Nobel Prize : वर्ष 2023 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार नाॅर्वे के लेखक जाॅन फाॅसे को दिए जाने की घोषणा हुई है. उन्हें यह पुरस्कार उनके नवीन नाटकों और गद्य के लिए दिया जा रहा है, जो अनकही को आवाज देते हैं.जाॅन फाॅसे ने अपने नाटकों में हमेशा नवीन प्रयोग किए हैं. 64 वर्षीय फाॅसे ने अपने लेखन में कई नवीन प्रयोग किए हैं. उनके द्वारा लिखित नाटकों में प्रमुख हैं- समवन इज गोइंग टू कम होम, दि नेम, दि चाइल्ड, मदर एंड चाइल्ड प्रमुख हैं.
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The 2023 #NobelPrize in Literature is awarded to the Norwegian author Jon Fosse “for his innovative plays and prose which give voice to the unsayable.” pic.twitter.com/dhJgGUawMl— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2023
जॉन फॉसे का जन्म नॉर्वे के हाउगेसुंड में हुआ था. उन्होंने बर्गेन विश्वविद्यालय से तुलनात्मक साहित्य का अध्ययन किया था. उसके बाद उनके साहित्यिक करियर की शुरुआत हुई. उनका पहला उपन्यास, राउड्ट, स्वार्ट (रेड, ब्लैक) 1983 में प्रकाशित हुआ था. जाॅन फाॅसे ने नॉर्वेजियन भाषा में ही लेखन किया है.
जॉन फॉसे ने उपन्यासों को एक ऐसी शैली में लिखा है जिसे ‘फॉसे मिनिमलिज्म’ के नाम से जाना जाता है. इसे उनके दूसरे उपन्यास ‘स्टेंग्ड गिटार’ (1985) में देखा जा सकता है, जब फॉसे हमें एक महिला के असमंजस की स्थिति और उसकी तकलीफ को बयां करते हैं. उनके उपस्यास में एक महिला कचड़ा फेंकने के लिए बाहर आती है और उसके घर का दरवाजा बंद हो जाता है. उसका बच्चा अंदर है, वह लोगों से मदद मांगना चाहती है, लेकिन वह अपने बच्चे को अकेले छोड़कर मदद मांगने के लिए जाना नहीं चाहती. फॉसे रोजमर्रा की ऐसी स्थितियों को प्रस्तुत करते हैं जिनसे लोग आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं.
जॉन फॉसे के लेखन में आधुनिकतावादी कलात्मक तकनीकों के साथ भाषाई और भौगोलिक दोनों तरह के मजबूत स्थानीय संबंध भी दिखते हैं. उन्होंने अपने लेखन में सैमुअल बेकेट, थॉमस बर्नहार्ड और जॉर्ज ट्राकल जैसे नाम शामिल किए हैं, जो इस बात के प्रमाण हैं. अकादमी के स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने बृहस्पतिवार को स्टॉकहोम में पुरस्कार की घोषणा की. स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत के तहत नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख डॉलर) का नकद पुरस्कार दिया जाता है. पिछले साल फ्रांसीसी लेखिका एनी एर्नाक्स ने यह पुरस्कार जीता था. एर्नाक्स 119 नोबेल साहित्य पुरस्कार विजेताओं में से सिर्फ 17वीं महिला थीं.
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