गोरखपुर जिले में डेंगू बीमारी अपना कहर बढ़ पा रहा है. आए दिन मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. डेंगू पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ाने की वजह से अस्पतालों में बेड़ों की संख्या कम पड़ने लगी है. जिला अस्पताल की बात करें तो वहां बेड पूरी तरह से फूल हो गए हैं. निजी अस्पतालों की भी कुछ ऐसे ही स्थित है.स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में कंफर्मेट्री जांच के 78 रोगी है. जिनमें मेडिकल कॉलेज की जांच में पॉजिटिव आए लोगों की संख्या नहीं जुड़ी है जो लगभग 20 है.
गोरखपुर जिले में जुलाई माह से शुरू हुआ संक्रमण अगस्त माह आते-आते तेज हो गया है. सितंबर के अंतिम दिन 15 रोगी पॉजिटिव आए थे .पॉजिटिव आने के चार-पांच दिन बाद लोगों की तबीयत गंभीर हो रही है. पिछले दिनों डेंगू की वजह से एक महिला की मौत हुई थी. रैपिड जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी लेकिन एलाइज जांच नहीं हुई थी. जिसकी वजह से विभाग उन्हे डेंगू पीड़ित नही मान रहा हैं.जब की रैपिड जांच में पॉजिटिव रोगियों की संख्या सैकड़ो में हैं.
Also Read: Lucknow: नवाबों के शहर लखनऊ में हवा में झूलते हुए उठांए खाने का आनंद, खुल गया Sky Dining Restaurant
निजी अस्पतालों में उन मरीजों का उपचार चल रहा है. इन मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन ब्लड बैंकों से 400 यूनिट प्लेटलेट्स की खपत हो रहीं हैं. गोरखपुर जिला अस्पताल की बात करें तो वहां 18 बेड का डेंगू वार्ड हैं. जिस पर रोगी भर्ती हैं वर्तमान में वहां कोई भी बेड खाली नहीं हैं. वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 25 बेड में 12 पर रोगी भर्ती हैं. इसके अलावा संदिग्ध डेंगू रोगियों से यहां का मेडिसिन वार्ड भी भरा हुआ है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए एक प्रयास तेज कर दिए गए हैं. जहां भी रोगी मिल रहे हैं उसे मोहल्ले के हर घर में रहने वालों की जांच की जा रही है. लोगों को इससे बचाव की जानकारी भी दी जा रही है. अस्पताल में रोगियों का संक्षिप्त उपचार किया जा रहा है. वहीं इस मामले में जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि डेंगू के रोकथाम और जांच के लिए जांच के साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. जिस क्षेत्र में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं वहां छिड़काव कराया जाए. घरों की जांच की जा रही है कबाड़ में पानी तो नहीं इकट्ठा है, जिससे मच्छर के लारवा उसमें पैदा हो.
उन्होंने बताया कि अगर किसी के घर में कबाड़ में टायरों में छत पर पड़े कूलर में पानी इकट्ठा है तो उन्हें वार्निंग देकर पानी को हटाया जा रहा है. और आगे से पानी इकट्ठा न होने दे इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर