प्रयागराज में एक पुजारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई. मुंह में कपड़ा ठूंसकर हाथ और पैर अंगोछे से बांधकर उनका शव मंदिर के पास खेत में फेंक दिया गया. आशंका है कि गला घोंट कर पुजारी को मारा गया है. सुबह घटना की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. हत्या के बाद मंदिर का ताला तोड़कर मूर्तियां भी खेत में फेंक दी गई थी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.
दरअसल, नवाबगंज थाना क्षेत्र के अनापुर स्थित आईकेएम पीजी कॉलेज परिसर में राम जानकी मंदिर है. यहां के पुजारी मणिंद्र मणि त्रिपाठी (48) की शव मिला है. पुजारी दोनों पैर से दिव्यांग थे. चल नहीं सकते थे. वे करीब 25 साल से वह इस मंदिर में पूजा-पाठ कर रहे थे. साथ ही मंदिर की देखभाल भी करते थे.
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वह मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के रहने वाले थे. सोमवार की सुबह उनका शव मंदिर के पास खेत में मिला. अंगोछे से उनके हाथ-पैर बंधे थे. साथ ही मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था. उधर मंदिर का ताला भी टूटा था और मूर्तियां गायब थीं. सुबह मंदिर की ओर गए स्थानीय लोगों ने पुजारी का शव देखा तो इसकी जानकारी पुलिस को दी.
कुछ ही देर में पुलिस विभाग के अधिकारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए. फरेंसिक टीम ने भी पहुंचकर साक्ष्य एकत्र किए. डॉग स्क्वॉयड टीम ने पहुंचकर छानबीन की. साथ ही आस-पास के CCTV को खंगाला जा रहा है. घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव की स्थिति है.
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इंस्पेक्टर नवाबगंज अनूप सिंह ने बताया कि पुलिस को सुबह 7 बजे पुजारी की शव मिलने की सूचना मिली थी. इसके बाद मौके पर जाकर जांच पड़ताल की गई है. हत्या कैसे की गई है, इसका खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा. फिलहाल घटनास्थल से सभी नमूने और साक्ष्य जुटाए गए हैं. पुलिस टीम इस घटना की पड़ताल कर रही है. विद्यालय प्रबंधन और आसपास के ग्रामीणों से भी इस संबंध में पूछताछ की गई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर में एक सत्ती चौरा का और दूसरा राम जानकी का मंदिर है. सत्ती चौरा के मंदिर में 21 अगस्त, 2023 को चोरी का प्रयास हुआ था. हवेली में काम करने वालों की आवाज सुनकर चोर भाग गए थे. तीन चोर बेशकीमती कस्कुट की राम जानकी की मूर्तियां चुराने आए थे. ये मूर्तियां काफी कीमती होती हैं. इसके बाद एक अक्टूबर 2023 की रात फिर चोरों ने राम और सीता की मूर्तियां चुराने का प्रयास किया.
चोरों ने मूलरूप से बिहार के सीवान में मझिलवा के रहने वाले पुजारी मणींद्र मणि त्रिपाठी के हाथ-पैर और मुंह बांध दिया. इसके बाद राम-जानकी की मूर्ति चोरों ने काटकर नीचे उतार दी थी. लक्ष्मण जी की मूर्ति को छेनी-हथौड़ी से जड़ से काटने की कोशिश कर रहे थे. ऐसा अनुमान है कि तभी पुजारी की दम घुटने से मौत हो गई और चोर मूर्तियां भी नहीं ले जा पाए.
राम-जानकी की मूर्ती का वजन ज्यादा होने के कारण चोर इसे नहीं ले जा पाए. मगर, लड्डू गोपाल की एक फीट की मूर्ति उठा ले गए. एक अष्ट धातु की मूर्ति भी गायब है. इसके अलावा सोने-चांदी के जो भी सामान थे, चोर वो भी अपने साथ ले गए हैं. वहीं, श्रृंगवेरपुर में गौरीशंकर संस्कृत महाविद्यालय में स्थित मंदिर में भी 2014 में कन्हैया की मूर्ति भी चोर काट ले गए थे. तब भी रिपोर्ट लिखाई गई थी, पर कुछ पता नहीं चल पाया था.