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पेट की साइज अगर 90 सेंमी से ज्यादा है, तो समझिये खतरे की घंटी, बिगड़ती जीवनशैली दे रही गंभीर बीमारियों को दावत

योग व व्यायाम को रोजमर्रा में अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना जरूरी है जो न केवल मधुमेह बल्कि अन्य बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि से भी बहुत हद तक बचायेगा. रविवार को पूर्णिया में आयोजित राज्यस्तरीय कान्फ्रेंस में डाक्टरों और विशेषज्ञों की राय से यह निचोड़ सामने आये हैं.

पूर्णिया. बिगड़ती जीवनशैली और खराब खानपान कई गंभीर बीमारियों को दावत दे रही है. खासकर युवाओं की बदलती जीवन शैली उन्हें बीमारियों का शिकार बना रही है. इसे नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली और खानपान में बदलाव लाने की जरूरत है. इसके अलावा योग व व्यायाम को रोजमर्रा में अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना जरूरी है जो न केवल मधुमेह बल्कि अन्य बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि से भी बहुत हद तक बचायेगा. रविवार को पूर्णिया में आयोजित राज्यस्तरीय कान्फ्रेंस में डाक्टरों और विशेषज्ञों की राय से यह निचोड़ सामने आये हैं. यह कान्फ्रेंस क्लीनिकल कार्डियो व डायबेटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के बिहार-झारख़ंड चैप्टर की ओर से किया गया था. कान्फ्रेंस में बिहार-झारखंड के करीब सौ से अधिक डाक्टरों ने शिरकत किया.

आमलोगों को जागरूक करने के लिए ओपन सेशन

कान्फ्रेंस के पहले चरण में आमलोगों को जागरूक करने के मकसद से ओपन सेशन रखा गया. इसमें डा. ए एन राय, डा. उमेश खान, डा. ए के पाठक, डा. अजय कुमार ने लोगों को बिगड़ती जीवनशैली और खानपान से होने वाली बीमारियों और उससे बचने के उपायों पर सुझाव दिये. डाक्टरों ने एक स्वर से कहा कि खानपान और स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रखकर इन बीमारियों पर नियंत्रण रखा जा सकता है. इस मौके पर सवाल व जवाब भी हुए. इससे पहले कार्डियो व डायबिटीज ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष डा. (प्रोफेसर) ए एन राय ने इस कान्फ्रेंस का उद्घाटन किया.

ये विशेषज्ञों थे मौजूद

इस मौके पर कार्डियो व डायबिटीज ऑफ इंडिया के बिहार-झारखंड अध्यक्ष डा. उमेश खान, डा. देवी राम, डा. ए के पाठक, डा. अजय कुमार, डा. एसपी सिंह, डा. आर के मोदी, बिनोद धारेवा व डा. निशिकांत आदि मौजूद थे. ओपन सेशन के बाद दिनभर चले मंथन में ह्रदय की बीमारी, डायबिटीज, मोटापा, किडनी रोग, लीवर रोग आदि के नये शोध और नवीनतम तकनीक पर विस्तार से चर्चा हुई. विशेषज्ञों ने इस पर अपने-अपने अनुभवों को साझा किया.

भोजन में भरपूर फाइबर के साथ कार्बोहाइड्रेट भी लेने की सलाह

संस्था के संस्थापक और इस कांफ्रेस में बतौर मुख्य अतिथि गया से आये डॉ ए एन राय ने संस्था के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य डायबिटीज, रक्तचाप तथा हृदयरोग के बारे में लोगों को जागरूक करना है. ऐसे आयोजनों द्वारा न सिर्फ लोगों से संवाद कर उनकी जिज्ञासा को तृप्त ही किया जाता है बल्कि इन रोगों के मरीजों में खान पान और लाइफ स्टाइल को लेकर जो भी भ्रम हैं उन्हें दूर किये जाते हैं. उन्होंने भोजन में भरपूर फाइबर के साथ हर तरह के फल, सलाद और कार्बोहाइड्रेट भी लेने की सलाह दी और कहा भोजन में जितनी कैलोरी आप लें उतनी खपत हो जाये, इसका ध्यान रखना जरूरी है.

अगर पेट की साइज 90 सेमी से ज्यादा है तो समझिये खतरे की घंटी : डॉ ए एन राय

उन्होंने कहा कि एक जगह लगातार लंबे समय तक बैठे न रहें बल्कि हर एक दो घंटे में थोड़ा घूम फिर करते रहें. आगे उन्होंने कहा कि अगर किसी के परिवार में पहले से ही इस तरह के रोगों की समस्या आती रही है तो अगली पीढ़ी को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि उन्हें इन रोगों के होने का ख़तरा ज्यादा है और ब्लडप्रेशर साइलेंट किलर है. इसलिए लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की जरूरत है. इसके लिए अपनी व्यवस्थित दिनचर्या, हेल्दी डाइट के अलावा सुबह हो या शाम किसी भी समय एक्सरसाइज पर ध्यान देना होगा. स्मोकिंग ड्रिंक से परहेज करते हुए शारीरिक वजन को नियंत्रण में रखना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर पेट की साइज़ 90 सेमी से ज्यादा है तो समझिये खतरे की घंटी.

