20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राजस्थान में जातिगत सर्वे कराएगी सरकार, आदेश जारी, जानिए कैसे होगा सर्वेक्षण?

Rajasthan Caste Survey. राजस्थान में जाति आधारित सर्वे होगी. जी हां, तमाम कायासों को मौन करते हुए सरकार ने शनिवार देर रात इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. बिहार के जातीय सर्वे के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी फैसला लेते हुए राज्य में जातीय सर्वे कराने की बात कही है.

Rajasthan Caste Survey : राजस्थान में जाति आधारित सर्वे होगी. जी हां, तमाम कायासों को मौन करते हुए सरकार ने शनिवार देर रात इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. बिहार के जातीय सर्वे के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी फैसला लेते हुए राज्य में जातीय सर्वे कराने की बात कही है. इससे संबंधित जानकारी सामने आ रही है कि सामाजिक न्याय व अधिकारिकता विभाग की ओर से राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय की अनुपालना में जारी इस आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार अपने ही संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण करायेगी.

बिहार जातिगत सर्वे रिपोर्ट के बाद लिया फैसला

बता दें कि इस आदेश से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल पार्टियों द्वारा शासित राज्य बिहार में सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण कराया था और इसका परिणाम भी जारी किया. इस मामले पर जहां एक ओर एनडीए गठबंधन ने सर्वे के परिणाम को आंशिक रूप से गलत बताया है वहीं, दूसरी ओर राज्य सरकार ने भी खुलकर इसका जवाब दिया है. इन तमाम मुद्दों और बयानों के बीच और राज्य में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान सरकार ने भी यह आदेश जारी कर दिया है.

अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी सरकार

साथ ही कांग्रेस शासित राजस्थान ऐसा सर्वेक्षण करने वाला देश का दूसरा राज्य होगा. हालांकि, इसकी भनक पहले ही दे दी गई थी. इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से कहा था कि इस संबंध में आदेश जल्‍द जारी किया जाएगा. विभाग की ओर से देर रात जारी आधिकारिक बयान के अनुसार सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी.

  • इसके अनुसार प्रस्‍तावित सर्वेक्षण में राज्य के समस्त नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर के सम्बंध में जानकारी एवं आकंडे़ एकत्रित किए जाएंगे. इसके अनुसार राज्य सरकार द्वारा इनका विशेष अध्ययन कराकर वर्गों के पिछडे़पन की स्थिति में सुधार लाने के लिए विशेष कल्याणकारी उपाय और योजनाएं लागू की जाएगी. बयान के अनुसार इससे सभी वर्गों के जीवन स्तर में सुधार आएगा.

  • विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा द्वारा जारी आदेश के अनुसार सर्वेक्षण कार्य आयोजना (आर्थिक एवं सांख्यिकी) विभाग द्वारा नोडल विभाग के रूप में सम्पादित किया जाएगा. इसके अनुसार साथ ही, सभी जिला कलेक्टर सर्वेक्षण के लिए नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, ग्राम एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्मिकों की सेवाएं ले सकेंगे. इसके अनुसार कार्य के लिए नोडल विभाग द्वारा प्रश्नावली तैयार की जाएगी जिसमें उन समस्त विषयों का उल्लेख होगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके.

  • बयान के अनुसार सर्वेक्षण से प्राप्त सूचनाएं एवं आंकड़े ऑनलाइन फीड किए जाएंगे. बयान के अनुसार इसके लिए सूचना, प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा अलग से विशेष सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल ऐप बनाया जाएगा. इसके अनुसार सर्वेक्षण से प्राप्त संकलित की गई सूचनाएं विभाग सुरक्षित रखेगा. कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ‘एक्स’ एकाउंट पर इस आदेश की प्रति साझा करते हुए लिखा गया, ‘‘राजस्थान की कांग्रेस सरकार जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी. कांग्रेस ‘जिसकी जितनी भागीदारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी’ के अपने संकल्प पर काम कर रही है.’’

  • उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य सरकार बिहार के मॉडल को अपनाते हुए राज्य में जातिगत सर्वेक्षण करवाएगी और यह भी एक बड़ा फैसला है. इससे पहले दिन में गहलोत ने मीडिया से कहा था कि राज्य सरकार बिहार के मॉडल को अपनाते हुए राज्य में जातिगत सर्वेक्षण करवाएगी और यह भी एक बड़ा फैसला है.

  • उन्होंने कहा था, ‘‘हम (जातिगत) सर्वेक्षण कराएंगे. इसके लिए आदेश तत्काल जारी किया जाएगा. जनगणना तो भारत सरकार ही करवा सकती है, यह केवल परिवारों का सर्वेक्षण हो रहा है जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति भी पता चल जाएगी. मैं समझता हूं कि बहुत बड़ा निर्णय हुआ है. हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है, हम इसे आगे बढ़ाएंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने रायपुर में प्रस्ताव पारित किया था. उसी को हम आगे बढ़ा रहे हैं. शुरुआत होगी, समय लगेगा लेकिन हम चाहेंगे कि परिवारों की आर्थिक स्थिति मालूम हो ताकि भविष्य में बनने वाली योजनाओं में यह काम आए.’’

  • उन्होंने कहा, ‘‘सर्वेक्षण हो जाएगा, कानून बन जाएगा. स्वत: ही बिना मांगे हुए सर्वेक्षण के आधार पर लोगों को मदद मिलने लगेगी. बहुत बड़ा काम है ये. यह हम करने जा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘अगर राज्य में आचार संहिता लागू भी हो जाती है तो इसमें क्या दिक्कत है हम तो अच्छा काम कर रहे हैं.’’ राष्ट्रव्यापी जाति आधारित गणना विपक्षी ‘I.N.D.I.A.’ गठबंधन का एक प्रमुख एजेंडा है, जिसका मानना है कि इससे हिंदी पट्टी में आगामी चुनावों में गठबंधन को मदद मिलेगी. कांग्रेस विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के साथ ही बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन का भी हिस्सा है.

सोर्स : भाषा इनपुट

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें