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बरेली के नए डीएम रविंद्र कुमार ने संभाला चार्ज, शासन की मंशानुसार काम का किया दावा, जानें कलेक्टर …

नए डीएम रविंद्र कुमार ने मंगलवार को ऑफिस पहुंचकर चार्ज ले लिया है.इसके बाद डीएम ने ऑफिस का निरीक्षण किया.कलेक्ट्रेट में अभिलेखागार, प्रशासनिक कार्यालय स्टोर आदि कार्यालयों का निरीक्षण किया.विभागीय कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.मीडिया से बातकर शासन की नीतियों के मुताबिक काम करने की बात कही.

बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली के नए डीएम रविंद्र कुमार ने मंगलवार को ऑफिस पहुंचकर चार्ज ले लिया है.मगर, इसके बाद डीएम ने ऑफिस का निरीक्षण किया.उन्होंने कलक्ट्रेट में अभिलेखागार, प्रशासनिक कार्यालय स्टोर आदि कार्यालयों का निरीक्षण किया.विभागीय कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.मीडिया से बातचीत के दौरान डीएम ने कहा कि वह शासन की नीतियों के मुताबिक ही काम करेंगे.सरकार की प्राथमिकता ही, जिला प्रशासन की प्राथमिकता है. सरकारी योजनाओं को समय पर पूरा कराया जाएगा.जनमानस की शिकायतों को प्रभारी तरीके से निपटाने की बात कही.कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रहेगी.यह भी प्रयास रहेगा कि जिले में विकास की रफ्तार तेज होने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिले.उन्होंने शहर के कुतुबखाना ओवरब्रिज निर्माण का कार्य जल्द पूरा करने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की कही.

नए डीएम ने दी बार फतह किया एवरेस्ट

सिक्किम में पदस्थापन के दौरान रविंद्र कुमार कठिन प्रशिक्षण, दृढ़ निश्चय, सकारात्मक सोच के बल पर पहले ही प्रयास में 19 मई 2013 को विश्व के सबसे ऊंचे शिखर एवरेस्ट पर पहुंचे थे.इसके बाद 2015 में एवरेस्ट पर इनकी दूसरी चढ़ाई की.मगर, उनका उद्देश्य ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के बारे में जागरूकता फैलाना था.उनको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झंडी भी दिखाई थी.उस अभियान के दौरान उन्होंने 25 अप्रैल 2015 को भूकंप, और हिमस्खलन के बाद एवरेस्ट बेस कैंप में खुद को खतरे में डालते हुए कई लोगों की जान बचाई.

नवोदय विद्यालय में की पढ़ाई, जाने और…

2011 बैच के आईएएस रविंद्र कुमार बुलंदशहर में भी डीएम रह चुके हैं.वह कई जिलों में एसडीएम, डीएम, आयुक्त मनोरंजन कर सहित विभिन्न पदों पर काम किया है.भारत सरकार में केंद्रीय पेयजल, और स्वच्छता मंत्री, उमा भारती के निजी सचिव के रूप में दिसंबर 2017, से 14 जून 2019 तक काम किया.उनका जन्म बिहार के बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर प्रखंड के बसही गांव के किसान परिवार में वर्ष 1981 में हुआ था.वह बचपन से ही शिक्षा में मेधावी थे.गाँव के एक ग्रामीण हिंदी माध्यम स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा ली.उन्होंने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय, बेगूसराय में की.इसके बाद की शिक्षा जवाहर विद्या मंदिर, रांची से की. 12वीं की शिक्षा पूरी की,और 1999 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) प्रवेश परीक्षा भी पास की, लेकिन उन्होंने शिपिंग को करियर के रूप में लेने का फैसला किया, और मर्चेंट नेवी में शामिल हो गए.उन्होंने 2002 से 2008 तक लगातार मर्चेंट नेवी में काम किया, लेकिन 2009 में नौकरी छोड़ दी.इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए नई दिल्ली आ गए.यूपीएससी एग्जाम में पास होने के बाद उन्हें कैडर के रूप में सिक्किम राज्य दिया गया था.यहां उन्होंने अगस्त 2013 से फरवरी 2014 तक दक्षिण सिक्किम के नामची उप-मंडल के एसडीएम के रूप में राज्य में काम किया.इसके बाद जून 2014 में “ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री” के साथ काम करने के लिए नई दिल्ली आए.मई 2016 में उनके कैडर को सिक्किम से उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया गया.

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कई पुस्तक लिखीं, और मिले पुरुस्कार

आईएएस रविंद्र कुमार ने अपनी पर्वतारोहण की यात्रा पर दो प्रेरक पुस्तक भी लिखी थीं.यह ब्लूम्सबरी द्वारा प्रकाशित की. “मैनी एवरेस्ट – एन इन्स्पाइरिंग जर्नी ओफ़ ट्रैन्स्फ़ॉर्मिंग ड्रीम्स इंटू रीऐलिटी’ और इसके हिंदी संस्करण ‘एवरेस्ट,सपनों की उड़ान, सिफ़र से शिखर तक’ नामक पुस्तक लिखीं.’एडवांस पॉजिटिव विज़ुअलाइज़ेशन’ नामक सफलता के लिए एक अभिनव तकनीक के बारे में बात करती है. यह भाषण, श्रवण, गंध, स्पर्श आदि जैसी किसी भी अन्य संवेदी धारणा से पहले किसी भी चीज़ की छवि को पकड़ने के लिए मानव मस्तिष्क की सहज शक्ति का उपयोग करता है.लेखक वैज्ञानिक रूप से अपनी तकनीक को पाठकों को समझाता है, और व्यावहारिक रूप से प्रदर्शित करता है, और उन्हें प्रेरित करने की कोशिश करता है कि वह कैसे, एक बेसहारा पृष्ठभूमि से आने और जीवन में कई बाधाओं का सामना करने के बावजूद, कम समय में कई मील के पत्थर स्थापित किए. ये दोनो पुस्तकें युवकों के लिए बहुत ही प्रेरक सिद्ध हो रही हैं.उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए, श्री कुमार को “सिक्किम खेल रत्न पुरस्कार”, बिहार में विशेष खेल सम्मान,कुश्ती रत्न पुरस्कार, सेलर टुडे सी, शोर पुरस्कार, समुद्र मंथन पुरस्कार सम्मान, जयमंगला काबर पुरस्कार, अटल मिथिला सम्मान, भारत गौरव पुरस्कार सहित कई पुरस्कार और मान्यताएं प्राप्त हुई हैं.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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