केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी अमित खरे के कार्यकाल में अनुबंध के आधार पर विस्तार को मंजूरी देने का काम किया है. खरे की बात करें तो वे 1985 बैच के झारखंड कैडर के आइएस थे जिन्हें भारत सरकार के सचिव के रैंक और स्केल में सामान्य नियमों और शर्तों के आधार पर सेवा विस्तार दिया गया है. भारत सरकार में सचिव स्तर के पुन: नियोजित अधिकारियों के मामले यही नियम लागू होते हैं. अमित खरे को यह सेवा विस्तार 12 अक्टूबर, 2023 के बाद की अवधि के लिए प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक जो भी पहले हो तक दिया गया है.
The Appointments Committee of the Cabinet has approved extension in tenure of Amit Khare, lAS (Retd.) (JH:1985) as Advisor to Prime Minister, in the rank and scale of Secretary to Government of India on contract basis on usual terms and conditions as are applicable in the case of…
— ANI (@ANI) September 25, 2023
एक नजर में ये भी जानें
-अमित खरे ने वर्ष 1996 में चाईबासा में डीसी पद पर रहने के दौरान चारा घोटाला किया था उजागर
-अमित खरे केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव के पद से 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हुए
-अमित खरे केंद्र सरकार की नयी शिक्षा नीति बनाने में भी रहा अहम योगदान
-अमित खरे ने संत स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन व आइआइएम अहमदाबाद से पीजीएम की पढ़ाई पूरी की
झारखंड की राजधानी रांची के मूल निवासी हैं अमित खरे
अमित खरे की बात करें तो वे झारखंड की राजधानी रांची के मूल निवासी हैं. उनका कडरू एजी कॉलोनी में मकान है. उनकी आरंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय हिनू (केवी हिनू) से हुई है. उन्होंने संत स्टीफन कॉलेज दिल्ली से ग्रेजुएशन व आइआइएम अहमदाबाद से पीजीएम की पढ़ाई पूरी की.उनकी पत्नी निधि खरे (आइएएस 1992 बैच) वर्तमान में केंद्र में खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में उपभोक्ता मामले विभाग की अपर सचिव हैं. अमित खरे के बड़े भाई अतुल खरे (आइएफएस 1984 बैच) को सेवानिवृत्ति के बाद संयुक्त राष्ट्र के काम-काज में सुधार के लिए सुझाव देनेवाले बदलाव प्रबंधन दल (सीएमटी) की जिम्मेवारी दी गयी है.
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सलाहकार बनने वाले झारखंड कैडर के पहले आइएएस अफसर
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1985 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी अमित खरे को प्रधानमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया था. खरे को दो साल या अगले आदेश तक केंद्रीय सचिव के रैंक व वेतनमान पर सलाहकार बनाया गया था. वह झारखंड कैडर के पहले आइएएस अफसर हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री का सलाहकार बनाया गया. अमित खरे केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव के पद से 30 सितंबर 2021 को सेवानिवृत्त हुए थे. केंद्र सरकार में उन्होंने सूचना प्रसारण सचिव के रूप में भी काम किया. उच्च शिक्षा सचिव के पद पर रहने के दौरान उन्होंने नयी शिक्षा नीति 2020 बनाने और उसे लागू करने में अहम भूमिका निभायी. वह झारखंड में शिक्षा सचिव, वित्त सचिव, योजना सचिव और विकास आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं. वर्ष 1996 में चाईबासा में डीसी रहते हुए चारा घोटाला उजागर कर चर्चा में आये थे.