Pitru Paksha 2023: पंडित धीरेंद्र शास्त्री सरकार अपने तीन दिवसीय गया जी प्रवास पर आ रहे हैं. बागेश्वर धाम सरकार के सैकड़ों अनुयायी इसको लेकर गयाजी पहुंच चुके हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री सरकार अपने तीन दिवसीय गया जी प्रवास पर सोमवार को विशेष चार्टर्ड विमान से शाम में पहुंचेंगे. इसके बाद बोधगया के एक होटल में उनका आवासन स्थल होगा. गया में वह चार अक्तूबर तक रहेंगे. बाबा बागेश्वर धाम सरकार के 500 से अधिक अनुयायी गयाजी तीर्थ स्थल पर पहुंच चुके हैं. बाबा बागेश्वर धाम सरकार के करीब सौ भक्त पंडित धीरेंद्र शास्त्री के निर्देशन में पिंडदान का कर्मकांड संपन्न करेंगे. बागेश्वर धाम सरकार के निजी सचिव उपेंद्र सिंह ने इस मामले में जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि देश के विभिन्न कोनों से सरकार के भक्त पिंडदान के लिए आये हैं.
बाबा बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री सोमवार को गया पहुंचेंगे. वह विशेष चार्टर्ड विमान ये यहां आने वाले हैं. दूसरी ओर बताया गया कि धीरेंद्र शास्त्री के सार्वजनिक कार्यक्रम की अनुमति प्रशासन से मांगी गई थी. लेकिन, प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिल सकी. इस कारण ही यहां उनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है. वह गया एयरपोर्ट से सीधे अपने प्रवासन स्थल पर पहुंचेंगे. यहां उनके अनुयायियों से उनकी मुलाकात होगी. फिलहाल, उनके सैकड़ों अनुयायी यहां पहुंच चुके हैं. धीरेंद्र शास्त्री अपने खास अनुयायियों से पहुंचने के साथ ही मुलाकात करेंगे.
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मोक्ष व ज्ञान की धरती पर पहली बार बाबा बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री का आगमन होने जा रहा है. इसको लेकर यहां के लोग भी काफी उत्साहित है. बोधगया में इनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है. फिर भी उनके अनुयायी उनकी एक झलक पाने के लिए उत्साहित हैं. कई लोग सिर्फ उनकी एक झलक पाना चाहते हैं. साफ तौर पर यह जानकारी साझा की गई है कि गया में उनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है. खजुराहो से चार्टर विमान से धीरेंद्र शास्त्री गया एयरपोर्ट आएंगे. अपने खास अनुयायियों को वह पितृपक्ष के महत्व की जानकारी देंगे. साथ ही तर्पण आदि का विधान संपन्न भी कराएंगे. बताया जा रहा है कि उनके दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु गया पहुंचे है.
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बताया जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री के आयोजन के संबंध में जिला प्रशासन से मगध विश्वविद्यालय परिसर में सभा करने की अनुमति मांगी थी. उसके बाद स्थल परिवर्तन कर महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र बोधगया में कथा की अनुमति भी मांगी गई थी. वहीं, इनके आयोजन के मांग की समीक्षा की गई थी. इसमें यह फैसला हुआ कि यहां कई राज्यों से लाखों तीर्थयात्री आते हैं.धीरेंद्र शास्त्री का सार्वजनिक कार्यक्रम होने पर यहां कानून-व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण एवं तीर्थ यात्रियों के सुगम आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ता. इस कारण इनके सार्वजनिक कार्यक्रम को यहां अनुमति नहीं दी गई.बता दें कि गया में बाबा बागेश्वर धाम का जयकारा भी गूंज रहा है. यहां लोग काफी उत्साहित है और धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन को बेताब हैं. दूसरी ओर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है.
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वहीं, पिंडदान के बारे में बता दें कि प्रतीकात्मक रूप में शरीर को भी पिंड ही कहते है. मृतक के निमित्त अर्पित किए जाने वाले पदार्थ जैसे पके हुए चावल, दूध और तिल मिश्रित करके पिंड बनाते हैं, इसे सपिण्डीकरण कहा जाता हैं. हर पीढ़ी में मातृकुल और पितृकुल के गुणसूत्र पाए हैं. गरुण पुराण में यह मान्यता है कि अकाल मृत्यु में शरीर नष्ट हो जाता है. लेकिन, आत्मा मृत्युलोक में भटकती रहती है. ऐसे में आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान किया जाना चाहिए. इसे आवश्यक माना गया है. बिहार के गया को पितरों की मुक्ति के लिए शीर्ष तीर्थ स्थल माना गया है. ऐसे में गया में मृत व्यक्ति का पिंडदान करने से उस व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस कारण यहां लाखों लोग पितरों का पिंडदान करने आते है. ऐसे में सोमवार को धीरेंद्र शास्त्री भी गया पहुंच रहे हैं.