एमएस धोनी भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान के रूप में प्रसिद्ध हैं. धोनी ने देश को हर एक खेली गई ट्रॉफी में विजय दिलाई है. जैसे की एशिया कप, विश्व कप और चॅम्पियन ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में भारत एमएस धोनी की कप्तानी में विजय हुआ है. इसके अलावा भारत में खेले जाने वाले आईपीएल में एमएस धोनी ने अपनी कप्तानी वाली टीम, चेन्नई सुपर किंग्स को पांच बार विजय बनाया है और इस खिताब को अपने नाम किया है. बता दें हाल ही में खेले गए एशियाई खेलों में भारत का प्रदर्शन बहुत बेहतरीन रहा है. भारत ने अपने 70 पदकों का रिकार्ड तोड़ दिया है. जकार्ता में भारत ने 70 पदकों का ये रिकॉर्ड बनाया था. जिसे भारत ने चीन के हांगझोऊ शहर में तोड़ के 107 पदकों का नया रिकार्ड स्थापित कर दिया है. इस बार से एशियाई खेलों में क्रिकेट को भी शामिल किया गया है. महिला और पुरुष दोनो ही वर्गो में भारत ने स्वर्ण पदक हासिल की है. पुरुष टीम के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ को बनाया गया था. ऋतुराज की कप्तानी में देश ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है.
2007 में खेले गए एशिया कप में भारत ने पहली बार जीत हासिल की थी. एमएस धोनी ने अपनी कप्तानी में पहली बार ट्रॉफी जीती थी. भारत की जीतने की उम्मीद बिल्कुल कम थी. भारत ने पाकिस्तान को पांच रन से हराकर जीत दर्ज की थी. 26 वर्ष की आयु वाले कप्तान एमएस धोनी ने देश को पहला एशिया कप दिलाया था. एशिया कप के बाद एमएस धोनी ने 2011 में विश्व कप को अपने नाम किया. यहां तक कि अपनी कप्तानी में धोनी ने सभी खिताब जीत ली.
ऋतुराज गायकवाड़ के समर्थकों का मानना है कि जिस तरह से एमएस धोनी ने 26 वर्ष की आयु में अपना पहला ट्रॉफी जीत था, उसी प्रकार ऋतुराज गायकवाड़ ने भी अपनी कप्तानी में देश को एशियाई खेलों में पहला स्वर्ण पदक दिलाया है और आगे चल के सभी ट्रॉफी फिर एक बार देश को दिलाएगा. ऋतुराज गायकवाड़ अभी 26 साल के हैं और चेन्नई सुपर किंग्स के तरफ से सलामी बल्लेबाजी करने उतरते हैं.
एशियाई खेलों में खेलने से पहले ऋतुराज गायकवाड़ ने हांगझोऊ में धोनी की कप्तानी को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, उनकी कप्तानी अलग है और मेरी कप्तानी अलग है. हां मैं उनकी कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के तरफ से खेलता हूं. मैंने उनसे बहुत कुछ सिखा है. एमएस धोनी खेल की परिस्थिति के हिसाब से बल्लेबाजी और गेंदबाजी में बदलाव करते हैं. एमएस धोनी और मेरी कप्तानी अलग-अलग है. मैं मैदान पर अपनी कप्तानी के हिसाब से खेल को चलाऊंगा. माही भाई की दी हुई सिख को मैं परिस्थिति के हिसाब से जरूर अपने खेल में लाने का प्रयास करूंगा.