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झारखंड में बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, लापरवाह हो रहा स्वास्थ्य विभाग, देखें कुछ जिलों के हाल

झारखंड में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. राज्य में फिलहाल डेंगू के 81 सक्रिय मरीज हैं. सबसे अधिक केस पूर्वी सिंहभूम में है. एक तरफ झारखंड में डेंगू का प्रकोप है, दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग लापरवाह दिख रहा है. आइए राज्य के कुछ जिलों का हाल देखते हैं.

Dengue Fever in Jharkhand: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में डेंगू के 81 सक्रिय मरीज हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पूर्वी सिंहभूम में हैं. धनबाद में डेंगू के 42, देवघर में 21, दुमका में 9, सरायकेला में 8 और गुमला में 1 मरीज शामिल हैं. इधर, राज्य में अब तक डेंगू से 1,588 मरीज पीड़ित हुए हैं. इसमें पूर्वी सिंहभूम में 1,019 मरीज डेंगू की चपेट में आये हैं. इसके अलावा सरायकेला में 209, रांची में 76, दुमका में 51, हजारीबाग में 43, धनबाद में 42,देवघर में 27 और गिरिडीह में 22 मरीज हैं. अन्य जिलों में इससे कम डेंगू पीड़ित मरीज मिले हैं. इधर, डेंगू पीड़ित मरीजों में 26 का विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.

वार्ड में डेंगू संदिग्धों के साथ रखे जा रहे दूसरे मरीज

देवघर में एक तरफ स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचाव के लिए अभियान चला रहा है. वहीं दूसरी तरफ सदर अस्पताल में इसका ध्यान नहीं रखा जा रहा है. विभाग की ओर डेंगू के संभावित मरीजों को भर्ती कर इलाज के लिए अलग से डेंगू वार्ड बनाया गया है. लेकिन, डेंगू के संभावित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अब उन्हें दूसरे वार्ड में भी भर्ती कर दिया जा रहा है. इससे दूसरी बीमारियों के भर्ती मरीज भी संक्रमित हो सकते हैं. सदर अस्पताल में 17 संभावित डेंगू मरीज भर्ती हैं, इनमें दो पीकू वार्ड में भर्ती हैं. वहीं, ऊपरी तल्ले पर 51, 52 ,53, 54 नंबर कमरे और एक केबिन को डेंगू वार्ड बनाया गया. इन सभी में करीब 30 बेड हैं, लेकिन यहां भी डेंगू के संभावित मरीजों के साथ-साथ मारपीट के दो, एक घायल, किडनी व सर्दी- खांसी के एक-एक मरीज भर्ती हैं. ऐसे में कभी भी इन मरीजों को संक्रमण हो सकता है.

देवघर में डेंगू के 14 नये संभावित मरीज मिले, एक जमुई का

देवघर में रविवार को 14 नये संभावित डेंगू मरीजों की पहचान हुई है. इसमें एक जुमई जिले के हैं. इसकी सूचना निजी अस्पताल व क्लिनिक की ओर से स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है. इसके साथ ही जिले में अब संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़कर 338 हो गयी है. जबकि अन्य जिले व राज्य के 76 मरीजों की संख्या हो गयी है.

अस्पताल में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है, किसी को मना नहीं कर सकते हैं. हालांकि, डेंगू मरीजों को एक ही वार्ड में रहने को कहा गया है.

डॉ रंजन सिन्हा, सिविल सर्जन, देवघर

गुमला में डेंगू रोधी दवा का छिड़काव कराने की मांग

गुमला शहर के मेन रोड निवासी अनिल कुमार ने डीसी को ज्ञापन सौंप कर नगर परिषद क्षेत्र के सभी वार्डों में साफ-सफाई व मलेरिया रोधक दवा का छिड़काव कराने की मांग की है. ज्ञापन में कहा गया है कि पूरे झारखंड में डेंगू बीमारी का प्रकोप बढ़ा हुआ है. बरसात के कारण गुमला में डेंगू बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है. वर्तमान में नगर परिषद क्षेत्र में पूर्ण साफ-सफाई नहीं हो रही है. शहरी क्षेत्र में अध्कतर नाली जाम है, जिससे मच्छर का प्रकोप है. विषाणु मच्छर डेंगू फैलने की संभावना है. ऐसी स्थिति में सभी नालियों की सफाई, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव व फॉगिंग मशीन शुरू कराने की मांग की है.

राजमहल अनुमंडल अस्पताल में डेंगू संभावित सात मरीज भर्ती, लोगों में दहशत

साहिबगंज के राजमहल अनुमंडल मुख्यालय समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है. इससे क्षेत्र के लोगों में दहशत है. इसके संभावित सात मरीज को अनुमंडलीय अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती कराकर इलाज किया जा रहा है. राजमहल के प्राणपुर, पूर्वी जामनगर समेत आसपास इलाके में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है. अस्पताल में भर्ती मरीजों में राजमहल के चार व उधवा प्रखंड के तीन हैं. विगत डेढ़ माह से उधवा के विभिन्न इलाके में डेंगू के प्रकोप से लोग ग्रसित हैं. अस्पताल में भर्ती किये गये मरीजों का इलाज स्थानीय चिकित्सकों के माध्यम से किया जा रहा है.

एलिसा टेस्ट में होती है विलंब

राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल में 10 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. प्लेटलेट्स जांच के लिए सीबीसी की भी व्यवस्था है. पर डेंगू की मुख्य जांच एलिसा टेस्ट की व्यवस्था नहीं होने से जांच के लिए ब्लड सैंपल को साहिबगंज सदर अस्पताल भेजा जाता है. इसके रिपोर्ट आने तक में दो से तीन दिन का वक्त लगता है. इलाज कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि कुछ मरीजों के पास निजी क्लीनिक व अन्य जगहों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार एवं डेंगू के संभावित मरीज को देखते हुए तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया है. ब्लड सैंपल लेकर एलिसा टेस्ट के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है.

बिहार और पश्चिम बंगाल में भर्ती हो रहे हैं डेंगू के मरीज

राजमहल व उधवा प्रखंड क्षेत्र में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच डेंगू के लक्षण के लगभग 10 से 15 मरीज बिहार के भागलपुर एवं पश्चिम बंगाल के मालदा स्थित निजी नर्सिंग होम में भर्ती होकर अपना इलाज कर रहे हैं. वहीं, क्षेत्र के कई लोग जागरुकता के अभाव में आज भी झोलाछाप डाक्टर से इलाज करा रहे हैं.

डेंगू लक्षण के भर्ती मरीजों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. राजमहल एवं उधवा प्रखंड क्षेत्र में सहिया एवं एमपीडब्ल्यू के माध्यम से लोगों को आसपास सफाई रखना एवं साफ पानी का जमाव नहीं होने के प्रति जागरूक किया जा रहा है. डेंगू का प्रकोप बड़ा है. क्षेत्र के लोगों को इसके बचाव के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है. बुखार होने पर अस्पताल आकर इलाज कराएं.

डॉ उदय टुडू, प्रभारी उपाधीक्षक, राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल

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