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बिहार: नियोजित शिक्षकों की आज नीतीश कैबिनेट बैठक पर रहेंगी नजर, क्या राज्यकर्मी का मिलेगा दर्जा?

बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का मुद्दा एकबार फिर से गरमाया है. ऐसी सुगबुगाहट है कि सरकार की ओर से जल्द ही नियोजित शिक्षकों को नया सौगात मिल सकता है. सोमवार को होने जा रही नीतीश सरकार की बैठक में जानिए क्या हो सकता है..

बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक सोमवार अपराह्न साढ़े तीन बजे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में होगी. समझा जा रहा है कि इसमें कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है. मालूम हो कि मंत्रिपरिषद की यह बैठक कई महीनों से मंगलवार को हो रही थी. इसका आयोजन अचानक सोमवार को होने को लेकर इसे विशेष माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में नियोजित शिक्षकों को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है. हालांकि, यह संभावित है, अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है. मालूम हो कि नियोजित शिक्षक सरकार से लंबे समय से राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग रहे हैं. मुख्यमंत्री ने भी कई अवसरों पर इनके लिए कहा है कि आप लोग बेहतर तरीके से पढ़ाइए, हम आपके लिए भी विचार करेंगे. बैठक में जातीय गणना की रिपोर्ट को मंजूरी मिलने की संभावना है.

राबड़ी आवास पहुंचे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को 11.30 बजे अचानक जदयू प्रदेश कार्यालय पहुंचे. वहां उन्होंने नेताओं व कार्यकताओं से बात की. वहां से निकलने के बाद मुख्यमंत्री राबड़ी आवास गये. हालांकि, लालू प्रसाद से नीतीश कुमार की मुलाकात नहीं हो सकी. उन्हें बताया गया कि लालू राजगीर गये हुए हैं. मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव से कुछ देर बात की. इस दौरान राबड़ी देवी भी थीं. पांच मिनट रुकने के बाद सीएम लौट गये.

नियोजित शिक्षकों की मांग पर सियासत गरम

इधर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदेश की सियासत भी गरमायी हुई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि शिक्षकों के मामले में भी सरकार को झुकना ही पड़ेगा. उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देना होगा तथा उन्हें वही वेतनमान देना होगा जी बीपीएससी से बहाल शिक्षकों को मिलेगा. प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये बातें सम्राट चौधरी ने कही. वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि लगभग ढाई माह पूर्व विधानसभा सत्र काल में आश्वासन के बावजूद चार लाख नियोजित शिक्षकों के मामले में सरकार की चुप्पी रहस्यमय है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा महागठबंधन में शामिल दलों की बैठक पिछले माह बुलायी गयी, पर किसी भी दल के प्रतिनिधि ने बैठक से बाहर आने के बाद सरकार द्वारा मांगों के मानने संबंधी कोई जानकारी नहीं दी.

जानिए क्या है नियोजित शिक्षकों की मांग..

गौरतलब है कि पिछले माह 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में नियोजित शिक्षकों को उनकी मांग को लेकर आश्वासन दिया था. बताते चलें कि नियोजित शिक्षकों को यह उम्मीद थी कि शायद मुख्यमंत्री इस दिन ही कुछ बड़ी घोषणा कर सकते हैं लेकिन उन्होंने आश्वस्त कराते हुए इसे आगे के लिए छोड़ दिया था. वहीं शिक्षक नेताओं की मांग है कि राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए किसी भी तरह की परीक्षा से शिक्षकों को नहीं गुजरना पड़े. देखना यह है कि अगर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाता है तो उसके साथ शर्त क्या रहती है. या फिर बिना किसी शर्त व परीक्षा के ही यह सौगात मिलता है. बता दें कि अगर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलता है तो उनका वेतनमान बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त होने वाले शिक्षकों के बराबर हो जाएगा. आयोग से नियुक्त होने वाले शिक्षकों को प्रतिमाह 35,064 रुपए से लेकर 51,130 रुपए तक का वेतनमान तय किया गया है. इसके अलावा पेंशन मद में भी इन्हें सरकार मदद करेगी.

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