संजय कुमार अभय, गोपालगंज. जिले के बैंकों में 26 करोड़ से ज्यादा की रकम लावारिस पड़ी है. ये आंकड़े सिर्फ नौ बैंकों की विभिन्न शाखाओं के हैं, यानी रकम बढ़ सकती है. जिन खातों में यह रकम है, उसमें 10 साल से कोई लेनदेन हुआ ही नहीं है. इसमें हथुआ के एक सरकारी विभाग की भी राशि शामिल है. यही नहीं, रकम के दावे के लिए भी बैंक तक कोई नहीं पहुंचा है. बैंक अधिकारियों का कहना है कि बैंकों की ओर से ब्योरा तैयार कराया जा रहा है.
लावारिस रकम के भुगतान के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन
लावारिस रकम के भुगतान के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले लोगों को ये रुपये लौटाये जायेगे. हालांकि, ये दावा बैंक के हैं, बैंक अधिकारियों के अनुसार, तमाम ऐसे लोग रुपये जमा कराते हैं, जिनकी रकम नहीं निकल पाती है. कभी उनका नाॅमिनी नहीं होने से, तो कभी ग्राहक की मृत्यु होने, दूसरे शहरों में चले जाने या अन्य दूसरे वजहों से लोग इसे भूल जाते हैं. छोटी रकम होने के कारण कागजी प्रक्रिया पूरा नहीं कर पाने के कारण भी कई लोग राशि छोड़ देते हैं. ऐसे बैंक खातों में 10 साल कोई लेन-देन नहीं होने पर संचालन बंद कर दिया जाता है.
आरबीआइ ने जारी किया उद्गम पोर्टल
रकम आरबीआइ (रिजर्व बैंक आफ इंडिया) की यूआइटी (यूनिट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) में भेज दी जाती है. ऐसी रकम को लोगों को लौटाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से इसके लिए उद्गम पोर्टल (अनक्लेम्ड डिपाॅजिट गेटवे टू एक्सेस इन्फाॅर्मेशन) जारी किया गया है. इस पर आवेदन करके कोई भी व्यक्ति बैंक में जमा रकम के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है. जिले में 13 बैंक संचालित हैं. इसमें नौ बैंकों की लावारिस रकम जुटा ली गयी है. रिजर्व बैंक आफ इंडिया के निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है. हालांकि अभी कुछ बैंकों की ओर से लावारिस धनराशि का ब्योरा तैयार नहीं हो सका है.
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लावारिस खातों के वारिस हैं तो अलर्ट रहें
ऐसे में अगर लावारिस खातों के वारिस हैं, तो सतर्क रहें, वरना रकम हजम हो जायेगी. बैंकों में सक्रिय बिचौलिया सेटिंग कर राशि को हजम कर सकते हैं. बाद में जांच का पेंच फंस जायेगा.
आवेदन होने पर सामने आयेगी गड़बड़ी
जिले के नौ बैंकों में जमा अधिकांश छोटी रकम को लेकर लोग गंभीरता नहीं दिखाते. ऐसी रकम का गोलमाल भी हो जाता है. बैंकों में आने-जाने वाले बिचौलिये उन लोगों को ठीक से जानते हैं, जिनकी मौत हो जाती है या किसी दूसरे के कारण से खाता बंद हो जाता है. उनके खातों की रकम के लिए कोई दावेदारी नहीं करता है, तो उसे हड़प लिया जाता है. माना जा रहा है कि जब लोग आवेदन करेंगे, तो ऐसे मामले भी सामने आयेंगे. अभी कोई प्रकरण सामने नहीं आया है, यदि किसी ने दावा किया, तो जांच करायी जायेगी.
अनक्लेम्ड धनराशि के लिए आरबीआइ ने बनाया पोर्टल
लीड बैंक मैनेजर जितेंद्र जमुआर ने कहा कि बैंकों में जमा अनक्लेम्ड धनराशि की जानकारी के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से इसके लिए उद्गम पोर्टल (अनक्लेम्ड डिपाॅजिट गेटवे टू एक्सेस इन्फाॅर्मेशन ) जारी किया गया है. इस पर आवेदन करके कोई भी व्यक्ति बैंक में जमा रकम के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है.