Shardiya Navratri 2023 Date: या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥’ हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इस बार नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 दिन रविवार से शुरू हो रही है. इस बार नवरात्रि की शुरुआत सूर्य ग्रहण काल में ही हो रही है. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि वर्ष 2023 का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को लग रहा है. इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को अश्विन अमावस्या के दिन कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा.
सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार की रात्रि 08 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर मध्यरात्री 02 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही नवरात्रि के प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 14 अक्टूबर 2023 के रात्रि 10 बजकर 46 मिनट से हो रहा है. शास्त्र के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के साथ ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है. इसीलिए इस बार नवरात्रि की शुरुआत ग्रहण काल से ही हो रही है. माना जा रहा है कि जगत जननी माता रानी का आगमन ग्रहण काल में ही धरती पर होगा. ऐसे में लोगों के बीच डर बना हुआ है कि सूर्य ग्रहण में ही नवरात्रि की शुरुआत हो रही तो ऐसे में देश दुनियां एवं जीव-जंतुओं पर इसका क्या पड़ने वाला है.
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि इस बार नवरात्रि की शुरुआत 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर हो जाएगी. इसी समय सूर्य ग्रहण भी लगा होगा. सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर देर रात 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. ऐसे में लोगों के अंदर आसमंजस की स्थिति बनी हुई है कि क्या सूर्य ग्रहण नवरात्रि की पूजा को भी प्रभावित करेगा. ज्योतिषों के मुताबिक, नवरात्रि की पूजा पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. नवरात्रि की पूजा में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है. घटस्थापना सूर्य ग्रहण के खत्म होने के बाद होगा.
ग्रहण को दूषित काल माना जाता है. ऐसे में सूर्य ग्रहण के बाद पूरे घर को गंगाजल से जरूर शुद्ध कर लें. इसके बाद तुलती के पौधे पर भी गंगाजल का छिड़काव करें. जब पूरा घर शुद्ध हो जाए उसके बाद स्नान कर साफ-कपड़े पहन लें और विधिपूर्वक घटस्थापना या कलश स्थापना करें. नवरात्रि की घटस्थापना शुभ मुहूर्त और विधि के साथ ही करनी चाहिए.
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घटस्थापना शुभ मुहूर्त आरंभ- 15 अक्टूबर 2023 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर
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कलश स्थापना शुभ मुहूर्त समाप्त- 15 अक्टूबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक
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शारदीय नवरात्रि 2023 तिथि- 15 अक्टूबर 2023
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शारदीय नवरात्रि 2023 समापन तिथि- 24 अक्टूबर 2023
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, ग्रहण काल में मां दुर्गा का आगमन शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के प्रभाव देने वाला बताया गया है. मान्यता है कि जब- जब माता का आगमन किसी भी ग्रहण काल में हुआ है तब-तब देश दुनिया सहित मानव जीवन पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला है. इस बार ग्रहण में माता रानी का आगमन होने से भूकंप, सुनामी, महामारी, बाढ़ सहित मानव जीवन पर भी इसका असर पड़ेगा. मानव जीवन में कई तरह के बदलाव आयेंगे, उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा. शरीर में त्वचा संबंधित रोगों की उत्पति हो सकती है. लेकिन शुभ संकेत ये भी है कि इन सभी समस्याओं का देश- दुनिया पर अधिक समय तक प्रभाव नहीं रहेगा. इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र में बताया गया कि अगर माता का आगमन हाथी पर होती है तो इन सभी तबाहियों का ज्यादा असर नहीं देखने को मिलेगी.
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देवी भागवत पुराण के अनुसार, देवी दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है. हाथी वाहन धन-धान्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में इस साल माता रानी अपने साथ ढेरों खुशियां लेकर आ रही हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भी मां दुर्गा हाथी पर सवार होतक धरती पर आती हैं उस साल देश में खूब वर्षा होती है. देश में धन-धान्य और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जब भी नवरात्रि का पहला दिन रविवार या सोमवार को पड़ता है तो देवी मां हाथी पर सवार होकर धरती पर आती है. बता दें कि मां दुर्गा का वाहन शेर है लेकिन नवरात्रि पर माता रानी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं.
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि इस बार नवरात्रि तिथि की शुरुआत रविवार के दिन और समाप्ति 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को हो रही है. देवी दुर्गा का आगमन और प्रस्थान दोनों की सवारी अलग-अलग होगी. इस साल देवी मां जहां हाथी पर सवार होकर आएंगी, वहीं प्रस्थान मुर्गा पर करेंगी. यह वाहन शुभ नहीं माना जाता है. माता रानी का यह वाहन दुख-तकलीफ और कष्ट का संकेत देता है. इसके अलावा मुर्गा वाहन राजतंत्र के लिए अशुभ माना जाता है.