16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बक्सर रेल हादसा: बिहार में नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस कैसे पलटी, यात्री बता रहे हैं ट्रेन हादसे की पूरी कहानी..

Bihar Train Accident: बिहार के बक्सर में नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस हादसे का शिकार बन गयी है. 130 की स्पीड से दौड़ रही नार्थ इस्ट एक्सप्रेस रघुनाथपुर स्टेशन पर बेपटरी हो गयी. इस पूरे हादसे के बारे में ट्रेन के अंदर सफर कर रहे यात्री बता रहे हैं. जानिए पूरे हादसे के बारे में..

Bihar Train Accident: बिहार में बड़ा रेल हादसा हुआ है. बुधवार की रात 9.45 बजे 12506 डाउन नाॅर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस (North East Express) बक्सर (Buxar Rail Accident) के आगे रघुनाथपुर में बेपटरी हो गयी. इस हादसे में ट्रेन के 23 डिब्बे पटरी से उतर गये. आधा दर्जन डिब्बे पलट गये और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि की गयी है. इस हादसे में करीब 100 लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. वहीं गुरुवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. नाॅर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस आनंद बिहार टर्मिनल से आ रही थी. डुमरावं और बिहिया के बीच रघुनाथपुर स्टेशन के पास यह हादसा हुआ है. रेलवे ने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है. इस साल 2023 में ओडिसा के बालासोर में हुए रेल हादसे के बाद यह दूसरा बड़ा हादसा है. ट्रेन के अंदर यात्रा कर रहे यात्रियों ने पूरी घटना के बारे में बताया कि कैसे ट्रेन की बोगियां अचानक पलट गयीं..

जानिए कैसे हुआ हादसा..

12506 डाउन नाॅर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्रियों ने इसकी आपबीती बतायी है. आनंद बिहार से कटिहार जाने वाले परनीत ने बताया कि ट्रेन मुगलसराय तक बिल्कुल ठीक चली. नार्थ इस्ट एक्सप्रेस के यात्री सोने की तैयारी कर रहे थे. ट्रेन जब बक्सर स्टेशन से आगे बढ़ी तो लोग भोजन करके अब अपनी सीट पर आराम की मुद्रा में आ चुके थे. बोगी के भीतर सबकुछ सामान्य था. कुछ लोग अंदर मोबाइल में गेम खेल रहे थे तो कुछ फिल्म देख रहे थे. अगला स्टॉपेज आरा था. 130 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेन चल रही थी. अचानक रात 9 बजकर 45 मिनट पर ट्रेन से जोरदार आवाज आयी. जबतक लोग कुछ समझ पाते, कई डिब्बे पटरी से उतर गए. चीख-पुकार की आवाज आने लगी. ट्रेन में जब झटका लगा तो लोगों को लगा कि शायद कोई जानवर टकरा गया हो. लेकिन फिर उन्हें यह महसूस होने लगा कि ट्रेन हादसे का शिकार हो चुकी है. कई लोग डिब्बे से बाहर निकलने की कोशिश में रहे लेकिन गेट का लॉक ही नहीं खुल रहा था. अंदर बोगी से सभी चीख-चिल्ला रहे थे. वहीं अन्य बोगियों के यात्री किसी तरह बाहर निकले और देखा कि ट्रेन की कई बोगियां पलट चुकी हैं.

Also Read: North East Train Accident: नार्थ इस्ट एक्सप्रेस हादसे की कहानी, महिला की जुबानी…
23 डिब्बे पटरी से उतर गये

इस हादसे में ट्रेन के कुल 23 डिब्बे पटरी से उतर गये, जिनमें से छह डिब्बे पलटकर क्षतिग्रस्त हो गये. इसके अलावा एक डिब्बा दूसरे डिब्बे पर चढ़ गया. इस घटना में छह लोगों की मौत हो गयी, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. घायलों में 80 से 100 लोगों की स्थिति गंभीर है. 22 घायलों को देर रात पटना भेजा गया. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. बताया जाता है कि रघुनाथपुर स्टेशन गुमटी के पास जब ट्रेन पहुंची तो प्वाइंट चेंज करने के दौरान तेज झटके ट्रेन में लगे. क्रॉसिंग के पास पेंट्री कार और उसके बगल के दो कोच पलट गये थे. इस दुर्घटना में बिजली के कई पोल और तार क्षतिग्रस्त हो गये. बता दें कि हादसे की वजह अभी आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आयी है. उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

ग्रामीणों को पता चला तो बन गए देवदूत

इस रेल हादसे में राहत की बात ये रही कि हादसा किसी सुनसान जगह पर नहीं बल्कि रघुनाथपुर स्टेशन पर हुआ. ट्रेन जब बेपटरी हुई तो बिजली का तार टूट गया और इससे प्लेटफॉर्म समेत आसपास में अंधेरा पसर गया. स्टेशन रात में सुनसान था. हादसे के दौरान तेज आवाज हुई तो आवाज को समझने के लिए लोग घरों से निकले. स्टेशन पर अंधेरा रहने की वजह से कुछ समझ में उन्हें नहीं आया लेकिन जब स्टेशन के पास गए तो समझ गए कि रेल हादसा हुआ है. लोग बोगियों से चिल्ला रहे थे. इसकी सूचना फौरन प्रशासन को दी गयी और ग्रामीण खुद रेस्क्यू में जुट गये. ये ग्रामीण देवदूत बनकर आए. देखते-देखते स्टेशन के आसपास के कैंथी, पोखराहा, राजपुर, ढनढनपुर, भरखरा, रहथुवा, बाबूडेरा, राजपुर और ब्रह्मपुर के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे गये. ग्रामीणों ने अपने-अपने मोबाइल की टॉर्च जलायी. देखते-ही-देखते ही 500 से अधिक मोबाइल के टॉर्च घटनास्थल पर जलने लगी.ग्रामीणों ने फिर जेनरेटर का इंतजाम किया.आगे प्रशासनिक टीम आयी और रेस्क्यू शुरू कर दिया गया. बिहिया के रहने वाले वसंत कुमार ने बताया कि उन्हें वॉट्स ग्रुप से ट्रेन दुर्घटना की सूचना मिली. सूचना मिलते ही वे अपने दस दोस्तों के साथ स्कार्पियो से घटना स्थल की ओर रवाना हो गये. अपने साथ उन्होंने मेडिकल कीट भी रखा था. वसंत ने बताया कि जब वे घटना स्थल पर पहुंचे, तो वहां चीख पुकार मची हुई थी. उनके आने से पहले ही आस पास के गांव के लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच कर मदद में जुटे हुए थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें