surya grahan 2023: आज रात्रि 08 बजकर 34 मिनट से मध्यरात्रि 02 बजकर 46 मिनट तक सूर्य ग्रहण लगेगा. इसके साथ ही आज पितृ पक्ष का आखिरी दिन भी है, जिसे सर्व पितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग अपने पितरों को विदाई देते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंड दान करते हैं. कहा जाता है कि जिन जातक के पूर्वज मृत्यु को प्राप्त हो चुके है लेकिन उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंड दान करने के लिए निर्धारित तिथि पता नहीं है तो ऐसे लोग आज यानी सर्व पितृ अमावस्या पर पिंड दान कर सकते है. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि आज के दिन पिंड दान करने से पितरों की कृपा एवं उनका आशीर्वाद हमारे ऊपर हमेशा बना रहता है. लेकिन सूर्य ग्रहण के दौरान अगर आप कुछ गलतियां करते है तो आपके जीवन में कई तरह की समस्या उत्पन्न हो जाएगी. आइए जानते है इस ग्रहण काल में किन- किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
-
– ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक निगेटिविटी फैल जाती है. इसलिए घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए.
-
– ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, खासकर भोजन करना या खाना नहीं बनाना चाहिए.
-
– गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपना खास ख्याल रखना चाहिए, उन्हें किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए.
-
– सुई में धागा नहीं डालना चाहिए.
-
– किसी भी प्रकार की सामग्री को काटना या छीलना नहीं चाहिए.
-
– कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिए.
-
– इसके साथ ही जब तक ग्रहण समाप्त न हो उस समय तक आप पूजा-पाठ कर सकते है.
-
– इस दौरान सूर्यदेव के मंत्रों का तेज आवाज़ में उच्चारण करना चाहिए.
-
– आप ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जप करते है तो आपके आस-पास निगेटिविटी नहीं रहेगी. वह मन्त्र है – ‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः’
-
– जब ग्रहण शुरू हो तब थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और जब ग्रहण समाप्त हो जाए तब उस कपड़े और अनाज को आदर सहित, किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान बिस्तर पर सीधा होकर लेट जाना चाहिए. जब तक ग्रहण पड़े तब तक करवट नहीं लेनी चाहिए. गर्भवती महिलाओं को गलती से भी चाकू, छुरी जैसी धारदार चीजों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई या काटने-छीलने के काम से बचना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए. इस दौरान घर के अंदर रहना बेहतर होता है. ग्रहण के समय उत्सर्जित होने वाली नकारात्मक ऊर्जा गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है. गर्भवती महिला को ग्रहण काल में बिना देव मूर्ति स्पर्श किए जप करना चाहिए.
Also Read: Shardiya Navratri 2023 Live: शारदीय नवरात्र कल से शुरू, इस शुभ योग में करें घटस्थापना, जानें पूजा विधि-मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वह भोजन ना करें. इस दौरान वह केवल फलाहार करें. इसके अलावा किसी भी तरह की नुकीली वस्तुओं से दूर रहें. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि सूर्य ग्रहण के दौरान बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए. ग्रहण जब खत्म हो जाए तब सबसे पहले गर्भवती महिलाओं को स्नान करना चाहिए, अगर यह संभव हो तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से गर्भ में पल रहें बच्चे के ऊपर किसी भी प्रकार का संकट उत्पन्न नहीं होता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं सूर्य देव की पूजा कर सकती हैं. इसके अलावा उन्हें आदित्यहृदय स्त्रोत और सूर्या अष्टक स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ग्रहण के प्रकोप से खुद को और अपने गर्भस्थ शिशु को बचाने के लिए गर्भवती महिलाओं को मंत्रों का जाप करना चाहिए. मंत्रों का जाप करने से गर्भवती महिलाओं के ऊपर तरंगों का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. माना जाता है कि ग्रहण काल में किसी मंत्र के जाप से ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि उसका हजार गुना फल प्राप्त होता है. ग्रहण काल में संकल्प लेकर ग्रहण के बाद इसे ब्राह्मण को दान देना चाहिए.
Also Read: Sarva Pitru Amavasya 2023: आज सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण, जानें श्राद्ध को लेकर क्या है विधान और उपाय
ग्रहण अगर आपकी राशि या नक्षत्र में लग रहा हो तो ग्रहण काल में अपने राशि स्वामी या नक्षत्र स्वामी के मंत्र का जाप करें. सूर्य ग्रहण के तुरंत बाद स्नान जरूर करना चाहिए. इसके बाद गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करना शुभ माना जाता है. कांसे की कटोरी में थोड़ी सी घी भरकर तांबे का सिक्का डालकर अपना मुंह देख कर दान करने से सूर्य ग्रहण का प्रभाव कम होता है. ग्रहण के बाद छह नारियल अपने सिर पर से वार कर जल में प्रवाहित करें. सूर्य ग्रहण के समय तिल, नींबू और पका केला बहते पानी में बहाने से लाभ होता है.