Durga Puja 2023 Photos: दसों विद्याओं की महादेवी के रूप में जिले के पूर्णिया सिटी स्थित पूरणदेवी मंदिर प्रसिद्ध है. इसे लोग शक्तिपीठ भी कहते हैं. यह मान्यता है कि देवी सबकी मुरादें पूरी करती हैं. हालांकि यहां सालों भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है पर नवरात्र में भक्तों की भीड़ काफी बढ़ जाती है. नवरात्र में यहां रोज पूजन अनुष्ठान के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचती हैं और दीप जलाती हैं. दुर्गा पूजा के दौरान इस मंदिर की रौनक देखते ही बनती है. भक्त भले ही शहर के पंडालों में मां दुर्गा का दर्शन न करें पर यहां आकर मां का दर्शन अनिवार्य रूप से करते हैं.
Durga Puja 2023 Photos: शहर के पूर्णिया सिटी में सौरा नदी के तट पर अवस्थित मां पूर्णेश्वरी काली का विशाल मंदिर आस्था का प्रतीक है, यहां नवरात्र में आस्था का मेला लगता है. काली मंदिर 200 सौ वर्ष पुराना है. यह पूर्णिया में लोक आस्था का प्रतीक बना हुआ है. पूर्णिया में लोग कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले यहां पूजा करने आते हैं. ऐसी अवधारणा है कि अमावस्या तिथि को आयोजित विशेष पूजा अनुष्ठान से मन्नत मांगने वालों की मन्नतें यहां पूरी होती हैं. इस मंदिर की ख्याति, बंगाल, उड़ीसा व नेपाल तक है. इस मंदिर की पहचान एक दर्शनीय स्थल के रूप में बनी हुई है. यही वजह है कि नवरात्र के दिनों यहां दिन-रात भक्तों का तांता लगा रहता है. पूजा के बाद हर कोई माता का भोग लेना नहीं भूलता.
Durga Puja 2023 Photos: पूर्णिया जिले से महज दस किमी की दूरी पर स्थित कसबा में एक गुप्त काली मंदिर है, जिसकी गुफा में मां वैष्णो देवी समेत कई देवी-देवता की प्रतिमा हैं. ऐसा माना जाता है कि यह 52वां शक्तिपीठ है जहां मां के पार्थिव शरीर की पूजा की जाती है. गुप्त काली मंदिर के नाम से मशहूर इस मंदिर में 108 देवी-देवताओं की प्रतिमा है. कहा जाता है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए आपको मां वैष्णो देवी के मार्ग में पड़ने वाली अर्घ कुमारी जैसी संकरी गुफा से होकर गुजरना पड़ता है. गुफा के बगल में माता वैष्णो देवी का मंदिर है, जहां मां वैष्णो देवी सहित दस महाविद्याएं हैं. इसके बाद नीचे गुप्त काली मंदिर है जहां माता का शरीर पड़ा हुआ है.
Durga Puja 2023 Photos: पूर्णिया जिले के कृत्यानंद नगर प्रखंड स्थित कामाख्या स्थान गांव में मां कामाख्या का मंदिर है. यह मुगलकालीन बताया जाता है. माता यहां क्षेम-करनी के रूप में विराजमान हैं. मान्यता है कि असम के कामरू कामाख्या मंदिर से मां यहां आई थीं, जिसके बाद यहां मुगल काल में ही उनके मंदिर का निर्माण किया गया था. कहते हैं यहां कुष्ठ रोगी का इलाज दैवीय कृपा से होता है. इसे भी शक्तिपीठ के रूप में माना जाता है. नवरात्र के दौरान यहां दूर-दराज से भक्त पहुंचते हैं और पूजन अनुष्ठान के बाद मन्नतें भी मांगते हैं. नवरात्र के दौरान इस मंदिर की रौनक भी बढ़ जाती है. यहां तंत्र साधना करने वाले भी नवरात्र के दौरान जुटते हैं.
Durga Puja 2023 Photos: पूर्णिया जिला मुख्यालय से महज दस किलोमीटर दूर चूनापुर स्थित माता मंदिर नवरात्र के दौरान दर्शनीय स्थल बन जाता है. यहां दूर दराज के श्रद्धालु मन्नतें लेकर आते हैं. यह मान्यता है कि निराश होकर आने वाले भक्त सच्चे मन से पूजा करने के बाद आशा और खुशी के साथ लौटते हैं. यही वजह है कि नवरात्र के दौरान यहां विशेष भीड़ जुटती है, जबकि सालों भर यहां पूजा-अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि करीब सौ वर्ष पुराने इस मंदिर में आने पर बीमार स्वस्थ हो जाते हैं और यहां दुखियों की फरियाद सुनी जाती है.