Surya Grahan 2023: साल 2023 का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर दिन शनिवार को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगेगा. इस दिन लोग अपने पितरों को विदाई करेंगे. सूर्य ग्रहण वाले दिन सूर्य और बुध, दोनों कन्या राशि मे विराजित होंगे. इस दिन बुधादित्य योग बन रहा है. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री के अनुसार, यह संयोग 178 साल बाद बनने जा रहा है. इससे पहले ऐसा संयोग 1845 में बना था. सूर्य ग्रहण रात 08 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ होगा और देर रात सुबह 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा. हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए सूतक काल का मान्य नहीं होगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या पर इस सूर्यग्रहण का कोई प्रभाव नहीं रहेगा. इस दौरान श्राद्धकर्म विधि-विधान पूर्वक किए जा सकेंगे.
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि अगर ग्रहण लगता भी है, तो उसमें श्राद्ध कर्म किया जा सकता है. केवल सूतक काल में मूर्ति पूजन करना ही निषेध माना जाता है. ग्रहण काल में भी आप भगवान का भजन कर सकते हैं, उनका नाम ले सकते हैं, सुमिरन कर सकते हैं, लेकिन जब सूर्य ग्रहण भारत में है ही नहीं, तो फिर इसमें डरने की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन भारत में इस ग्रहण का शुभ-अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. इस ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा, लेकिन बहुत कम पड़ेगा. इसलिए भारत के लोगों को इस सूर्य ग्रहण से किसी भी प्रकार से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. पितृ मोक्ष अमावस्या का पूजन अच्छे से और पूरी तरह से किया जा सकता है. उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं है.
साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को लगने जा रहा है, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए देश में इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा. ये सूर्य ग्रहण टेक्सास से शुरू होकर मेक्सिको के साथ ही मध्य अमेरिका, कोलंबिया और ब्राजील के कुछ हिस्सों से होकर गुजरता हुआ अलास्का और अर्जेंटीना तक दिखाई देगा. यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. भारतीय समय अनुसार, सूर्य ग्रहण रात में 8 बजकर 34 मिनट से आरंभ होगा और मध्य रात्रि 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगा.
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका के क्षेत्रों को छोड़कर उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, पेरु, उरुग्वे, एंटीगुआ, वेनेजुएला, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, जमैका, हैती, पराग्वे, ब्राजील, डोमिनिका, बहामास, आदि जगहों पर दिखाई देगा.
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साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण शनिवार की रात में लगने जा रहा है. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा जो भारत में नहीं लगेगा. इसे कंकण सूर्य ग्रहण कहा जाएगा. यह सूर्य ग्रहण उपच्छाया ग्रहण होगा, जिस वजह से इसका प्रभाव भारत में नहीं रहेगा.
भारतीय समयानुसार ग्रहण रात 8 बजकर 34 मिनट से मध्य रात्रि 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. हालांकि इस सूर्य ग्रहण का असर किसी भी राशि पर ज्यादा देखने को नहीं मिलेगा. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री का कहना है कि सूर्य ग्रहण दोष का प्रभाव कम जरूर रहेगा, लेकिन इससे बचा नहीं जा सकता है.
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– सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए
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– सूर्य ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से सूर्य की ओर नहीं देखनी चाहिए.
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– ग्रहण के समय रसोई से संबंधित किसी भी तरह के कार्यों को भी नहीं करनी चाहिए
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– ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं अपने घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें.
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– अगर आप ऐसा करती है तो इसका सीधा असर आपके बच्चे के ऊपर पड़ेगा.
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– ग्रहण के समय सिलाई एवं बुनाई का कार्य या सुई में धागा नहीं डालना चाहिए.
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– सूर्य ग्रहण के दौरान नाख़ून काटना, छीलना, कुछ छौंकना या बघारना नहीं करनी चाहिए.
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– इसके अलावा ग्रहण के दौरान मंदिर के मूर्ति को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए.
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– ग्रहण के समय सूर्यदेव का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए.
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– आप इस दौरान सूर्यदेव का इस मंत्र का जप कर सकते है- ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’
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– ग्रहण के बाद सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें.
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– इसके साथ ही पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
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– घर के मंदिर में रखे सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों और चित्रों पर भी गंगाजल का छिड़काव करें एवं इसके बाद स्नान करें.
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– इसके साथ ही सूर्य ग्रहण के बाद स्नान आदि से निवृत होकर दान अवश्य करें.
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– सूर्य ग्रहण के बाद गाय को हरा चारा भी खिलाएं.
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– इसके साथ ही किसी असहाय व्यक्ति को अन्न दान करें.
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– ग्रहण के दौरान घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डाल दें.
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– फिर ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक दें.
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– ग्रहण के बाद आप किसी भी देवी-देवताओं के दर्शन कर सकते है.