27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Mutual Fund या SIP में निवेश का बना रहे हैं प्लान? इन मंत्रों को बांध लें गांठ, कभी नहीं होगा घाटा

How to Invest in Mutual Fund: किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले उसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. जानकारी होने से आधी समस्या दूर हो सकती है. हालांकि, म्यूचुअल फंड में निवेश अपने रिस्क पर की जाती है.

How to Invest in Mutual Fund: शेयर बाजार में इन दिनों काफी उठा पटक चल रही है. ग्लोबल संकेतों और घरेलू मार्केट के घटकों के कारण भारतीय बाजार पर बड़ा असर पड़ रहा है. पिछले सप्ताह कहां मार्केट में निवेशकों के लाखों करोड़ डूब गए. वहीं, इस सप्ताह के पहले कारोबारी दिन बाजार में रौनक बनी रही. जबकि, बाजार में मंगलवार को मिला जुला असर देखने को मिला. समझा जा रहा है कि निवेशक शीर्ष बैंक रिजर्व बैंक के द्वारा मौद्रिक समीक्षा की बैठक के नतीजों की प्रतिक्षा कर रहे हैं. मगर, म्यूचुअल फंड में निवेश शेयर बाजार से निवेश से काफी अलग होता है. दोनों निवेश में बाजार का जोखिम शामिल होता है. मगर, शेयर बाजार की अपेक्षा इसमें खतरा कुछ मामलों में कम होता है.

म्यूचुअल फंड की सही सूचना है जरूरी

निजी वित्तीय सलाहकार विनय चौधरी ने बताया कि किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले उसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. जानकारी होने से आधी समस्या दूर हो सकती है. हालांकि, म्यूचुअल फंड में निवेश अपने रिस्क पर की जाती है. आप इन फंडों के सहारे बाजार की तेजी का भागीदार बन सकते हैं. इसके लिए आपको अपने लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करना जरूरी होगा. म्यूचुअल फंड का चुनाव करने के लिए आमतौर पर उनके पिछले प्रदर्शन अथवा फंड मैनेजर व फिर फंड हाउस के नाम का सहारा लेते हैं. मगर ये तरीका भी सटीक नहीं है. कभी भी कंपनी का पास्ट परफॉर्मेंस इस बात का सबूत नहीं है कि आने वाले समय में भी वह फंड उसी हिसाब से रिटर्न देगा. फंड मैनेजर या फंड हाउस भी रिटर्न की गारंटी नहीं होते हैं. ऐसे में निवेशकों के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि किस आधार पर वो अपना पैसा म्यूचुअल फंड में निवेश करें.

मजबूत जोखिम प्रबंधन करें

शेयर बाजार में हर स्तर पर जोखिम है. ऐसे में विनय चौधरी बताते हैं कि शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न के साथ पैसा डूबने का भी खतरा रहता है. ऐसे में म्यूचुअल फंड को चुनते समय यह देखना जरूरी है कि उसका फंड हाउस रिस्क को किस तरह से मैनेज कर रहा है. म्यूचुअल फंड को चुनते समय बाजार में अस्थिरता से लेकर क्रेडिट रिस्क, ब्याज दरों और महंगाई सभी पहलूओं को ध्यान में रखें. इसके साथ ही, बहुत ज्यादा रिटर्न की चक्कर में नहीं पड़े. इसके बजाये, निवेशकों को टिकाऊ व स्थिर रिटर्न पर फोकस करना चाहिए. अस्थिर या ज्यादा रिटर्न के लालच में कोई भी निवेशक अपनी पूरी सेविंग्स गंवा सकता है. आप, स्थिर रिटर्न पर ध्यान लगाते हुए लंबे समय तक लगातार बने रहने से आप वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं.

Also Read: Business News Live: स्टार हेल्थ ने बीमा उत्पादों की पेशकश के लिए स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के साथ किया गठजोड़

म्यूचुअल फंड क्या है

म्यूच्यूअल फंड एक प्रकार का निवेश का तंत्र होता है जिसमें विभिन्न निवेशकों के धन को एक साथ एकत्रित करके उन्हें विभिन्न प्रकार के निवेशों में निवेश किया जाता है. म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों के लिए निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करती हैं और उनके लिए विभिन्न प्रकार के विनिवेश विकल्प प्रदान करती हैं.

म्यूच्यूअल फंड के कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं:

  • पेशेवर प्रबंधन: म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों के लिए पेशेवर निवेश पोर्टफोलियो प्रबंधन करती हैं. उन्हें विशेष ज्ञान और अनुभव होता है जो उनके निवेशों को बेहतर बनाने में मदद करता है.

  • निवेशों का विवेकपूर्ण चयन: म्यूच्यूअल फंड कंपनियां विभिन्न निवेशों के चयन में सतर्कता बरतती है ताकि निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखा जा सके और सामान्य लाभ प्राप्त किया जा सके.

