विशेषाधिकार हनन के मामले में राज्यसभा ने झारखंड के गृह सचिव, आइजी मानवाधिकार और डीएसपी प्रमोद मिश्रा को नोटिस भेजा है. तीनों ही पदाधिकारियों को छह अक्तूबर को दिन के 11 बजे राज्यसभा सचिवालय में उपस्थित होकर पक्ष रखने का निर्देश दिया है, इस मामले में डीएसपी प्रमोद मिश्रा विशेषाधिकार हनन के आरोपी हैं. सांसद दीपक प्रकाश ने साहेबगंज जिला के बड़हरवा के तत्कालीन डीएसपी प्रमोद मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाया था. विशेषाधिकार हनन का मामला वर्ष 2021 में राज्यसभा में लाया गया था. इस मामले को संज्ञान में लेने और छानबीन के बाद राज्यसभा ने इसे विशेषाधिकार हनन के योग्य माना है. इस मामले में गृह सचिव, आइजी और डीएसपी को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है.
तत्कालीन डीएसपी प्रमोद मिश्रा का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष व सांसद दीपक प्रकाश को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी. उन्होंने आत्महत्या करनेवाली दारोगा रूपा तिर्की के खिलाफ भी बातें कही थी. इसी मामले को लेकर श्री प्रकाश राज्यसभा पहुंचे थे. सांसद का कहना था कि डीएसपी की टिप्पणी से वह मर्माहत हैं. एक जनप्रतिनिधि के बारे में डीएसपी की भाषा मर्यादा के प्रतिकूल है. एक वर्दीधारी पुलिस पदाधिकारी द्वारा ऐसा करना आपत्तिजनक है. उनके विशेषाधिकार का हनन है.
डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हालांकि जब यह मामला सरकार के संज्ञान में आया था, तो उनपर विभागीय कार्रवाई हुई थी. उन्हें बड़हरवा से हटाते हुए पुलिस मुख्यालय में योगदान करने को कहा गया था. मामला विवाद में आने के बाद डीएसपी ने कहा था कि आवाज उनकी नहीं है. किसी ने एडिट कर ऑडियो डालकर फंसाया है. उनके खिलाफ साजिश रची गयी है, उन्होंने किसी को गाली नहीं दी. वर्तमान में डीएसपी मुसाबनी में पदस्थापित हैं.