राजीव पांडेय, रांची :
‘झारखंड मेडिकल काउंसिल’ के तहत प्रैक्टिस करनेवाले राज्य के डॉक्टरों को अब हर पांच साल में अपने ‘निबंधन’ का नवीकरण (रिन्यू) कराना होगा. काउंसिल ने इसका प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया है. इसके लागू होने के बाद निबंधन का नवीकरण नहीं करानेवाले डॉक्टरों की प्रैक्टिस बंद हो जायेगी. क्योंकि, काउंसिल उनका निबंधन रद्द कर देगा. राज्य में 15 हजार से ज्यादा डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं, जिसमें 40% ने में निबंधन नहीं कराया है. हालांकि काउंसिल की ओर से उन्हें रिमाइंडर भेजा जाता है. विभाग को भेजे गये प्रस्ताव में बताया गया है कि दिल्ली सहित सभी महानगरों में हर पांच साल में डॉक्टरों के निबंधन के नवीकरण का प्रावधन है.
फिलहाल, झारखंड के डॉक्टर प्रैक्टिस करने से पहले काउंसिल में एक ही बार निबंधन कराते हैं. अब तक इसके नवीकरण का कोई प्रावधान भी नहीं है. वहीं, प्रस्ताव में यह भी बताया गया है कि नेशनल मेडिकल कमीशन में एमबीबीएस और पीजी स्टूडेंट को सेमिनार में भाग लेने पर क्रेडिट प्वाइंट देने का नियम है, लेकिन झारखंड में यह नहीं दिया जा रहा है. हालांकि, झारखंड मेडिकल काउंसिल में इसको पारित किया गया है. अगर सरकार से इसकी अनुमति मिल जाती है, तो क्रेडिट प्वाइंट भी जारी किया जायेगा.
8900 डॉक्टरों ने ही काउंसिल में कराया है निबंधन
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झारखंड मेडिकल काउंसिल ने भेजा प्रस्ताव
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राज्य के डॉक्टर अभी एक बार ही कराते हैं निबंधन, दोबारा निबंधन कराने का नहीं है प्रावधान
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15000 से ज्यादा डॉक्टर प्रैक्टिस करते हैं झारखंड में मौजूदा समय में
हर पांच साल पर डॉक्टरों के निबंधन के नवीकरण का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा रहा है. राज्य में अभी एक बार ही डॉक्टरों के निबंधन का नियम है. अन्य राज्यों में इसका प्रावधान है. क्रेडिट स्कोर देने का प्रस्ताव भी दिया गया है.
– डॉ बिमलेश सिंह, रजिस्ट्रार, झारखंड मेडिकल काउंसिल