  • निवेशकों की विनिवेश की सुविधा: म्यूच्यूअल फंड में निवेशक अपने निवेश को विभिन्न प्रकार के विनिवेश विकल्प में विभाजित कर सकते हैं, जैसे कि शेयरों, बॉन्ड्स, मोटिल फंड्स, सोने की योजनाएं, आदि. इससे उन्हें निवेश के विभिन्न माध्यमों का लाभ उठाने की सुविधा मिलती है.

  • लिक्विडिटी और उपयोगिता: म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों को उनके निवेश से आसानी से पैसे निकालने की सुविधा प्रदान करती है, जिससे उनकी लिक्विडिटी बनी रहती है.

  • निवेशक सुरक्षा: म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों के पैसों का प्रबंधन करती हैं, इसका मतलब विनिवेश के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी प्राथमिक होती है.

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान क्या है

सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक निवेश विधि है जिसमें निवेशक नियमित अंतराल पर निशित राशि का निवेश करते हैं, आमतौर पर हर महीने. यह एक वित्तीय योजना है जो व्यक्तियों को निवेश करने के लिए एक स्थिर और योग्य विधि प्रदान करती है.

SIP की मुख्य विशेषताएं इस तरह हैं:

  • नियमित निवेश: SIP में, निवेशक नियमित अंतराल पर निशित राशि निवेश करते हैं, जो कि आमतौर पर महीने के आंत में होती है.

  • आम व्यक्तियों के लिए सुलभ: SIP वित्तीय विवाद को दूर करता है और व्यक्तियों को आसानी से निवेश करने का अवसर देता है.

  • आंकड़ों में समय का महत्व: इसके जरिए, व्यक्तियों को लाभ होता है क्योंकि वे समय के साथ उचित रेट पर रिटर्न प्राप्त करते हैं.

  • वित्तीय लाभ: SIP के माध्यम से व्यक्तियों को विभिन्न वित्तीय उपकरणों में निवेश करने का अवसर मिलता है, जैसे कि म्यूचुअल फंड, इंडेक्स फंड्स, इत्यादि.

  • कम आरंभिक निवेश: SIP में आरंभिक निवेश आमतौर पर कम होता है, जिससे यह निवेश उन व्यक्तियों के लिए भी संभावित है जिनके पास बड़े राशि का उपयोग नहीं कर सकते.

  • लोंग टर्म निवेश: SIP के माध्यम से व्यक्तियों को लंबी अवधि के लिए निवेश करने का अवसर मिलता है, जो वित्तीय योजनाओं के लाभ को बढ़ा सकता है.

  • ऑटोमेटेड निवेश: व्यक्तियों के बैंक खाते से निवेश राशि को ऑटोमेटेड रूप से कटौती करके निवेश की प्रक्रिया सरल और स्वचालित बनाता है.

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश कैसे करें

सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करने के लिए सबसे पहले पूरी जानकारी लें. एसआईपी में निवेश करना बाजार जोखिम के अंतर्गत है. हालांकि, निवेश करने के लिए इन स्टेप का पालन कर सकते हैं.

  1. निवेश के लिए उद्देश्य तय करें:

    सबसे पहला कदम यह है कि आपको यह तय कर लेना चाहिए कि निवेश का उद्देश्य क्या है. आप लोंग टर्म या शॉर्ट टर्म निवेश करना चाहते हैं, और इसके अनुसार निवेश कार्यक्षेत्र का चयन करें.

  2. सही निवेश उपकरण चुनें:

    SIP के जरिए निवेश करने के लिए विभिन्न वित्तीय उपकरण उपलब्ध होते हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड, इंडेक्स फंड्स, या विभिन्न वित्तीय योजनाएं.

  3. निवेश राशि का चयन करें:

    निवेश करने के लिए राशि का निर्धारण करना होगा. यह राशि हर निवेशक के वित्तीय लक्ष्यों और योजनाओं के आधार पर निर्भर करेगी.

  4. निवेशक निवेश करने के लिए वित्तीय संस्था चुनें:

    वित्तीय संस्था का चयन करना होगा जिसमें आप अपना SIP खाता खोलना चाहते हैं. इसके बाद, वहां पर निवेशक खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी करें.

  5. SIP की मात्रा तय करें:

    यह निर्धारित करना होगा कि आप किस अंतराल पर निवेश करना चाहते हैं, जैसे महीने के आख़िर में या आरंभ में.

  6. बैंक खाते से निवेश राशि को कटौती करें:

    आपका निवेश राशि आपके बैंक खाते से निकाली जाएगी जिसे आपने SIP के लिए चुनी है.

  7. निवेश पर निगरानी रखें और अवलोकन करें:

    निवेशकों को निवेश का समय-समय पर अवलोकन करना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो अपने निवेश की रणनीति को अनुकूलित करने के लिए उन्हें बदलने की आवश्यकता होगी.

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें