क्रिकेट पहले सिर्फ जेंटलमैन गेम था. जब से कॉरपोरेट जुड़ा, तो इसका कायापलट हो गया. अब यह फुटबॉल के बाद दुनिया का दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल हो गया है. यहां पैसों की भी कमी नहीं रह गयी है. 1975 में जब पहली बार वनडे विश्व कप हुआ, तो विजेता को 9000 पाउंड की पुरस्कार राशि मिली थी. इस बार 365 गुना बढ़ा कर 32.79 लाख पाउंड (~33.20 करोड़) विजेता को दिये जायेंगे. इन 48 सालोंं के दौरान वनडे विश्व कप में किस तरह से बदलाव हुए आप नीचे देख सकते हैं. विश्व कप 2023 की उलटी गिनती चालू हो गई है. इस साल भारत विश्व कप का पूर्ण मेजबानी आकर रहा है. देखना ये भी है कि क्या भारत दूसरी बार अपने घर में मैच जीत के 2011 के इतिहास को दोहरा पाता है.
भारत के प्रदर्शन से ज्यादा गावस्कर की 174 गेंदों पर 36 रन की पारी की हुई थी चर्चा, पहली बार 1975 में जब वनडे विश्व कप शुरू हुआ, तो उतना ग्लैमर नहीं था. सफेद ड्रेस में 60 ओवरों वाले मैच खेलने के लिए टीमों की कमी थी. क्वालिफायर मैच न होकर सीधे आठ टीमों के साथ विश्व कप का आगाज हुआ. इस विश्वकप को प्रूडेंसियल विश्व कप के नाम से जाना जाता है. प्रूडेंशियल इंश्योरेंस कंपनी ने इसे स्पांसर किया था. पहले ग्रुप में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, भारत और इस्ट अफ्रीका की टीमें थीं, तो दूसरे ग्रुप में थे- वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका. इंग्लैंड के खिलाफ मैच में सुनील गावस्कर ने पूरे 60 ओवर बल्लेबाजी करते हुए 174 गेंदों में सिर्फ 36 रन बनाये. अपनी पारी में उन्होंने सिर्फ एक चौका लगाया था. इसी मैच में विश्वकप का पहला शतक भी लगा था. इंग्लैंड के बल्लेबाज डेनिस एमिस ने 137 रन की पारी खेली थी. पहला विश्व कप वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हरा कर जीता था. उसे 9000 पाउंड की पुरस्कार राशि मिली थी. पहले विश्वकप में भारत सिर्फ इस्ट अफ्रीका के खिलाफ 10 विकेट से जीत दर्ज करने में सफल रहा था.
विश्व सीरीज के कारण ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष खिलाड़ी नहीं खेले इस विश्व कप के समय कैरी पैकर विश्व सीरीज का भी आयोजन किया गया था. ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रिकेटरों ने बगावत कर दी और विश्व सीरीज खेलने चले गये थे. क्रिकेट की दुनिया पर राज करनेवाला वेस्ट इंडीज ने फाइनल में इंग्लैंड को 92 रन से हरा दूसरी बार विश्व विजेता बना. विवियन रिचडर्स (138*) व कोलिन किंग ने शानदार प्रदर्शन किया था. भारत अपने ग्रुप के तीन मैचों में से कोई भी मैच नहीं जीत पाया था.
कपिल देव के करिश्माई खिलाड़ियों ने वह कर दिखाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. यह भारतीय क्रिकेट के अब तक के सफर में मील के पत्थर की भूमिका निभायी. पिछली दो बार की चैंपियन वेस्ट इंडीज को हरा कर भारत ने पहली बार खिताब जीता. फाइनल में भारतीय टीम 183 रन पर आउट हो गयी, लेकिन वेस्टइंडीज की टीम जवाब में 140 रन ही बना सकी. मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने तीन-तीन विकेट लिये. कपिल का विवियन रिचर्ड का ऐतिहासिक कैच मैच का टर्निंग प्वांट बना. इससे पहले कपिल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रन बना कर अपने दम पर भारत को जीत दिलायी थी.
पहली बार इंग्लैंड से बाहर भारत व पाकिस्तान में आयोजन हुआ. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को सात रन से हरा कर पहली बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. वनडे क्रिकेट में भारत की ओर से चेतन शर्मा पहली बार हैट्रिक लेने में सफल हुए थे. वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ गावस्कर ने 88 गेंदों पर 103* रन बनाये थे. 1983 का विश्व चैंपियन भारत हालांकि अपने घर में इंग्लैंड से 35 रन से हार सेमीफाइनल में बाहर हो गया था.
यह वनडे विश्व कप में बड़ा बदलाव लेकर आया. इस विश्व कप से ही रंग बिरंगी पोशाक, फ्लडलाइट, फील्डिंग के नियमों में बदलाव और सफेद गेंद के दौर शुरूआत हुई. क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ने से प्रायोजकों की संख्या बढ़ गयी थी. दक्षिण अफ्रीका 21 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लौटा और सेमीफाइनल तक पहुंचा. सेमीफाइनल मैच में बारिश हो गयी जब उसे जीत के लिए 13 गेंद में 22 रन बनाने थे. लेकिन डकवर्थ लुईस प्रणाली के आधार पर उसे एक गेंद में 21 रन बनाने का लक्ष्य मिला. दक्षिण अफ्रीका के साथ दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमियों को इसका अफसोस रहा. भारत आठ मैचों में सिर्फ दो जीत के साथ सातवें स्थान पर रहा. पाकिस्तान ने मेलबोर्न के मैदान पर इंग्लैंड को 22 रन से हराकर पहली बार खिताब जीता. जीत के सूत्रधार रहे इमरान खान, जावेद मियांदाद और वसीम अकरम.
विश्व कप क्रिकेट फिर एक बार भारत लौट आया. देश को अपनी टीम से बड़ी उम्मीदें थीं. भारत अपने ग्रुप में पांच मैचों में सिर्फ दो जीता था, फिर भी सेमीफाइनल में पहुंचा, लेकिन कोलकाता में श्रीलंका के 8/251 रन के जवाब में भारत के आठ विकेट 120 रन पर गिरने के बाद दर्शकों ने पिच पर बोतलें फेंकी और दीर्घा में पटाखे जलाये. इसके चलते मैच रोक दिया गया. श्रीलंका को विजयी घोषित कर दिया गया. इस विश्व कप में पदार्पण करते हुए केन्या ने वेस्टइंडीज को 73 रनों से हरा कर सबको चौंका दिया था. श्रीलंका ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से हराया. अरविंद डिसिल्वा श्रीलंका की जीत के सूत्रधार रहे, जिन्होंने फाइनल में तीन विकेट लिये और दो कैच लपके. इसके साथ ही नाबाद 107 रनों की पारी खेली.
दक्षिण अफ्रीका की किस्मत एक बार फिर से खराब रही. सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका का मैच टाइ हो गया. ऑस्ट्रेलिया को दक्षिण अफ्रीका पर पिछले मैच की जीत के आधार पर विजयी घोषित कर दिया गया. ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को फाइनल में आठ विकेट से हरा कर दूसरी बार विश्व विजेता बने. शेन वॉर्न ने फाइनल में चार विकेट लिये और पाकिस्तानी टीम 132 रन पर आउट हो गयी. ऑस्ट्रेलिया ने मात्र 20 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया. भारत का प्रदर्शन सुपर सिक्स में खराब रहा. वह सिर्फ पाकिस्तान के खिलाफ जीत सका और बाहर हो गया.
ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में भारत को 125 रन से हरा कर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया. पूरे टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलियाई टीम अपराजेय रही. सौरभ गांगुली की अगुआई में भारतीय टीम दूसरी बार फाइनल में पहुंची थी. पहले ही ओवर में सचिन तेंडुलकर को ग्लेन मैकग्रा ने पवेलियन भेज कर भारतीयों के दिल तोड़ दिये. इस टूर्नामेंट से ठीक पहले डोपिंग के आरोप में ऑस्ट्रेलिया के स्टार स्पिनर शेन वॉर्न को स्वदेश लौटना पड़ा. केन्या ने श्रीलंका को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश करके सभी को चौंका दिया था.
वेस्टइंडीज की मेजबानी में खेले गये इस विश्व कप में 16 टीमों ने हिस्सा लिया था. ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप का ख़िताब जीतने की अपनी हैट्रिक पूरी की थी. इसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान के इंग्लिश कोच बॉब वूल्मर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी. ग्रुप चरण में आयरलैंड के हाथों पाकिस्तान की अप्रत्याशित हार के बाद वह अपने होटल के कमरे में मृत पाये गये थे. दक्षिण अफ्रीका के हर्शल गिब्स एक ओवर में छह छक्के जड़ने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बने थे. भारत और पाकिस्तान का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. टूर्नामेंट से जल्दी बाहर हो गये.
दो दशक से क्रिकेट पर राज करने वाले सचिन का यह अंतिम विश्व कप था. उनका सपना उनके छठे विश्व कप में धोनी की कप्तानी में पूरा हुआ. भारत की मेजबानी में खेले गये इस विश्व कप के फाइनल मैच में महेंद्र सिंह धोनी का हेलिकॉप्टर शॉट पर लगाया गया छक्का क्रिकेट की किवदंतियों में शामिल हो गया. भारत ने फाइनल में श्रीलंका को छह विकेट से हराया और भारतीय खिलाड़ियों ने सचिन को कंधे पर बैठा कर जीत के बाद मैदान का चक्कर लगाया. अपनी धरती पर विश्व कप जीतने वाला भारत पहला देश बना. युवराज सिंह अपने बेहतरीन हरफनमौला प्रदर्शन के दम पर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे. उन्होंने लगातार चार मैचों में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी अपने नाम किया, जो एक रिकॉर्ड है.
आइसीसी क्रिकेट वर्ल्ड 2015 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने एक बार फिर से सभी टीमों को चित्त करते हुए वर्ल्ड कप अपने नाम किया. ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराया. ब्रेंडन मैकुलम की आक्रामक बल्लेबाजी के दम पर न्यूजीलैंड पहली बार विश्व कप फाइनल में पहुंचा, लेकिन मिचेल स्टार्क की यॉर्कर पर तीसरी ही गेंद पर उनका विकेट गिरने से न्यूजीलैंड की हार लगभग तय हो गयी. ट्रेंट बोल्ट को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया, जिन्होंने स्टार्क के समान 22 विकेट लिये.
यह विश्व कप रोमांच से भरपूर रहा. निर्धारित सौ ओवरों और सुपर ओवर के बाद भी फाइनल टाइ रहने के कारण चौकों-छक्कों की गिनती के आधार पर विजेता का चयन हुआ. इंग्लैंड ने पहला विश्व कप जिस अंदाज में जीता, उसे लेकर काफी सवाल भी उठे. इस विश्व कप में 10 टीमों ने भाग लिया था और एकल राउंड रॉबिन प्रारूप में भारत सात जीत, एक हार और एक मैच रद्द होने से शीर्ष पर रहा. इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को और न्यूजीलैंड ने भारत को हराया. न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया.