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छपरा से पटना के लिए सात वर्षों में भी नहीं शुरू हुई सीधी ट्रेन सेवा, जेपी सेतु बनने से जगी थी उम्मीद

रेल सेवा शुरू होने के सात साल बाद भी सारण वासियों को राजधानी या पटना जंक्शन जाने के लिए एक भी सीधी ट्रेन नहीं मिली. जिससे आज भी दैनिक या अन्य सामान्य यात्रियों को मजबूरी में जेपी सेतू के समानांतर बने रेल खंड से यात्रा करने के बदले निजी या पथ परिवहन के वाहनों से यात्रा करनी पड़ती है.

छपरा (सदर). दो दशक पूर्व जब पहलेजा से पाटलिपुत्र को रेल मार्ग से जोड़ने की सरकार ने योजना बनायी तथा सात वर्ष पूर्व जब इस खंड पर रेलगाड़ी का परिचालन शुरू हुआ था. इस दौरान सारण वासियों को कम समय में सस्ती एवं बेहतर रेल सेवा छपरा से पटना अवस्थित राजधानी में जाने के लिए मिलने की उम्मीद थी. परंतु, रेल सेवा शुरू होने के सात साल बाद भी सारण वासियों को राजधानी या पटना जंक्शन जाने के लिए एक भी सीधी ट्रेन नहीं मिली. जिससे आज भी दैनिक या अन्य सामान्य यात्रियों को मजबूरी में जेपी सेतु के समानांतर बने रेल खंड से यात्रा करने के बदले निजी या पथ परिवहन के वाहनों से यात्रा करनी पड़ती है. इसे लेकर समय-समय पर यात्रियों द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों से गुहार भी लगायी गयी. परंतु, अबतक कोई असर नहीं रहा.

दीघा-पहलेजा रेल पुल के पहली ट्रेन को प्रधानमंत्री मोदी ने दिखायी थी हरी झंडी

पहलेजा-दीघा के बीच बने रेल पुल जो छपरा और पटना राजधानी को जोड़ता है इसके निर्माण में 13 वर्ष लग गये. तीन फरवरी 2016 को इस रेल पुल पर पहली ट्रेन गुजरी तथा 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाजीपुर से इस पुल का विधिवत उद्घाटन किया. जब इस रेल पुल का उद्घाटन हुआ तो सारण वासियों को उम्मीद थी कि अब उन्हें बेहतर रेल यात्रा का आनंद मिलेगा. उन्हें लगा कि अब ट्रेन से राजधानी दूर नहीं होगी और वे कम समय खर्च में आसानी से राजधानी पहुंच जायेंगे. परंतु, सात वर्षों में यात्रियों को छपरा से पटना के लिए कोई पैसेंजर या सीधी ट्रेन नहीं मिल सकी. एक साप्ताहिक ट्रेन इस मार्ग पर चलती है जो, किसी भी स्थिति में यात्रियों के लिए लाभदायक नहीं है. जिससे यात्रियों की आज भी सड़क मार्ग पर निर्भरता बरकरार है.

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छपरा-सोनपुर के बीच यात्रा करने वाले को देना पड़ता है ज्यादा किराया

दीघा- पहलेजा रेल पुल बनने के बाद हाजीपुर मार्ग से उत्तर बिहार की विभिन्न ट्रेनों से यात्रा करने की सुविधा विभिन्न जिले के लोगों को हो गयी. वे आसानी से ट्रेन के द्वारा राजधानी पटना जंक्शन चले जाते है. परंतु सारण जिले के लोगों को पटना जाने की कौन कहे छपरा-सोनपुर के बीच भी पैसेंजर ट्रेनों से यात्रा के लिए भी एक्सप्रेस ट्रेन के किराया देना पड़ता है. समस्तीपुर से हाजीपुर-छपरा, सीवान व गोरखपुर जाने वाली इंटरसिटी पैसेंजर ट्रेन जिसे रेलवे द्वारा कोरोना काल में बंद कर दिया. यह ट्रेन नौकरीपेशा वाले या अन्य दैनिक यात्रियों के लिए सीवान, छपरा होते दिघवारा, मुजफ्फरपुर समस्तीपुर तक कार्यालय समय में जाती थी. परंतु इसके बंद होने से यात्री परेशान है.

26 अक्तूबर से अनशन की चेतावनी

रेलवे द्वारा बार-बार आग्रह के बावजूद इस ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं किये जाने से नाराज जनकल्याण समिति द्वारा आगामी 26 अक्तूबर को रेलवे की इस समस्या के साथ-साथ अन्य समस्याओं को लेकर अनशन की चेतावनी दी गयी है. छपरा-डोरीगंज, आमी, दिघवारा सड़क मार्ग से पिछले चार वर्षों से बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है. अब बसों का परिचालन गड़खा, मटिहान होते मानुपुर पटना होता है. जो यात्री बसों के द्वारा छपरा से पटना जाते है उन्हें डेढ़ सौ रुपये किराया देना पड़ता है.

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