विश्व चैंपियन नीरज चोपड़ा बुधवार को हांगझू में चल रहे 19वें एशियाई खेलों में अपने पुरुष भाला फेंक खिताब की रक्षा के लिए उतरेंगे और लगातार दूसरे स्वर्ण पदक पर निशाना साधेंगे. टोक्यो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता खेलों के 11वें दिन एथलेटिक इवेंट में मुख्य भूमिका निभाएंगे, जहां भारत निश्चित रूप से शीर्ष स्थान के लिए पसंदीदा होगा. यह नीरज के लिए आसान काम हो सकता है क्योंकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी और विश्व रजत पदक विजेता अरशद नदीम घुटने की पुरानी चोट के कारण टूर्नामेंट से हट गए हैं.
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एशियन गेम्स जेवलिन थ्रो फाइनल बुधवार, 4 अक्टूबर को होगा.
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एशियन गेम्स जेवलिन थ्रो फाइनल हांग्जो ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में खेला जाएगा.
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एशियन गेम्स जेवलिन थ्रो फाइनल भारतीय समयानुसार शाम 4:25 बजे शुरू होने की उम्मीद है.
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एशियन गेम्स जेवलिन थ्रो फाइनल का प्रसारण सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर किया जाएगा.
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नीरज चोपड़ा, एशियन गेम्स जेवलिन थ्रो फाइनल को SonyLiv पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा.
भारत के सुपरस्टार भाला फेंक खिलाड़ी खिलाड़ी अगले साल पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल बरकरार रखना चाहेंगे. बुडापेस्ट में विश्व खिताब जीतने के बाद 25 वर्षीय चोपड़ा रविवार को ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप खिताब दोनों जीतने वाले इतिहास के तीसरे भाला फेंक एथलीट बन गए.उन्होंने कहा, ‘मेरी कोशिश है कि मुझे मेरा खिताब फिर से दोहराना है और मुझे इसके लिए जितनी भी मेहनत करने की जरूरत होगी, मैं करूंगा, चोपडा से पहले जेलेज्नी और नार्वे के आंद्रियास थोरकिल्डसन ने लगातार ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप खिताब जीते थे.
डायमंड लीग में दूसरे स्थान पर रहे थे, उन्होंने कहा कि विश्व चैंपियनशिप से पहले उन्हें खांसी और गले में तकलीफ थी. नीरज चोपड़ा ने बतलाया, ‘मैं पहले यह बताना नहीं चाहता था क्योंकि लोग इसे बहाना समझ सकते थे, लेकिन क्वालीफिकेशन दौर से पहले मुझे खांसी और गले में दर्द था. मुझे परेशानी हो रही थी. ज्यूरिख में भी मुझे समस्या हो रही थी. मैं शत प्रतिश ठीक नहीं था, लेकिन में ठीक हो जाऊंगा. एक एथलीट का जीवन ऐसा ही होता है.’महज तीन दिन के बाद चोपड़ा ने ज्यूरिख डायमंड लीग में हिस्सा लिया और उन्होंने स्वीकार किया कि वह पहले तीन थ्रो में जूझ रहे थे. उन्होंने 80.79 मीटर के थ्रो से शुरुआत की और अगले दो थ्री फाउल कर बैठे. चोपड़ा ने कहा, ‘निश्चित रूप से ज्यूरिख में थकान थी. विश्व चैंपियनशिप के बाद सर्वश्रेष्ठ करना मुश्किल था. वॉर्म अप में भी थोड़ी परेशानी थी, इसमें थोड़ा समय लगा, मैं पहले तीन थ्रो में जूझ रहा था, मेरा रन अप भी सही नहीं था. थ्रो कमज़ोर थे, पूरी तरह तेजी में नहीं थे. तीसरे राउंड के बाद मुझे लगा कि मैं शीर्ष आठ में नहीं रह पाऊंगा.’