Bihar News: राज्य में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए जहां एक तरफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं. साथ ही अधिकारियों को शिक्षा व्यवस्था ठीक करने का निर्देश दे रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ जिला मुख्यालय में ही शिक्षा व्यवस्था का हाल बुरा है. सहरसा जिला मुख्यालय के पूरब बाजार स्थित राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में शिक्षकों व स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों को बारिश के दिनों में क्लास रूम के अंदर भी छाता लेकर पठन-पाठन करना पड़ता है. इतना ही नही बारिश के पानी से पूरा स्कूल परिसर तालाब में तब्दील हो चुका है.
जिला मुख्यालय के पूरब बाजार स्थित राजकीय कन्या उच्च विद्यालय जो राज्य के 20 प्रमुख विद्यालयों में शामिल है. इस स्कूल में करीब 850 छात्राएं नामांकित हैं, जबकि शिक्षकों की संख्या 10 है. स्कूल में जर्जर हो चुके महज दो कमरों के भरोसे पठन-पाठन का काम होता है. खासकर बारिश के दिनों में तो यहां पढ़ने वाली छात्राओं का बुरा हाल हो जाता है. क्लास रूम में ऊपर से टपक रहे पानी से छात्राओं व शिक्षकों को छतरी का सहारा लेना पड़ता है. थोड़ी सी बारिश के बाद ही पूरा स्कूल परिसर तालाब में तब्दील हो जाता है. स्कूल में चहारदीवारी नही रहने से आवारा पशु व असामाजिक तत्वों का अड्डा बना रहता है. स्कूल में छात्राओं को पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है. जिससे उन्हें आस पड़ोस में जाना पड़ता है. स्कूल के प्राचार्य का कहना है कि वे विभाग को पत्र लिखकर थक हार गये हैं, लेकिन आजतक इस स्कूल की समस्या जस की तस बनी हुई है. इसे देखने वाला कोई नही हैं. जिसके वजह से पठन पाठन पर भी इसका असर पड़ रहा है.
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इधर, महिषी मुख्यालय पंचायत महिषी उत्तरी के विभिन्न विद्यालयों में पटना से आये शिक्षा अधिकारी के औचक निरीक्षण से क्षेत्र के अन्य विद्यालयों में दहशत का माहौल बना है. बीईओ सत्य प्रकाश के संग पटना से आये शिक्षा विभाग के ओएसडी भी बॉस के सचिव मुकेश रंजन ने मध्य विद्यालय सतरवार, कन्या मध्य विद्यालय महिषी, अनुसूचित मध्य विद्यालय महिषी, उग्रतारा मध्य विद्यालय महिषी सहित एडीपीजे हाई स्कूल व प्रोजेक्ट बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महिषी मे वर्ग संचालन, शिक्षक व छात्र उपस्थिति, शौचालय सहित मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. मौके पर मौजूद प्रधान अध्यापकों को पठन पाठन सहित सरकार प्रायोजित योजनाओं के शत प्रतिशत क्रियान्वयन का निर्देश दिया. वर्षा के कारण विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम पायी गयी.
दूसरी ओर राज्य के प्राथमिक से माध्यमिक स्तर के स्कूलों की कक्षाएं जल्द ही नये स्वरूप में दिखेंगी. शिक्षा विभाग ने स्कूलों की कक्षाओं की दीवारों पर बिल्डिंग एज लर्निंग एड (बाला) पेंटिंग कराने की योजना तैयार की है. इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से पटना जिले के प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक स्तर के 3484 स्कूलों के लिये कंपोजिट स्कूल ग्रांट भी दिया है. स्कूलों को दी गयी ग्रांट की राशि शैक्षणिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल की जायेगी. इसके साथ ही स्टेशनरी आइटम और मेंटेनेंस कार्य किया जायेगा. जिले के प्रारंभिक और माध्यमिक स्तर के स्कूलों को कंपोजिट ग्रांट के तहत 14 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
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बाला पेंटिंग के तहत अलग-अलग कक्षाओं की दीवारों पर बच्चों के पाठ्यक्रम के अनुसार पेंटिंग तैयार की जायेगी. इसमें छोटे बच्चों के क्लास में जानवर, पक्षी और फलों के चित्र तैयार किये जायेंगे और उनका नाम लिखा जायेगा. इसके साथ ही अन्य क्लास में विभिन्न शेप को दर्शाते हुए उसके नाम को अंकित किया जायेगा. इसके अलावा कक्षाओं में अक्षर और अंक, गणित और विज्ञान से जुड़े चित्र भी तैयार किये जायेंगे. बाला पेंटिंग का उद्देश्य बच्चों को किताब के साथ ही चित्र के माध्यम से उन्हें पढ़ाई से जोड़ना है. फिलहाल बाला पेंटिंग की शुरुआत कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलोंं में शुरू की जायेगी.