12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अर्द्ध सरकारी अराजपत्रित कर्मियों के वेतन मामले में झारखंड सरकार पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मुख्य सचिव को बुलाया

पीठ ने झारखंड के मुख्य सचिव नौ अक्तूबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा है. नोटिस के बावजूद झारखंड की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ है

रांची: सुप्रीम कोर्ट ने अराजपत्रित कर्मचारियों के वेतन भुगतान से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड राज्य की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की है. जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों का पक्ष सुनने के बाद कहा : यह पिछले लगभग 20 साल से कर्मचारियों को वेतन देने से जुड़ा मामला है. 14 नवंबर 2022 को प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया गया था. बिहार सरकार की ओर से पहले ही हलफनामा दायर किया जा चुका है.

ऐसे संवेदनशील मामले में, झारखंड राज्य सो रहा है और इस मामले में किसी वकील को नियुक्त करने की भी परवाह नहीं कर रहा है. पीठ ने झारखंड के मुख्य सचिव नौ अक्तूबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा है. नोटिस के बावजूद झारखंड की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ है. खंडपीठ ने झारखंड राज्य के पैनल में शामिल अधिवक्ता पल्लवी लंगर के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया.

Also Read: झारखंड की निलंबित IAS पूजा सिंघल से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल- निजता हनन का आरोप जमानत का आधार कैसे?

साथ ही खंडपीठ ने भारत सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय प्रदान किया. इसके लिए केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने समय देने की प्रार्थना की थी. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए नाै अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बिहार राज्य अर्ध सरकारी अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ एवं अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें