17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द, जानें एमबीबीएस की काउंसलिंग पर क्या हुआ असर

NEET UG 2019 के तीन अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी, जिन्हें 77.5 फीसदी, 76.9 फीसदी और 52.68 फीसदी के साथ 314773, 325058 और 664781 रैंक प्राप्त हुई थी. सभी तीन याचिकाकर्ताओं ने 22 जुलाई, 2019 को उपयुक्त प्राधिकारी से निर्धारित प्रारूप में इडब्ल्यूएस पात्रता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था.

सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ ने कलकत्ता हाइकोर्ट द्वारा 14 जुलाई, 2022 को पारित एक अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत एनइइटी 2019 के परिणामों के आधार पर पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए मेडिकल छात्रों को प्रवेश के लिए अगस्त 2022 में शुरू होनेवाली प्रवेश प्रक्रिया के लिए काउंसलिंग सत्र में भाग लेने की अनुमति दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने दो आधारों पर लागू आदेश को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि एनइइटी 2019 परिणाम एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए वर्ष 2022 में काउंसलिंग की अनुमति देने का आधार नहीं हो सकते. इसके अलावा, न्यायालय ने यह भी कहा कि अंतरिम आदेश से ऐसा निर्देश नहीं दिया जा सकता.

क्या है मामला

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनइइटी यूजी 2019) में उपस्थित हुए तीन अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी, जिन्हें क्रमशः 77.5, 76.9 और 52.68 प्रतिशत के साथ क्रमशः 314773, 325058 और 664781 रैंक प्राप्त हुई थी. सभी तीन याचिकाकर्ताओं ने 22 जुलाई, 2019 को उपयुक्त प्राधिकारी से निर्धारित प्रारूप में इडब्ल्यूएस पात्रता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था. हाइकोर्ट की सिंगल जज बेंच के समक्ष, यह प्रस्तुत किया गया कि जब जलपाईगुड़ी निवासी तीन याचिकाकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में चयन प्रक्रिया के राउंड 2 काउंसलिंग में उपस्थित होने के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया.

उन्हें बताया गया गया कि वे राउंड-2 के लिए उपस्थित होने के पात्र नहीं थे, क्योंकि उन्हें इडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया था. इडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र अंततः आठ अगस्त, 2019 को याचिकाकर्ताओं तक पहुंचा. उस समय तक राउंड-2 काउंसलिंग पूरी हो चुकी थी. हाइकोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा में ऊंचे अंक प्राप्त किये हैं और राज्य के लिए इसी रैंकिंग के साथ अखिल भारतीय परीक्षा में अच्छी रैंकिंग प्राप्त की है.

Also Read: हाई कोर्ट के निर्देशानुसार ईडी ने लीप्स एंड बाउंड्स के सीईओ व निदेशक की संपत्ति की सौंपी रिपोर्ट

उसी के मद्देनजर, हाइकोर्ट ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को कम से कम पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अगस्त 2022 में शुरू होनेवाली प्रवेश प्रक्रिया के लिए काउंसलिंग सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए. लेकिन हाइकोर्ट की खंडपीठ ने इसे खारिज कर दिया था. खंडपीठ के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें