कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के पीछे चीन का हाथ होने के सुबूत मिल रहे हैं. समाचाज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के एजेंटों का निज्जर की हत्या में हाथ हो सकता है. रिपोर्ट में एक स्वतंत्र ब्लॉगर जेनिफर जेंग के हवाले से कहा गया है कि सीसीपी ने भारत और कनाडा समेत दूसरे पश्चिमी देशों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए यह हत्या की साजिश रची. जेंग चीन की हैं और अमेरिका में रहती हैं. उन्होंने यह जानकारी कनाडा में रहने वाले यूट्यूबर और चीनी लेखक लाओ डेंग से मिले सुबूत के आधार पर दी. 18 जून 2023 को आतंकवादी हरदीप निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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हर तरह के सुबूत मिटाने में सफल रहे
जेंग का दावा है कि एजेंटों ने जानबूझकर भारत को फंसाने के लिए भारतीय एक्सेंट में बोली जाने वाली अंग्रेजी में बातचीत की. ये आरोप सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो में किए गए हैं. वीडियो के मुताबिक 18 जून को निज्जर की हत्या के बाद एजेंटों ने उसकी कार में लगे कैमरा को तोड़ दिया था. उसकी कार को जला दिया था. साथ ही हर तरह के सुबूत मिटाने में सफल रहे. उसके अगले दिन वे हवाई जहाज से कनाडा से उड़ गए. इस बारे में अब तक चीनी या भारत सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति से की बात
रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडू ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है और इस मामले को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद जायेद अल नाहयान के साथ उठाया है. एक पोस्ट में ट्रूडू ने कहा-उन्होंने रविवार को महामहिम नाहयान से बात की और इजराइल की स्थिति के बारे में मालूमात की. दोनों नेताओं के बीच जानमाल के कम से कम नुकसान पर बातचीत हुई. इस दौरान भारत से कनाडा की तनातनी पर भी बात हुई.
भारत पर जांच में सहयोग करने के लिए दबाव
बता दें कि UAE के साथ भारत के मजबूत संबंध हैं और ट्रूडू इस बातचीत के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वह इस वार्तालाप के जरिए भारत पर जांच में सहयोग करने के लिए दबाव बनाना चाहते हैं. यह तब है जब कनाडा ने अब तक निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के सुबूत नहीं साझा किए हैं.
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कनाडा के आरोपों का पुरजोर खंडन
इस तनातनी के बाद भारत ने सख्त रुख अख्तियार किया और कनाडा सरकार के कई राजदूतों को देश से बाहर का रास्ता दिखाया है. साथ ही कनाडा के आरोपों का पुरजोर खंडन किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कनाडा के राजदूतों की भारत में उपस्थिति बड़ी संख्या में है और उसे घटाने की जरूरत है.