बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मयूरेश्वर थाने के नंदुलिया गांव निवासी एक सेना जवान की गत तीन अक्टूबर को सिक्किम में आयी प्राकृतिक आपदा में शहीद हो जाने के बाद से परिवार समेत समूचे गांव में शोक है. परिवार के लोग शहीद जवान गोपाल मंडी के पार्थिव देह का घर लौटने का इंतजार कर रहे है. बताया जाता है की बीरभूम के सेना जवान गोपाल मंडी जलपाईगुड़ी के बिन्नागुड़ी में पदस्थापित थे. वहां से कुछ माह पहले वह सिक्किम के हरभजन सिंह मंदिर में ड्यूटी पर गये थे. वह प्राकृतिक आपदा के दौरान सिक्किम के हरभजन सिंह मंदिर से अपनी ड्यूटी पूरी कर बिन्नागुड़ी आर्मी कैंप लौट रहे थे. वापस लौटते समय रास्ते में उन्हें प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा.
4 अक्टूबर को भारतीय सेना द्वारा गोपाल मंडी के घर पर उनके लापता होने की सूचना दी गई थी. गुरुवार शाम गोपाल मंडी के घर पर गोपाल की मौत की सूचना मिली. उनकी मौत की खबर जैसे ही आदिवासियों के निवास वाले नंदुलिया गांव में पहुंची, परिवार समेत समूचे गांव में मातम पसर गया. 29 वर्षीय गोपाल मंडी 2014 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. वह चिकित्सा विभाग में कार्यरत थे.
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2021 में उनकी शादी बोलपुर के सियान की रहने वाली मम्पी मुर्मू से हुई थी.घर पर गोपाल मंडी की मां, पिता, बड़े भाई, बहन और पत्नी हैं.परिवार द्वारा अपने जवान बेटे को खोए जाने पर मानों दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. पत्नी का रो रो कर बुरा हाल है. महज तीन वर्ष ही विवाह के हुए थे. लेकिन किसी ने सोचा तक नहीं था की इस तरह गोपाल की मौत हो जायेगी. घटना को लेकर अब लोग इस इंतजार में है की कब गांव के दुलारे का पार्थिव देह घर पहुंचेगा.