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कुड़मी को आदिवासी का दर्जा देने का कोई मामला केंद्र के पास लंबित नहीं : केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा

झारखंड आदिवासी कुड़मी मंच के संयोजक मंटू महतो ने कहा कि हम सभी कुड़मी जनजाति संगठित रहे तो असंभव कुछ भी नहीं है. चूंकि यह लड़ाई लंबी चलेगी. इसलिए एकजुटता से ही हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कुड़मी को आदिवासी का दर्जा देने का कोई मामला केंद्र सरकार के पास लंबित नहीं है. यहां जो लोग बोल रहे हैं, उनका विचार होगा. अभी राज्य सरकार का मामला है. प्रधानमंत्री रोजगार मेला के बाद श्री मुंडा पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे. इधर, कुड़मी को एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर मंगलवार को आदिवासी कुड़मी समाज व वृहद झारखंड आदिवासी कुड़मी मंच का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मिला. इस दौरान मुख्य सचिव को कुड़मी के इतिहास से संबंधित 480 पन्नों का दस्तावेज सौंपा गया. प्रतिनिधिमंडल की मांगों को सुनकर मुख्य सचिव ने कहा कि आपके मांग पत्र के संबंध में मुख्यमंत्री से विस्तृत चर्चा की जायेगी. इसके बाद सरकार इस दिशा में कदम उठायेगी. वार्ता के क्रम में टीआरआइ के निदेशक रणेंद्र कुमार भी उपस्थित थे. वार्ता के बाद बाहर निकले वृहद झारखंड आदिवासी कुड़मी मंच के संयोजक मंटू महतो ने कहा कि हम सभी कुड़मी जनजाति संगठित रहे तो असंभव कुछ भी नहीं है. चूंकि यह लड़ाई लंबी चलेगी. इसलिए एकजुटता से ही हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं.

प्रतिनिधिमंडल में अजीत प्रसाद महतो पुरुलिया, मंटू महतो, हलधर महतो, चौधरी चरण महतो (धनबाद), दीपक पुरनियार, महादेव डुंगरीयार, पदमा प्रसाद महतो, छोटेलाल महतो, जयराम महतो, संतोष महतो, मुकेश महतो, शेखर महतो, संजय प्रसाद महतो, प्रभु महतो, जगेश्वर महतो, संजीव महतो, चन्द्रदेव महतो, कोलेश्वर महतो, कैलाश महतो, गंगा महतो, सुजीत कुमार, सचिन महतो, सौरव महतो, हेमचंद महतो, तुलसी महतो इत्यादि शामिल हुए.

डीजीपी से होगी बात

रेल टेका आंदोलन के समाप्त होने के बाद आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी किये जाने व ऐसे लोगों पर एफआइआर किये जाने के मामले पर मुख्य सचिव ने कहा कि वे इस मामले पर डीजीपी से बात कर जल्द से जल्द इस मामले का हल निकालने का प्रयास करेंगे.

मुख्यमंत्री रहते मुंडा ने अनुशंसा की थी : शीतल

केंद्रीय मंत्री के बयान पर टोटेमिक कुरमी/ कुड़मी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि आज केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा कह रहे हैं कि कुड़मी को लेकर जो करना है राज्य सरकार को करना है. ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि हाल ही में राज्य की जिन तीन जातियों तमाड़िया, पुराण व भोक्ता को एसटी की सूची में केंद्र ने शामिल किया था. क्या इसके लिए राज्य सरकार ने कोई अनुशंसा की थी या केंद्र ने अपने स्तर से इन्हें एसटी में शामिल कर लिया. श्री ओहदार ने कहा कि ये वही अर्जुन मुंडा है जिसने मुख्यमंत्री रहते हुए कुड़मी को एसटी बनाने के लिए अनुशंसा किया था. तो फिर आज वे अपने ही मांग से कैसे मुकर सकते हैं.

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