लखनऊ: 69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी शुक्रवार को अचानक सीएम आवास का घेराव करने पहुंच गये. अचानक भारी संख्या में शिक्षकों को देखते ही 5 कालीदास मार्ग के मुख्य गेट पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी. साथ ही पुलिस को सूचना दी गयी. जब तक पुलिस पहुंचती शिक्षक अभ्यर्थी नारेबाजी करते हुए नारेबाजी करने लगे. कुछ देर बाद पहुंची पुलिस सभी को हटाने का प्रयास करने लगे, लेकिन शिक्षक अभ्यर्थी चौराहे पर ही बैठ गये. इससे वहां ट्रैफिक बाधित होने लगा. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने शिक्षकों को हिरासत में लेने की कोशिश की. इससे दोनों पक्षों में खींचतान शुरू हो गयी. काफी मुश्किलों से पुलिस प्रदर्शनकारियों को इको गार्डन ले जाने में सफल हो पायी.
69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों के धरना प्रदर्शन का शुक्रवार 13 अक्टूबर को 67वां दिन था. एक दिन पहले गुरुवार को इन लोगों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया था. शुक्रवार को वह अचानक मुख्यमंत्री आवास पहुंच गये. पुलिस व एलआईयू को चकमा देखकर शिक्षक अभ्यर्थी जब पांच कालीदास मार्ग के मुख्य चौराहे पर पहुंचे तो वहां हड़कंप मच गया. सभी शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी हाथों में बैनर लिये हुए थे. उनकी मांग थी कि 11 महीने पहले के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सरकार मानें.
अभ्यर्थियों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती के एक सवाल में शैक्षिक परिभाष को गलत पाए जाने पर एक अंक बढ़ाकर मेरिट बनाने और चयन करने का निर्देश दिया है. यह आदेश 9 नवंबर 2022 को जारी हुआ था. लगभग 11 महीने बीतने के बावजूद विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मान नहीं रही है. इसी के चलते उनके पास धरना-प्रदर्शन के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है. एक शिक्षक अभ्यर्थी ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के डबल बेंच के 25 अगस्त 2021 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था.
परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने 2249 लोगों की सूची बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को भेजी है. अब परिषद को भर्ती में अंतिम चयनित अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए चयन सूची तैयार करना है. लेकिन लगातार इस मामले में टालू रवैया अपनाया जा रहा है.
69 हजार शिक्षक भर्ती अपनी मांगों को लेकर कभी ईको गार्डन तो कभी मंत्री आवास तो कभी बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव करते हैं. पुलिस व जिला प्रशासन से इनकी आंख मिचौनी चलती रहती है. इस धरना-प्रदर्शन को लगभग 66 दिन हो गये हैं. इस दौरान अभ्यर्थियों ने सुंदर कांड का पाठ किया. कई अभ्यर्थी धरना-प्रदर्शन को दौरान बीमार भी हुए लेकिन इनका मनोबल नहीं टूटा. यहां तक कि कई त्योहार भी इन अभ्यर्थियों ने धरना स्थल ईको गार्डन पर मनाए. अब यह लड़ाई आर-पार की स्थिति में पहुंच गयी है.
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