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Bihar Weather: नेपाल में बारिश से गंडक नदी उफनाई, गोपालगंज व यूपी के समीपवर्ती क्षेत्रों में मचाएगी तबाही

जल संसाधन विभाग ने अहिरौलीदान, सिपाया, पतहरा, मेहंदिया, टंडसपुर के इलाके में तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी है. इधर, बाढ़ का पानी गांव में घुसने की संभावना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

भारत नेपाल सीमा के जल अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में रविवार से शुरू हुई बारिश के कारण गंडक बराज का जलस्तर फिर तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को डराने लगा है.नेपाल में भारी बारिश का असर बिहार की नदियों पर भी पड़ने लगा है. गोपालगंज में गंडक नदी उफान पर है. नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. जल संसाधन विभाग ने सभी इंजीनियरों को अपने-अपने क्षेत्र में तटबंधों की निगरानी बढ़ाते हुए अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया है. अधिकारियों ने जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने की आशंका जतायी है. जल संसाधन विभाग ने अहिरौलीदान, सिपाया, पतहरा, मेहंदिया, टंडसपुर के इलाके में तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी है. इधर, बाढ़ का पानी गांव में घुसने की संभावना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. यह पानी यूपी व गोपालगंज में तबाही मचायेगा. बुधवार की शाम सात बजे तक गंडक बराज से  लगभग दो क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया. इससे तटवर्ती वन क्षेत्र समेत पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के समीपवर्ती क्षेत्रों में पानी का जमाव शुरू हो गया है. 

इससे ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ चली हैं.  झंडु टोला गांव और एसएसबी कैंप परिसर में जलस्तर में आंशिक वृद्धि होते ही पानी प्रवेश कर जाएगा. आशंका व्यक्त की जा रही है कि बुधवार की रात तक गंडक बराज का जलस्तर दो लाख 50 हजार के पार चला जाएगा. गंडक बराज के सभी कर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है.गंडक बराज के अधिकारियों की मानें तो नेपाल में  लगातार व रुक-रुक कर बारिश से तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. नेपाल से छूटे पानी के कारण गंडक बराज का जलस्तर मंगलवार से लगातार बढ़ने के क्रम में है. नेपाल के नारायण घाट से छूटे पानी का प्रवाह गंडक बराज के रास्ते प्रवाहित होने के कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन गया है.

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बुधवार की शाम छह बजे तक वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज लेवल एक लाख 58 हजार 900 क्यूसेक था. रात तक दो लाख क्यूसेक पार होने की आशंका जतायी जा रही है. अगले 24 घंटे में वाल्मीकिनगर से डिस्चार्ज पानी गोपालगंज में पहुंचेगा. कुचायकोट प्रखंड में विशंभरपुर, भगवानपुर, सदर प्रखंड में पतहरा, मशानथाना, मेहंदिया, जगीरी टोला, खाप मसकूदपुर, भैंसही, मांझा प्रखंड में गौसिया, नेमुइया, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर इलाके में तटबंधों की निगरानी बढ़ायी गयी है. इधर, अनजाने भय और आशंका से लोग ग्रसित हो गए हैं. सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता रज्जन शमीम ने बताया कि नेपाल के तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है. नारायण घाट से छूटे पानी को गंडक बराज तक आने में लगभग छह से आठ घंटे का समय लगता है. नेपाल में हो रही बारिश को देखते हुए गंडक बराज के जलस्तर के बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.  

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जल संसाधन विभाग के पतहरा के एसडीओ ओसामा वारिसी ने कहा कि गंडक नदी का जल स्तर 2 लाख क्यूसेक तक पहुंचने की संभावना है. हालांकि इससे बाढ़ का खतरा नहीं है. तटबंधों के पास दबाव रह सकता है, जिसकी सतत निगरानी की जा रही है. इधर, अक्तूबर के महीने में बाढ़ के खतरा को देख दियारा इलाके के ग्रामीण चिंतित हैं. आमतौर पर सितंबर के आखिरी तक गंडक नदी का पानी खत्म हो जाता है, लेकिन इस बार अक्तूबर में नदी का जल स्तर बढ़ रहा है.

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