बिहार के मुजफ्फरपुर स्वाधार गृह कांड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर (Brajesh Thakur) को दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में मंगलवार को तिहाड़ जेल से मुजफ्फरपुर लाया गया. विशेष एससी-एसटी कोर्ट में में उनकी पेशी हुई. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर पर आरोप गठित कर दिया. विशेष लोक अभियोजक जयमंगल प्रसाद ने आरोप पत्र बनाकर कोर्ट में प्रस्तुत किया. आरोप गठित होने के बाद अब इस केस में गवाही होगी. इस केस में आरोपित मिठनपुरा थाना क्षेत्र की शाइस्ता परवीन उर्फ मधु व कृष्ण कुमार उर्फ कृष्णा और समस्तीपुर जिले के वारिसनगर थाना के रोहुआ डीह निवासी रामानुज ठाकुर पर आरोप तय हो चुका है. रामानुज ठाकुर की मौत हो चुकी है. कोर्ट में पेशी के बाद ब्रजेश ठाकुर को पुलिस दिल्ली लेकर चली गयी. इस दौरान उनसे परिजन भी मिलने पहुंचे थे. बता दें कि ब्रजेश ठाकुर को बालिका गृह कांड में सजा हो चुकी है.
घटना को लेकर 2019 में 16 जनवरी को तत्कालीन महिला थानेदार ज्योति कुमारी ने चौकीदार रामानुज ठाकुर, चपरासी कृष्ण उर्फ कृष्णा व शाहिस्ता प्रवीण पर चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद 29 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन थानेदार नीरू कुमारी ने ब्रजेश ठाकुर पर भी 10 धाराओं में चार्शजीट दाखिल की थी.
30 जुलाई, 2018 को महिला थाने में जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने एफआइआर करायी थी. इसमें बताया था कि समाज कल्याण विभागाधीन स्वाधार गृह मुजफ्फरपुर का संचालन गैर सरकारी संगठन सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा किया जाता है. 2018 में 20 मार्च को अनुवीक्षण कमेटी ने स्वाधार गृह का निरीक्षण किया. इसमें 11 महिलाएं एवं इनके चार बच्चे रह रहे थे. 2018 में 9 जून को जिला निरीक्षण कमेटी के निरीक्षण के दौरान ताला बंद पाया गया. जिला बाल संरक्षण इकाई मुजफ्फरपुर को अब तक इस गृह में रह रही महिलाओं और बच्चों के बारे में कोई सूचना नहीं उपलब्ध करायी गयी है.