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बरेली में लंपी स्किन डिजीज से 6 पशुओं की मौत, जानवरों की आवाजाही पर रोक, पशु के साथ जिला सीमा पार की तो FIR

बरेली में पशुओं को होने वाली बीमारी लंपी फैल रही है. इसकी रोकथाम के लिए डीएम रविंद्र सिंह ने बैठक की है. बॉर्डर से पशुओं के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. जिन गांव में पशुओं का वैक्सीनेशन नहीं हुआ ऐसे गांव में प्राथमिकता से वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिए हैं.

बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली में रविवार को डीएम रविंद्र सिंह ने लंपी स्किन डिजीज के संक्रमण की रोकथाम को लेकर बैठक की.उन्होंने बॉर्डर (सीमा) से पशुओं के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की.बोले,जिन गांव में पशुओं का वैक्सीनेशन (टीकाकरण) नहीं हुआ है.ऐसे गांव में प्राथमिकता से वैक्सीनेशन कराने की बात कही.पशु विभाग के अफसरों ने बताया कि पिछले वर्ष जिले में लंपी स्किन डिजीज के 525 केस मिले थे.इसमें से 06 पशुओं की मौत हो गई थी,लेकिन इस वर्ष जनपद में अभी तक लंपी स्किन डिजीज का कोई केस नहीं मिला है.डीएम ने पशुओं के अन्य जिलों से लाने, और ले जाने वाली व्यवस्था को पुलिस, मजिस्ट्रेट,एसपी ट्रैफिक, और जीएसटी विभाग से सम्बंधित अधिकारी- कर्मचारियों को रोकने के निर्देश दिए.बोले, यदि कोई वाहन पशुओं से भरा हुआ आ जाए, तो उसे बार्डर से ही वापस लौटा दें.इसके बाद भी कोई नहीं मानता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं.डीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कुछ लोग पशुओं को छुट्टा छोड़ देते हैं. उन्हें जागरूक करने की बात कही.बोले, लंपी स्किन रोग फैल रहा है. इसलिये पशुओं को छुट्टा न छोड़ा जाए.इसके बाद भी लोग नहीं मानते हैं,तो उसके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाए.

छुट्टा पशुओं को छोड़ने वालों को करें जागरूक

डीएम ने कहा कि गौशाला में यदि पशु संक्रमित हो जाता है, तो उसे अन्य गौवंशों के साथ न रखा जाए.उसको अलग रखने की हिदायत दी.इसके साथ ही इलाज मुहैया कराने की बात कही.उन्होंने राजस्व विभाग, पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्र में आने वाली गौशालाओं का समय – समय पर निरीक्षण करते रहे.किसी पशु में कोई लक्षण आदि दिखने पर उसकी रिपोर्ट मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीबीओ) को दें.

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जिले में 2 लाख वैक्सीन उपलब्ध

डीएम रविंद्र कुमार ने कहा कि जिन गांवों में पशुओं का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है. उसकी सूची उपलब्ध करा दें. ऐसे सभी गांव में विशेष ध्यान रखकर वैक्सीनेशन कराएं.जिले में 2 लाख वैक्सीन उपलब्ध है.इसका उपयोग किया जाए.इसके अलावा आइवमैक्टीन सहित अन्य आवश्यक दवाईयां भी उपलब्ध हैं.संक्रमित पशुओं को मृत्यु दशा में 8 फीट गहरा,और 8×6 फीट के गड्ढे में गड़वा दें.पशु के पैर ऊपर रख कर दफनाएं.इसके साथ ही नमक आदि डलवा दें. पशु के लिये उपयोग में आने वाली चीजों को भी दफनाने की जरूरत बताई.इस दौरान एसएसपी घुले सुशील चन्द्रभान, सीडीओ जग प्रवेश, एडीएम ई दिनेश, एडीएम एफआर संतोष बहादुर सिंह, पीडी तेजवंत सिंह, सीबीओ डॉ. मेघ श्याम आदि मौजूद थे.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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