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डायबिटीज शरीर का दीमक है: डॉ उमेश खान

सीसीडीएसआइ के बिहार-झारखंड चेयरमैन डॉ उमेश खान ने कहा कि डायबिटीज शरीर का दीमक है. शुगर, ब्लडप्रेशर नियंत्रण के साथ साथ स्मोकिंग, तंबाकू वगैरह से परहेज कर अगर मरीज अपना वजन 10 प्रतिशत घटा लेता है तो दवा की जरूरत कम हो जायेगी. उन्होंने कहा कि अगर एक बार हार्टअटैक आ गया तो विशेष सावधानी की जरूरत है. दवा व वॉकिंग जरूरी है. अगर शरीर का सभी नस मोटा हो रहा है. गर्दन हो या हर्ट एक की ट्रीटमेंट आपने करवा ली, बाकी का नहीं करवाया तो उसी वक्त से सावधानी लेने की जरूरत है. जिस समय चिकित्सक ने रक्त पतला होने की दवा दी उनके निर्देशों का ठीक से पालन करने और व्यायाम करने से दूसरी नसें ब्लाॅक नहीं होगी या इसकी संभावना बहुत कम होगी.

डायबिटीज, रक्तचाप व ह्रदयरोग की जड़ है मोटापा : डॉ देवी राम

संस्था के पूर्व अध्यक्ष और मुख्य संरक्षक डॉ देवी राम ने कहा कि डायबिटीज, रक्तचाप और ह्रदयरोग के बारे में लोगों में जागरूकता होनी बेहद जरूरी है. कई बार लोग इसके शुरुआती लक्षणों को समझ नहीं पाते जिस वजह से आगे चलकर ये गंभीर परिणाम देते हैं. डायबिटीज के मरीजों में कई बार बगैर कोई लक्षण के ही अटैक आ जाते हैं ये जानलेवा साबित हो सकते हैं. इस तरह के रोगों के लिए हमारी खराब दिनचर्या ही सबसे ज्यादा ज़िम्मेदार है. गलत खानपान, धूम्रपान, अनेक प्रकार का नशा सेवन, अव्यवस्थित दिनचर्या, मानसिक तनाव जैसे कारणों से इन रोगों की समस्या बढ़ती है. खासकर मोटापा-डायबिटीज, रक्तचाप और ह्रदयरोग की जड़ है. केवल शहरी ही नहीं ग्रामीण लोग भी इस रोग से पीड़ित हो रहे हैं. डॉ देवी राम ने यह भी बताया कि इन रोगों से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग अपनी दिनचर्या में सुधार लायें, अपने खानपान को व्यवस्थित करें. उन्होंने भोज्य पदार्थों में शाकाहार को श्रेष्ठ बताते हुए रंग-बिरंगे फलों, सलाद, हरी सब्जियों और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों की प्रचुरता रखने की भी सलाह दी.

30 साल के बाद हो जायें सतर्क, करायें नियमित चेकअप

डॉक्टरों ने कहा कि 30 साल की उम्र के बाद लोगों को सतर्क होने की जरूरत है. एक अंतराल के बाद लोगों को नियमित हेल्थ चेकअप कराना चाहिए. पहले आमतौर पर बुजुर्गों को हार्ट अटैक पड़ा करता था, लेकिन अब इसमें काफी परिवर्तन हो गया है. आज हार्ट अटैक के शिकार युवा भी हो रहे हैं. इस परिवर्तन का मुख्य कारण युवाओं की बदलती जीवनशैली है. वो जिस तरह से खाने, सोने, काम करने की आदतें अपना रहे हैं, उससे उनके हृदय के स्वास्थ्य पर गहरा असर हो रहा है.

बीमारी को न छुपायें : ए के पाठक

डॉ ए के पाठक ने कहा कि अक्सर लोग अपनी बीमारी को दूसरों से छिपाते हैं जिससे आगे चलकर किडनी, आंख, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक से संबंधित परेशानियां आ सकती हैं इसलिए अगर बीमारी हो तो जरूर बताएं. डायबिटीज की पहचान हो जाने के बाद एहतियात बरतते हुए उसे नियंत्रण में रखकर मानव जीवन को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए दवा और लाइफ स्टाइल पर ध्यान जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि कई मरीज थोड़ा राहत पाते ही बीच में ही दवा का सेवन खुद ब खुद बंद कर देते हैं जो खतरनाक है इसलिए बगैर चिकित्सक की सलाह लिए कोई भी निर्णय न लें.

दवा के सेवन से थायराइड करें नियंत्रण : डाॅ अजय

थायराइड पर पूछे गये सवाल पर डॉ अजय कुमार ने बताया कि ये दो प्रकार के होते हैं हाइपो और हायपर ये दोनों मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, लेकिन लगातार चिकित्सक के परामर्श और दवा के सेवन से इस रोग को भी नियंत्रित किया जा सकता है और दवा के सेवन को बंद भी किया जा सकता है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कई दफे दवा का सेवन करने के बाद भी सुबह शुगर का लेवल ज्यादा मिलता है तो समझना चाहिए कि रात के भोजन में कोई गड़बड़ी है. या दवा की खुराक गड़बड़ है. इसलिए अपने चिकित्सक से खुलकर बात कीजिये.

डायबिटीज की संभावना

  • – जिनको मोटापा होता है

  • – जिनके परिवार में किसी को भी डायबिटीज हो

  • – जिसका ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता हो

  • – जो शारीरिक श्रम नहीं करता हो

  • – इसके अलावा खान-पान में अनियमितता, मानसिक तनाव, अकेलापन, धूम्रपान और नशा डायबिटीज की संभावना को बढ़ा देता है

डायबिटीज के लक्षण

  • – थकान महसूस होना

  • – अधिक प्यास लगना

  • -जोर से भूख लगना

  • – घाव का जल्दी न भरना

  • – लगातार पेशाब करना

  • – अचानक वजन कम होना

  • – आंख की रोशनी कम होना

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