Adani Port Share Price: इजरायल और हमास के बीच युद्ध (Israel Hamas War) गहराता जा रहा है. अदानी समूह की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports & Special Economic Zone) के द्वारा इसी साल हाइफा बंदरगाह का 1.2 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था. इजरायल में युद्ध शुरू होने की सूचना के बाद सोमवार को अदानी पोट्स के शेयर करीब 42.25 रुपये यानी 5.09 प्रतिशत टूटकर 788.50 रुपये पर बंद हुए. इससे कंपनी को करीब 8561 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. हालांकि, मंगलवार को सुबह से ही कंपनी के शेयर बाजार में हरे के निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं. सुबह 9.30 बजे कंपनी के शेयर लगभग तीन प्रतिशत ऊपर यानी 815.95 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. जबकि, दोपहर एक बजे कंपनी के शेयर 3.54 प्रतिशत ऊपर यानी 818 रुपये पर कारोबार कर रहा था. विश्लेषकों ने संकेत दिया कि सबसे खराब स्थिति में भी, इजराइल की घटनाओं का प्रभाव अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन पर कम होगा, जिसके कारण अदानी पोर्ट्स के शेयर की कीमत में बढ़ोतरी हुई.
हाइफा में तीन प्रतिशत का योगदान करती है अदानी पोट्स
अदानी पोर्ट्स ने सोमवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि वह इजराइल में संकट पर करीब से नजर रख रही है और व्यापार निरंतरता योजना के साथ तैयार है. हम जमीन पर कार्रवाई की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं जो दक्षिण इजराइल में केंद्रित है, जबकि हाइफ़ा बंदरगाह उत्तर में स्थित है. हमने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए हैं और वे सभी सुरक्षित हैं. हम व्यवसाय निरंतरता योजना के साथ पूरी तरह सतर्क और तैयार हैं जो हमें किसी भी घटना पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाएगी. APSEZ की संख्या में हाइफ़ा का कुल योगदान कुल कार्गो मात्रा का 3% अपेक्षाकृत छोटा है. चालू वित्तीय वर्ष (अप्रैल 23-मार्च 24) के लिए, हमने 10-12 एमएमटी की हाइफ़ा कार्गो वॉल्यूम रेंज और एपीएसईज़ेड की कुल कार्गो वॉल्यूम मार्गदर्शन 370-390 एमएमटी के लिए मार्गदर्शन किया है. शुरुआती छह महीनों (अप्रैल-सितंबर 23) में, APSEZ की कुल कार्गो मात्रा लगभग 203 MMT थी, जिसमें से हाइफ़ा की हिस्सेदारी लगभग 6 MMT है. कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, हम APSEZ के व्यावसायिक प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त हैं.
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अडाणी समूह के अन्य शेयर भी आज हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. मंगलवार के कारोबार में अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पावर, अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अदानी ग्रीन एनर्जी, अदानी टोटल गैस, अदानी विल्मर, एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स और एनडीटीवी के शेयरों में लगभग 0.5% से 3% की बढ़ोतरी हुई.
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मुंबई स्थित निर्यातक एवं टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि अगर स्थिति बिगड़ती है, तो उस क्षेत्र के हमारे निर्यातकों के लिए चीजें खराब हो सकती हैं. जबकि, जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अगर इज़राइल के तीन सबसे बड़े बंदरगाहों हाइफा, अशदोद और इलियट पर परिचालन बाधित हुआ तो व्यापार गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है. भारत-इज़राइल का माल तथा सेवा क्षेत्रों में व्यापार 2022-2023 में 12 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. सन फार्मा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और इंफोसिस जैसी भारतीय कंपनियों की इजराइल में उपस्थिति है. इजराइली कंपनियों ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट और जल प्रौद्योगिकियों में निवेश किया है. वे भारत में अनुसंधान एवं विकास केंद्र तथा उत्पादन इकाइयां भी स्थापित कर रही हैं. अप्रैल 2000 से जून 2023 के बीच इज़राइली कंपनियों ने भारत में 28.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश (एफडीआई) किया है.
खत्म नहीं हो रही अदानी की मुश्किलें
गौतम अदानी की कंपनी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं लें रहीं हैं. एक तरफ जहां हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से कंपनी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था, वहीं अब इजरायल और हमास के युद्ध ने टेंशन बढ़ा दी है. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के स्टॉक्स के वैल्यूएशन में 100 बिलियन डॉलर की कमी आ गई थी. हालांकि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने कहा कि उसके द्वारा 24 मामलों में से 22 की जांच पूरी हो गयी है. जिन दो मामलों में अंतरिम रिपोर्ट सौंपा गया है उसमें अडानी समूह के 13 विदेशी एनटिटी यानि इकाईयों को लेकर जांच की जा रही है. हालांकि, सेबी के द्वारा अभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. मगर, बाजार के जानकार बताते हैं कि वर्तमान में जो रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह की तरफ से उल्लंघन का मामला टेक्निकल जैसा है जिसमें जांच पूरी होने के बाद मॉनिटरी पेनल्टी लगाया जा सकता है.
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