झारखंड सहायक आचार्य के पद पर आवेदन करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान पूर्व में जारी आदेश नियुक्ति प्रक्रिया में लगी रोक को हटा दी है. राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने हाईकोर्ट से सहायक आचार्य नियुक्ति विज्ञापन पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया था. अदालत के इस फैसले के बाद नियुक्ति के लिए आगे का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन कर रहे थे.
बता दें कि इससे पहले 6 सितंबर को कोर्ट ने प्रार्थी की आइए याचिका को स्वीकार करते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया था. मामले में राज्य सरकार, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और जेएसएससी को जवाब दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया था. जिसके बाद मामले की सुनवाई के लिए चार सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया था.
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दरअसल, झारखंड प्रारंभिक विद्यालय सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था. जिसमें कहा गया कि संशोधित नियमावली-2023 की कंडिका-15 में किया गया प्रावधान गलत है. प्रार्थी की तरफ पक्ष रखने वाले अधिवक्ता अमित तिवारी ने कहा था कि वर्ष 2022 में बनायी गयी सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली में शिक्षा विभाग में संविदा पर कार्यरत (बीआरपी-सीआरपी सहित) कर्मियों को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था. बाद में नियमावली को वर्ष 2023 में संशोधित करते हुए बीआरपी, सीआरपी संविदाकर्मियों का आरक्षण समाप्त कर दिया गया. सिर्फ पारा शिक्षकों को ही सहायक आचार्य नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया, जो गलत है.
गौरतलब है कि प्रारंभिक विद्यालय सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 के तहत 26001 पदों पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन आवेदन जमा किया जा रहा था. आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर की आधी रात तक थी. लेकिन उससे पहले की नियुक्ति में रोक लग गयी.