Petrol-Diesel Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. कल के मुकाबले आज बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी देखने को मिल रही है. आज सुबह 6 बजे WTI क्रूड 86.39 डॉलर प्रति बैरल पर था. जबकि, ब्रेंट क्रू़ड भी 88.13 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. इस बीच भारतीय तेल वितरक कंपनियों ने सोमवार के लिए पेट्रोल-डीजल का रेट जारी कर दिया है. आज कई शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं तो कुछ शहरों में भाव में तेजी देखने को मिली है. बताया जा रहा है कि राजस्थान में आज पेट्रोल का भाव एक रुपये के करीब गिर गया. राजस्थान में आज पेट्रोल 93 पैसे गिरकर 107.55 प्रति लीटर पर बिक रहा है. वहीं, डीजल की के दाम में भी 84 पैसे की कटौती हुई है. इसके बाद जयपुर में डीजल की कीमत 93.72 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. इसके साथ ही, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार और जम्मू-कश्मीर में भी ईंधन तेल की कीमत कम हुई है. हालांकि, राजधानी दिल्ली में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं. यहां पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. जबकि, मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. चेन्नई और कोलकाता में भी पेट्रोल-डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ है. चेन्नई में पेट्रोल 102.74 रुपये और डीजल 94.34 रुपये प्रति लीटर, जबकि, कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
शहर पेट्रोल(रुपये/लीटर) डीजल(रुपये/लीटर)
नोएडा 97 रुपये 90.14 रुपये
गाजियाबाद 96.58 रुपये 89.75 रुपये
लखनऊ 96.57 रुपये 89.76 रुपये
पटना 107.24 रुपये 94.04 रुपये
पोर्टब्लेयर 84.10 रुपये 79.74 रुपये
कच्चे तेल में उछाल के बावजूद पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद अगले साल होने वाले आम चुनाव के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई. सार्वजनिक क्षेत्र के तीन ईंधन खुदरा विक्रेताओं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लगातार 18 महीनों से स्थिर रखा है. ये कंपनियां करीब 90 प्रतिशत बाजार को नियंत्रित करती हैं. पिछले साल कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद ऐसा किया गया, जिससे वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में इन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ. अगस्त के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें मजबूत होने से तीनों खुदरा विक्रेताओं का मुनाफा (मार्जिन) फिर से नकारात्मक श्रेणी में चला गया है. मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतें भारत में तीन सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल की लाभप्रदता को कमजोर कर देंगी. रिपोर्ट में कहा गया कि तीनों कंपनियों के पास मई 2024 में आम चुनाव के कारण चालू वित्त वर्ष में पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री कीमतों में वृद्धि करने के सीमित अवसर होंगे. बहरहाल, वैश्विक वृद्धि कमजोर होने के कारण तेल की ऊंची कीमतें लंबे समय तक कायम रहने की आशंका नहीं है.
कैसे चेक करें अपने शहर का फ्यूल रेट
मैसेज के जरिए अपने शहर का फ्यूल रेट जानने के लिए बीपीसीएल (BPCL) के ग्राहक RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज भेजना होगा. वहीं HPCL के ग्राहकों को दाम पता करने के लिए HPPRICE <डीलर कोड> लिखकर 9222201122 पर मैसेज करें. इंडियन ऑयल के ग्राहक RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज कर सकते हैं.
भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं
भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार द्वारा तय होते हैं और यह एक डायनामिक प्रक्रिया है जो विभिन्न कारगर कारकों पर निर्भर करती है. यहां कुछ मुख्य कारक हैं जो इस प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं:
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आंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य (International Market Prices): भारत उपयोगकर्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल के विश्वासपूर्वक संग्रहित वितरण नेटवर्क नहीं है. इसलिए, विश्व बाजार में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में उत्तराधिकार खत्म होने के बावजूद, भारत अंत में मात्रा और वितरण में परिभाषित है.
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कर और शुल्क (Taxes and Duties): पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को निर्धारित करने में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने वाले कर और शुल्क शामिल होते हैं. यह आमतौर पर विभिन्न अद्यावधिक निर्णयों के आधार पर बदल सकते हैं.
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राज्य सरकारों का योगदान (State Government Contribution): राज्य सरकारें भी पेट्रोल और डीजल के दामों को नियंत्रित करने के लिए अपने योगदान को शामिल कर सकती हैं. वे अपने राज्य में विभिन्न शुल्क और करों को लागू कर सकते हैं.
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मुद्रा की मांग और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति (Demand for Currency and Supply of Petroleum Products): पेट्रोलियम उत्पादों की मांग और उनकी आपूर्ति के बीच संतुलन भी मूल्यों को प्रभावित कर सकते हैं. यदि उत्पादों की मांग अधिक है और आपूर्ति कम है, तो मूल्यों में वृद्धि हो सकती है. उत्पादों की मांग कम है और आपूर्ति अधिक है, तो मूल्यों में कमी हो सकती है.
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निर्यात और आयात की घटनाएं (Export and Import Events): विभिन्न निर्यात और आयात की घटनाएं भी पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को प्रभावित कर सकती हैं.
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