मणिपुर में जुलाई से लापता दो छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद राज्य सरकार ने लोगों से संयम बरतने और अधिकारियों को पूरे मामले की जांच करने देने की अपील की है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सचिवालय द्वारा सोमवार देर रात जारी किये गए एक बयान में राज्य सरकार ने कहा कि जांच के लिए मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है.
जुलाई से लापता थे दोनों छात्र
छात्रों की पहचान फिजाम हेमजीत (20) और हिजाम लिनथोइनगांबी (17) के रूप में की गई. दोनों जुलाई से लापता थे. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से राज्य की पुलिस छात्रों के लापता होने की परिस्थितियों का पता लगाने और उनकी हत्या करने वाले षड्यंत्रकारियों की पहचान करने के लिए जांच कर रही है. आरोपियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है.
छात्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद हाई अलर्ट जारी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों को सतर्क कर दिया गया है और छात्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त उपाय किए गए हैं. बयान में कहा गया है कि सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया कि ‘फिजाम हेमजीत और हिजाम लिनथोइनगंबी के अपहरण और हत्या में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. यह भी बयान में कहा गया कि सरकार न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी. प्रशासन ने लोगों से ‘संयम बरतने और अधिकारियों को जांच करने देने’ का आग्रह किया.
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लापता छात्रों के फोन की आखिरी लोकशन से पता लगाने की कोशिश में पुलिस
लापता छात्रों की दो तस्वीरें सोमवार रात सोशल मीडिया पर आईं. इनमें से एक तस्वीर में कथित तौर पर छात्र दो हथियारबंद लोगों के साथ नजर आ रहे हैं और दूसरी तस्वीर में दो शव दिख रहे हैं. पुलिस ने पहले कहा था कि दोनों का कुछ पता नहीं चल रहा है और उनके मोबाइल फोन भी बंद पाए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि उनके फोन की आखिरी लोकेशन चुराचांदपुर जिले के लमदान में पाई गई थी.
मणिपुर में 3 मई से जारी है जातीय हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर 3 मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है. मैतेई और कुकी समुदाय के लोग एक-दुसरे की जान के पीछे पड़ गये हैं. दोनों समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर विवाद है. मैतेई एसटी आरक्षण की मांग पर अड़ी हुई है, तो दूसरी ओर कुकी, मैतेई को एसटी दर्जा दिए जाने का लगातार विरोध कर रहे हैं. मणिपुर में जारी हिंसा में अबतक कुल 170 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं.