी भेजी गई थी. बाद में सामने आया कि केस डायरी ही गायब है. इसकी वजह से प्रकरण में शासन से अनुमति नहीं मिल पाई थी. इसके बाद पुलिस की ओर से दोबारा केस डायरी तैयार करते हुए शासन से अनुमति मांगी गई.
क्षेत्राधिकारी कोतवाली अमित कुमार राय ने बताया कि शासन से चार्जशीट दाखिल करने की मंजूरी मिल गई है. एक-दो दिन में चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी. इस मामले में पूर्व मंत्री जमानत पर हैं. माना जा रहा है 25 या 26 सितंबर को चार्जशीट दाखिल की जा सकती है. गैंगस्टर और धोखाधड़ी में जेल से जमानत पर पूर्व मंत्री 31 मार्च 2022 को याकूब कुरैशी और दोनों बेटों इमरान व फिरोज सहित 17 लोगों पर अवैध तरीके से मीट फैक्टरी चलाने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की गई थी.
इसके बाद नवंबर में पुलिस ने याकूब, इमरान व फिरोज सहित सात लोगों पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया. सात जनवरी को याकूब व इमरान जेल गए, जबकि 28 अगस्त को याकूब को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. तब से वह जेल से बाहर हैं.
इस बीच हाजी याकूब कुरैशी और उनके परिवार को संपत्ति जब्तीकरण आधी अधूरी कार्रवाई पर फिर से जांच शुरू की गई है. वहीं जब्तीकरण के लिए नियुक्त किए प्रशासक की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. प्रशासक की तरफ से 32 वाहनों की सूची जारी की गई थी. सिर्फ दस वाहनों को जब्त किया गया. वहीं स्कूल, अस्पताल और मीट फैक्टरी के जब्तीकरण की सूची तक तैयार नहीं की गई. इस वजह से 14ए की कार्रवाई पूरी तरह से सवालों के घेरे में फंस गई है.
याकूब कुरैशी की संपत्ति में 29 भूखंड और 32 वाहन शामिल किए गए थे. उसकी अनुमानित कीमत 31.77 करोड़ रुपए बताई गई थी. प्रशासक बनाए गए तत्कालीन सीओ किठौर को कार्रवाई की जिम्मा सौंपा गया था. अभी तक सभी भूखंड का जब्तीकरण नहीं किया गया. साथ ही 32 वाहनों में से सिर्फ दस वाहन जब्त किए गए हैं. दावा किया गया था कि संपत्ति जब्तीकरण की दूसरी सूची भी जारी की जाएगी, जिसमें शास्त्रीनगर स्थित स्कूल, हापुड़ रोड स्थित अस्पताल और अलीपुर स्थित मीट प्लांट को भी शामिल किया जाएगा. यह सूची अभी तक पुलिस की तरफ से जारी ही नहीं की गई है. ऐसे में एसएसपी की ओर से पूरे मामले में दोबारा से जांच बैठा दी गई है.