कानपुर: देश के मशहूर वनस्पति घी निर्माता के कानपुर समेत 35 ठिकानों पर आयकर की टीमों की छापेमारी की कार्रवाई 40 घंटो से जारी है. आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक करोड़ों की टैक्स चोरी, अघोषित आय व कागजों में बड़े स्तर पर हेराफेरी के साक्ष्य अब तक जांच में मिले हैं. बता दे कि आयकर विभाग ने गुरुवार सुबह करीब साढ़े सात बजे वनस्पति घी निर्माता ग्रुप के शक्कर पट़्टी, सिविल लाइंस, रनियां समेत कानपुर में 20 ठिकानों के अलावा मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, इंदौर, देवास स्थित कार्यालयों में एक साथ छापे की कार्रवाई शुरू की थी.
बता दे कि आयकर विभाग ने गुरुवार सुबह करीब साढ़े सात बजे वनस्पति घी निर्माता ग्रुप के शक्कर पट़्टी, सिविल लाइंस, रनियां समेत कानपुर में 20 ठिकानों के अलावा मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, इंदौर, देवास स्थित कार्यालयों में एक साथ छापे की कार्रवाई की. ग्रुप के मालिक सुनील गुप्ता व मनोज गुप्ता के सिविल लाइंस स्थित आवास पर भी टीम पहुंची. सभी ठिकानों पर दो सौ से अधिक आयकर अधिकारियों ने कम्प्यूटर, लैपटॉप समेत कई महत्वपूर्ण कागजात कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी.सूत्रों के अनुसार करोड़ों की टैक्स चोरी के अलावा कई गड़बड़ियों के साक्ष्य मिले हैं. हालांकि आयकर अधिकारियों ने अभी कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है.
तेल कारोबारी ने वनस्पति घी ही नहीं बल्कि रियल इस्टेट में भी जमकर पैसा खपाया है. कानपुर के अलावा कई शहरों में ग्रुप के करोड़ों-अरबों के प्रोजेक्ट हैं.छापे के दौरान रियल इस्टेट में काली कमाई खपाने के भी साक्ष्य हाथ लगे हैं. रनियां, बिठूर समेत शहर के आसपास कई जगह काफी जमीन होने की बात सामने आई है. बिठूर समेत अलग-अलग बने करोड़ों के प्रोजेक्ट आयकर के रडार पर हैं.यहां खपाया गया पैसा कहां से आया, मालिकों से जानकारी मांगी है.
कंपनी के मालिकों के खिलाफ आयकर विभाग ने पहली बार कार्रवाई नहीं की है. 30 दिसंबर 2021 को भी डीजीजीआई लखनऊ ने आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) में बड़ी गड़बड़ी पकड़ी थी. दो साल पुराने इस मामले में कंपनी के मालिक भी फंसे थे. उस दौरान कार्रवाई को लेकर काफी चर्चा हुई थी. वहीं इससे पहले 25 फरवरी 2019 को डीआरआई कोलकाता और लखनऊ की टीमों ने निर्माता सुनील गुप्ता के सिविल लाइंस स्थित आवास पर संयुक्त छापा मारा था.