पटना. मुजफ्फरपुर जिले के महबल में लेदर पार्क स्थापित किया जायेगा. इसके लिए उद्योग विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार लेदर पार्क के लिए 62.17 एकड़ जमीन आवंटित की गयी है. व्यवस्थित तौर पर राज्य में संभवत: यह पहला लैदर पार्क होगा. सरकार के विशेष सचिव दिलीप कुमार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक महबल में ही राज्य का एक नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होने जा रहा है. इसके लिए 28.66 एकड़ जमीन दी गयी है. बियाडा को यह जमीन सौंप दी गयी है.
90 एकड़ से अधिक जमीन औद्योगिक उपयोग के लिए आवंटित
विशेष सचिव के मुताबिक मोतीपुर सुगर मिल की जमीन लैदर पार्क और औद्योगिक क्षेत्र को आवंटित की गयी है. इस तरह 90 एकड़ से अधिक जमीन औद्योगिक उपयोग के लिए आवंटित कर दी गयी है. आधिकारिक जानकारी क मुताबिक मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों में लेदर के कुशल मजदूरों की संख्या काफी आधिक है. वहां हाल ही में काफी लेदर यूनिट भी आयीं हैं. इसलिए उद्योग विभाग ने महबल में लेदर पार्क और अन्य औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना करने का निर्णय लिया है. दिसंबर में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर मीट को लेकर भी यह एक अहम लैंड बैंक होगा.
रद्द औद्योगिक यूनिटों को दी जायेगी एकमुश्त माफी
इधर, बियाडा ने बिहार में रद्द औद्योगिक इकाइयों के लिए एकमुश्त माफी नीति, 2023 (वन टाइम एमनेस्टी पॉलिसी ) घोषित कर दी है. यह नीति 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी. दरअसल ऐसी निरस्त औद्योगिक इकाइयां को जो तीन माह में उत्पादन और छह माह के अंदर कुल क्षमता का 75 प्रतिशत उत्पादन शुरू कर देंगी. उन्हें एक मुश्त माफी नीति के तहत लाभ मिलेगा. उनसे संबंधित रद्दीकरण आदेशों को बियाडा निरस्त कर देगा. हालांकि यूनिट को उत्पादन शुरू करने संबंधी शर्त के पालन के लिए वचन पत्र देना होगा.
मुकदमों में आयेगी कमी
यह नीति औद्योगिक मामलों को लेकर बढ़ रही मुकदमेबाजी को कम करने के लिए लायी गयी है. नीति के मुताबिक बियाडा की तरफ से रद्द की गई उन इकाइयों को उद्योग स्थापित करने और अंडरट्रायल /वाणिज्यिक उत्पादन में आने के लिए एकमुश्त माफी की अनुमति दी जाएगी. जिन इकाइयों का आवंटन रद्द कर दिया गया है. ऐसी इकाइयों ने अगर एक अक्तूबर 2023 से पहले अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील या माननीय उच्च न्यायालय, पटना में रिट याचिका दायर कर रखी है. अगर वे अपील या याचिका वापस ले लेते हैं तो वह इस नीति के तहत आवेदन कर सकते हैं. हालांकि आवेदक इकाई आवंटन की मूल शर्तों के अनुसार स्वीकृत और निर्मित होने की अनुमति वाले उत्पाद में कोई बदलाव /संशोधन नहीं कर सकेगी.
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ये होंगी शर्तें
इकाई आवेदन के समय बियाडा के सभी बकाया का भुगतान करेगी. बियाडा इकाई की भूमि के वर्तमान मूल्य की 10 % राशि की बैंक गारंटी प्रदान करेगा. यदि इकाई निर्धारित समय के भीतर परीक्षण/व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने में विफल रहती है, तो बियाडा की तरफ से बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी. तीन/छह महीने का समय पूरा होने पर बियाडा इस पॉलिसी का लाभ उठाने वाली आवेदक इकाई के परिसर का निरीक्षण करेगा. अगर इकाई ने पालिसी का पालन नहीं किया तो वह बियाडा कार्यवाही के लिए स्वतंत्र होगा. जिन औद्योगिक इकाइयों में जनवरी 2020 से पहले औद्योगिक उत्पादन बंद हो गया हो वह इस एक मुश्त माफी नीति के पात्र नहीं होंगी. इसके अलावा वे इकाइयां जिनकी अपील अपीलीय प्राधिकारी खारिज कर चुके हैं और उन इकाइयों ने 30 सितंबर 2023 तक कोई रिट याचिका दायर नहीं की है, वे माफी नीति के लिए पात्र नहीं होंगी.